शिशु की देखभाल के लिए उनकी हर एक छोटी से छोटी बात का ख्याल रखना बहुत ही जरूरी होता है। जन्म से लगभग 6 माह तक शिशुओं को मां का दूध दिया जाता है। इसके बाद उन्हें अन्य दूध देने की सलाह दी जाती है। कई लोग शिशुओं को डिब्बाबंद दूध देते हैं, तो वहीं कई लोग उन्हें गाय का दूध देते हैं। गाय और भैंस के दूध को शुद्ध माना जाता है। हम में से कई लोग हैं, जिनका यह मानना है कि कच्चा दूध गर्म दूध की तुलना में अधिक फायदेमंद है। ऐसे में शिशुओं को कच्छा दूध दिया जा सकता है। वहीं, कई लोग इसे लेकर दो राय रखते हैं। अगर आपके मन में भी यह सवाल चल रहा है कि कच्चा दूध शिशुओं को देना चाहिए या नहीं? तो आइए डायटीशियन से जानते हैं इस सवाल का जबाव। शिशुओं के लिए कच्चा दूध फायदेमंद है या नहीं, इस बारे में हमें डाइट मंत्रा क्लीनिक की डायटीशियन कामिनी कुमारी से बात की। आइए जानते हैं क्या कहना है डायटीशियन कामिनी कुमारी का-
क्या होता है कच्चा दूध?
कच्चा दूध ऐसे दूध को कहते हैं, जिसे उबाला ना गया हो। पशुओं से दूध निकालने के बाद बच्चों को देने से पहले उस दूध को कई लोग एक नॉर्मल तापमान पर उबालते हैँ। दूध उबालने से इसमें मौजूद कई इम्यून फैक्टर्स खत्म हो जाते हैं। साथ ही इसमें कई प्रोटीन और विटामिंस भी खत्म होने की संभावना होती है। ऐसे में कई लोगों का मानना होता है कि बिना उबला हुआ दूध सेहत के लिए अधिक फायदेमंद होता है।
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क्या कच्चा दूध शिशुओं के लिए है फायदेमंद?
डायटीशियन कामिनी कुमारी का कहना है कि कच्चा दूध शिशुओं के लिए फायदेमंद हो सकता है। बशर्ते यह लंबे समय तक ना रखे गया हो। अगर आप कच्चे दूध को 2 घंटे से अधिक समय तक रखते हैं, तो यह शिशु को फायदा पहुंचाने के बजाय नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए ध्यान रहे कि आपको कच्चा दूध देने से पहले कुछ बातों का ख्याल रखना होगा।
डायटीशियन का कहना है कि बाहर से लाया गया कच्चा दूध शिशु के लिए नुकसानदेय हो सकता है। क्योंकि हमें यह मालूम नहीं होता कि यह दूध गाय-भैंस से कब निकाला गया होगा। अधिक समय तक कच्चा दूध रखने से इसके सारे गुड बैक्टीरिया मर जाते हैं, जो शिशु को नुकसान दे सकते हैं। वहीं, अगर आपके घर में गाय-भैंस है, तो आप समय का ध्यान रखकर कच्चा दूध उन्हें दे सकते हैं।
लंबे समय तक रखे कच्चे दूध का नुकसान
डायटीशियन कामिनी बताती हैं कि लंबे समय तक अगर कच्चे दूध को रखा जाए, तो इसमें मौजूद गुड बैक्टीरिया खत्म हो जाते हैं। ऐसा दूध अगर आप शिशु को पिलाते हैं, तो इससे उन्हें दस्त, उल्टी, फूड पॉइजनिंग जैसी समस्या हो सकती है। इसलिए बाहर से आए दूध को उबालना ही आपके लिए बेहतर हो सकता है। बाहर से आए दूध में हानिकारक बैक्टीरिया मौजूद हो सकते हैं, जिसे आप उबालकर खत्म कर सकते हैं। इसके अलावा बाहर के दूध को पाश्चराइज करना अधिक बेहतर होता है। शिशुओं को देने वाला दूध सुरक्षित होना चाहिए, इसलिए ध्यान रखें कि बाहर का दूध पाश्चराइज हो। बाहर से लाए गए कच्चे दूध से शिशु को नुकसान हो सकता है। इसके अलावा कुछ अन्य नुकसान निम्न हैं -
लंबे समय तक रखे कच्चे दूध में सालमोनेला, लिस्टीरिया और ई-कोली जैसे बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जो शिशुओं के इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है। इससे आपका शिशु काफी बीमार हो सकता है।
- आउटब्रेक्स होने की बढ़ सकती है संभावना
- गंभीर बीमारियों को हो सकता है खतरा
- कुछ बच्चों को कच्चे दूध से एलर्जी भी हो सकती है।
घर का कच्चा दूध पीने के फायदे
डायटीशियन कामिनी का कहना है कि पशुओं से निकालने के बाद करीब 2 घंटे के अंदर अगर आप इस दूध को शिशुओं को पिलाती हैं, तो इससे उन्हें फायदा हो सकता है। जो निम्न हैं-
- इम्यूनिटी पावर होता है विकसित
- शरीर को मिलता है भरपूर प्रोटीन
- एलर्जी और स्किन हेल्थ होता है बेहतर
- हष्ट-पुष्ट हो सकता है शरीर
- जिन बच्चों को लेक्टोज इनटोलरेंस होता है, उनके लिए कच्चा दूध फायदेमंद माना जाता है।
- शारीरिक विकास में असरकारी
- डाइजेशन को देता है बढ़ावा।
बच्चे कैसे पिलाएं गाय का दूध
मां का दूध छोड़ने के बाद अधिकतर बड़े-बुजुर्गों की सलाह होती है कि डिब्बाबंद दूध के बजाय उन्हें गाय का दूध दें। ऐसा माना जाता है कि मां के दूध के बाद अगर कोई ऐसा दूध है, जो बच्चों को संपूर्ण पोषक तत्व प्रदान करे, तो वह है गाय का दूध। हालांकि, यह मां के दूध की तुलना में काफी पतला होता है। इसलिए आपके बच्चे को इसका स्वाद पसंद ना आए। इसलिए गाय का दूध पिलाने में थोड़ी मुश्किल आ सकती है। चलिए जानते हैं बच्चे को किस तरह दें गाय का दूध-
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1. शुरुआत में आप बच्चे को थोड़ा-थोड़ा करके गाय का दूध दें।
2. अगर बच्चा बोतल से दूध नहीं पी रहा है, तो चम्मच से घूंट-घूंट कर उन्हें दूध देने की कोशिश करें।
3. शुरुआती दौर में बच्चे के दूध में कोई खाद्य पदार्थ ना मिक्स करें।
4. 1-2 दिन बीच-बीच में रुककर गाय का दूध दें।
5. नाश्ते के वक्त दूध पीने की आदत डालें।
दूध बच्चों के लिए बहुत ही जरूरी है। इसलिए उन्हें नियमित रूप से दूध पिलाएं। कच्चा दूध देने से पहले यह सुनिश्चित करें कि दूध ज्यादा समय से रखा ना हो। बाहर का कच्चा दूध देने से बचें। साथ ही एक्सपर्ट की सलाहनुसार ही उनके आहार में किसी तरह का बदलाव करें।
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