चीनी सेहत के लिए कई तरीकों से नुकसानदायक होती है। ऐसे में लोग कई बार इसे रिप्लेस करने के लिए आर्टीफिशियल स्वीटनर को चुनते हैं, लेकिन यह सेहत के लिए कुछ मायनो में चीनी से भी अधिक नुकसानदायक साबित हो सकता है। कई बार आर्टीफिशियल स्वीटनर खाने या इससे बनी ड्रिंक पीने से शरीर में एंड्रोटॉक्सिन्स का लेवल बढ़ सकता है। हाल ही में जर्नल न्यूट्रीएंट्स में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक आर्टीफिशियल स्वीटनर सुक्रालेज एंड्रोटॉक्सिन्स के स्तर को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार नहीं होती है।
क्या सुक्रालोज सेहत के लिए हेल्दी है?
दरअसल, यूनिवर्सिटी ऑफ वेइना (University of Vienna) ऑस्ट्रिया के शोधकर्ताओं के मुताबिक सुक्रालोज का सेवन करना बैक्टीरियल एंड्रोटॉक्सिन्स के स्तर के बढ़ने का कारण नहीं बनता है। यह चीनी की तुलना में टॉक्सिन्स बढ़ाने में कम जिम्मेदार माना जाता है। शोधकर्तोओं ने स्टडी में कुछ लोगों को शामिल किया जिसमें उन्हें सुक्रोज युक्त ड्रिंक पिलाई गई। वहीं कुछ लोगों को आर्टीफिशियल स्वीटनर सुक्रालोज युक्त ड्रिंक दी गई। जिसमें देखा गया कि सुक्रोज यानि चीनी की ड्रिंक पीने वालों के ब्लड प्लाजमा में बैक्टीरियल एंड्रोटॉक्सिन का स्तर बढ़ा था। दरअसल, यह एक प्रकार के बैक्टीरिया का समूह है, जो धूल, गंदगी या फिर जानवरों के वेस्ट में पाया जाता है।
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आर्टीफिशियल स्वीटनर के नुकसान
- अगर आप आर्टीफिशियल स्वीटनर का ज्यादा सेवन करते हैं तो यह शरीर के लिए कई तरीकों से नुकसानदायक हो सकता है।
- इसका सेवन करने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है, जिससे धीरे-धीरे हार्ट से जुड़ी समस्याओं का भी जोखिम हो सकता है।
- कई मामलों में इसका ज्यादा सेवन करना कैंसर के जोखिम को भी बढ़ाता है।
- डायबिटीज के रोगियों के लिए भी यह खतरे का सबब बन सकता है। अगर आप पहले से ही डायबिटीज से पीड़ित हैं तो ऐसे में इसे खाने से परहेज करें।
क्या है सुक्रालोज?
दरअसल, सुक्रालोज एक प्रकार का आर्टीफिशियल स्वीटनर है, जिसे स्पेंडा के नाम से भी जाना जाता है। इसमें चीने के मुकाबले बेहद कम कैलोरी होती है। कुछ मामलों में आप इसे चीनी की जगह पर इस्तेमाल कर सकते हैं। इसपर हुई कुछ पुरानी स्टडी की मानें तो इसके इस्तेमाल से शरीर में वसा की मात्रा नहीं बढ़ती है। वहीं चीनी खाने से मोटापा तेजी से बढ़ता है।