क्या कैमरे के फ्लैश से छोटे बच्चों की आंखों को पहुंचता है नुकसान? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

कैमरे की फ्लैश लाइट शिशु की आंखे खराब कर सकती हैं या नहीं? अगर इस सवाल को लेकर आप कंफ्यूज हैं, तो आइए जानते हैं इस बारे में-

Kishori Mishra
Written by: Kishori MishraUpdated at: Mar 10, 2021 15:41 IST
क्या कैमरे के फ्लैश से छोटे बच्चों की आंखों को पहुंचता है नुकसान? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

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बढ़ती टेक्नोलॉजी और आधुनिकता ने लोगों की जिंदगी को काफी ज्यादा आसान कर दिया है। आज के समय में हम अपनी हर एक छोटी से छोटी ख्वाहिश को चुटकी बजाते ही पूरा कर सकते हैं। पहले जहां हर किसी को अपनी यादों को सहेज कर रखना मुश्किल होता था। तो आज वहीं, लोग अपने हर एक छोटे से छोटे पलों को मोबाइल कैमरे में कैद करके रखने लगे हैं। इन्हीं पलों में से एक है, मां-बाप बनने का पल। यह शायद हर एक पेरेंट्स के लिए खुशियों से भरा पल होगा और इस पल को हर कोई सहेज कर रखना चाहता होगा। आज की बढ़ती टेक्नोलॉजी ने लोगों की इस ख्वाहिश को पूरा भी किया। आज हर एक पेरेट्स शिशु के पैदा होते ही, उसकी पहली क्लिक लेकर सोशल मीडिया पर अपनी खुशियां जाहिर करने लगा है। जाहिर सी बात है कि इस पल को हर कोई संजो कर रखना चाहेगा। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि नवजात के लिए कैमरे की फ्लैश लाइट सही है या नहीं? अगर आपके मन में इस तरह के सवाल हैं, तो आइए जानते है इस बारे में -

क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

श्यामा आई केयर हॉस्पिटल के आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर दीपक का कहना है कि  फ्लैश लाइट से शिशुओं की आंखें खराब हो जाती हैं, इसे लेकर अभी तक कोई ठोक सबूत नहीं मिले हैं। हालांकि, नवजात शिशुओं की आंखों पर डायरेक्ट लाइट नहीं पड़ना चाहिए। आप सुरक्षित तरीके से अपने शिशु की फोटोज क्लिक कर सकते हैं। इससे उनकी आंखों पर किसी तरह का (child Care) प्रभाव नहीं होगा।

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कैमरे का फ्लैश क्या नवजात के आंखों पर डालता है प्रभाव? (Is Flash Light Damage your Newborn Baby Eyes)

नवजात शिशु को कैमरे की फ्लैश से परेशानी होती है या नहीं, इसे लेकर अबतक कई तर्क-वितर्क दिए जा चुके हैं। कई एक्सपर्ट का मानना होता है कि कैमरे की तीव्र फ्लैश लाइट नवजात शिशु की सेंसिटिव आंखों पर प्रभाव डाल सकता है। कैमरे की तीव्र लाइट से शिशु की आंखें खराब होने की संभावना बढ़ सकती है। वहीं, कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि कैमरे की लाइट्स से शिशु के आंखों पर उतना प्रभाव नहीं पड़ता है, जिसका किसी अन्य लाइट्स (जैसे- तेज धूप, ट्यूबलाइट्स) से पड़ता है। इन लाइट्स से शिशु की आंखें कुछ देर के लिए चकाचौंध हो जाती है। हालांकि, इन लाइट्स से भी बच्चों की आंखें खराब नहीं होती हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि हालांकि, कुछ परिस्थितियों में कैमरे की लाइट्स शिशु की आंखों पर असर डाल सकती हैं। जैसे अंधेरे कमरे में फोटोग्राफी (Photography camera) करने से आपके शिशु की आंखे जा सकती है। क्योंकि अंधेरे में लाइटिंग इफेक्ट उत्पन्न होता है, जिससे आंखों की रेटिना में स्ट्रेस बढ़ने की संभावना होती है। इसलिए कभी भी कम लाइट या फिर अंधेरे से भरे कमरे में फोटोग्राफी करने से बचें। अंधेरे कमरे में फोटोग्राफी से बड़ों की आंखों पर भी असर पड़ सकता है।  

क्या कैमरे के फ्लैश से शिशु हो सकता है अंधा?

कई बार आपने लोगों को कहते सुना होगा कि कैमरे की लाइट से शिशु की आंखें खराब हो सकती है। लेकिन ऐसा नहीं है, रिसर्च के मुताबिक कैमरा फ्लैश से शिशु की आंखों को किसी तरह की हानि नहीं होती है। इसलिए आप कैमरे के फ्लैश का इस्तेमाल कर सकते हैं। तीव्र लाइट से आंखों की सुरक्षा के लिए आंखों के ऊपरी सतह पर मौजूद प्यूपिल सिकुड़ने लगती है। लेकिन 1 माह से कम उम्र के शिशु में प्यूपिलरी रिएक्शन डेवलप नहीं हुआ होता है। ऐसे में उनकी आंखों की प्यूपिल ब्राइट फ्लैश से उनके आंखों की सुरक्षा नहीं कर पाती हैं। लेकिन एक्सपर्ट का मानना है कि कैमरे की फ्लैश लाइट में उतनी ज्यादा लाइट नहीं होती है, जिसकी शिशु की आंखें पूरी तरह से खराब हो जाए। हां, अगर उनकी आंखों पर डाइरेक्ट फ्लैश पड़े, तो थोड़ी सी चकाचौंध हो सकती हैं। जो बाद में नॉर्मल हो जाती हैं। इसके अलावा नॉन-स्टैंडर्डाइज कैमरे (शादी-पार्टी में इस्तेमाल होने वाला कैमरा) में चमकने वाली लाइट का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, इसलिए ऐसी लाइट आंखों को प्रभावित कर सकती हैं। इसलिए 1 माह से कम उम्र के शिशु को इस तरह की लाइट्स से दूर रखना ही बेहतर होता है।

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नवजात की आंखें होती हैं सेंसटिव, इसलिए रखें इन बातों का ख्याल

बड़ों की तुलना में नवजात शिशु की आंखें काफी ज्यादा सेंसटिव होती हैं, इसलिए माता-पिता को अपने शिशु की आंखों की सुरक्षा के लिए कुछ बातों का ख्याल रखना बहुत ही जरूरी होता है। आइए जानते हैं इस बारे में-

नुकीली चीजों से शिशु को रखें दूर - माता-पिता को अपने शिशु को नुकीली चीजों से दूर रखना चाहिए। क्योंकि अगर किसी तरह से बच्चों की आंखों में यह नुकीली चीज चली जाए, तो उनकी रैटिना डैमेज हो सकती है। जिसके परिणामस्वरूप शिशु की आंखें हमेशा के लिए जा सकती हैं।
आँखों को अधिक ना मलें - छोटे बच्चों को आंखें मलने की आदत काफी ज्यादा होती है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि आपका बच्चा ज्यादा समय तक आंखे ना मले। क्योंकि लगातार आंखें मलने से बच्चे की आंखें डैमेज हो सकती है।

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डायरेक्ट आंखों पर लाइट ना पड़ने दें - बच्चों की आंखों पर डायरेक्ट लाइट ना पड़ने दें। सीधा लाइट पड़ने से इसका असर आंखों पर पड़ता है।

इन सभी बातों से आप समझ गए होंगे कि नॉर्मल तरीके से खींची हुई फोटो बच्चों की आंखों को खराब नहीं करती है। इसलिए हमेशा फोटो सुरक्षित तरीके से लें। ताकि आप अपने खुशियों के पल को हमेशा के लिए संजो सकें। लेकिन ध्यान रहे कि फोटो को अंधेरे में ना लें और अधिक लाइट से बचें।

 

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