Is Orthodontic Treatment Safe In Hindi: ओरल हेल्थ फाउंडेशन की मानें तो ऑर्थोडोंटिक ट्रीटमेंट टेढ़े-मेढ़े दांतों को सीधा करने की प्रक्रिया को कहते हैं। इससे दांतों का लुक बेहतर होता है और इनके काम करने की क्षमता में भी सुधार होता है। इसके अलावा, ऑर्थोडोंटिक ट्रीटमेंट की मदद से दांता लंबे समय तक स्वस्थ रहते हैं, जबड़ों से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं और दांतों में सड़न, मसूड़ां में जर्म्स जैसी परेशानियों में भी कमी आती है। यही नहीं, ऑर्थोडोंटिक ट्रीटमेंट की मदद से दांतों को मजबूती भी मिलती है, क्योंकि सभी दांत समान रूप से सक्रिय हो जाते हैं।
ऑर्थोडोंटिक ट्रीटमेंट की किसको जरूतर होती है
जैसा कि पहले ही बताया गया है कि ऑर्थोडोंटिक ट्रीटमेंट टेढ़े-मेढ़े दांतों को सीधा करने की प्रक्रिया होता है। इसी से स्पष्ट है कि जिन लोगों के दांतों में क्राउड हो जाता है या फिर काफी टेढ़े होते हैं, उनके लिए यह ट्रीटमेंट काफी उपयोगी होता है। इससे दांत अपनी सही पोजिशन में पहुंच जाते हैं और दिखने में भी आकर्षक हो जाते हैं। यहां तक कि ऑर्थोडोंटिक ट्रीटमेंट की मदद से दांतों की सफाई करना भी आसान हो जाता है और मुंह में खाना फसने का रिस्क भी कम हो जाता है।
इसे भी पढ़ें: अगर दांतों में लगे हुए हैं ब्रेसेस या तार, तो भूलकर भी न खाएं ये 4 चीजें, हो सकता है नुकसान
क्या ऑर्थोडोंटिक ट्रीटमेंट सुरक्षित है?
ऑर्थोडोंटिक ट्रीटमेंट के तहत दांतों को सीधा करने के लिए विशेष किस्म की तार लगाई जाती है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि ऑर्थोडोंटिक ट्रीटमेंट के बाद, जब यह प्रक्रिया सफल हो जाती है, तो व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ जाता है, उसकी स्माइल खूबसूरत हो जाती है और दांतों से संबंधित कई परेशानियां फुर्र हो जाती हैं। इसके बावजूद, इसके कुछ नकारात्मक पहलुओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। जैसे, इस ट्रीटमेंट के दौरान मरीज को कई तरह के दर्द झेलने पड़ते हैं, इसके बाद जब दांत में तार लग जाते हैं, तो उन्हें अपनी डाइट का भी विशेष ख्याल रखना पड़ता है। इसके अलावा, ऑर्थोडोंटिक ट्रीटमेंट के बाद ओरल हाईजीन भी महत्वपूर्ण हो जाती है। अगर डॉक्टर द्वारा दिए गए दिशा-निर्देश न माने जाएं, तो दांतों में कैविटी या पायरिया की समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं, कई बार मरीज दांतों में लगे तार की वजह से परेशान रहते हैं, क्योंकि उन्हें उससे चोट लगती रहती है या तकलीफ होती है। कुल मिलाकर, आप कह सकते हैं कि ऑर्थोडोंटिक ट्रीटमेंट के दौरान भले कई तरह के रिस्क फैक्टर दिखते हैं। इसके बावजूद, अच्छे रिजल्ट की उम्मीद के साथ इस विकल्प को अपनतो हैं। सही तरह के ट्रीटमेंट से फायदा भी मिलता है।
ऑर्थोडोंटिक ट्रीटमेंट के दौरान बरतें ये सावधानियां
- ऑर्थोडोंटिक ट्रीटमेंट के दौरान दांतों की सफाई का पूरा ध्यान रखें। जरूरी हो, तो डॉक्टर से पूरी जानकारी ले लें।
- दांतों की सफाई के लिए सॉफ्ट ब्रश का यूज करें। सख्त ब्रश से दांतों में लगे तार हिल सकते हैं, जिससे दांतों की अलाइनमेंट बिगड़ सकती है।
- जितनी बार खाना खाएं, उतनी बार ब्रश करना आपके लिए सही रहेगा। लेकिन, हर बार ब्रश में टूथपेस्ट लगाना जरूरी नहीं है।
- दांतों को साफ करने के लिए फ्लॉस यानी धागों का भी यूज करें। इससे दांतों और दांत में लगे तार के बीच फसी चीजें भी आसानी से निकल जाएंगी।
image credit: freepik