आजकल पाचन संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं, बहुत से लोग कब्ज को हल्की परेशानी मानकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन क्या आपको पता है कि लंबे समय तक बनी कब्ज कभी-कभी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकती है? खासकर सवाल यह उठता है कि क्या लंबे समय तक कब्ज कोलन कैंसर (Colon Cancer) से जुड़ी हो सकती है। कब्ज तब होती है जब मल का मार्ग धीमा हो जाता है और मल कड़ा या असुविधाजनक हो जाता है। यह समस्या अक्सर कम फाइबर वाला आहार, पानी की कमी, फिजिकली एक्टिव न होने और तनाव की वजह से होती है। हालांकि, अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहे, तो यह केवल असुविधा तक सीमित नहीं रहती।
इस लेख में हम नोएडा के फोर्टिस हॉस्पिटल के रेडिएशन ऑन्कोलॉजी विभाग की एसोसिएट कंसल्टेंट डॉ. नीतू पांडे (Dr. Neetu Pandey, Associate Consultant, Radiation Oncology, Fortis Hospital, Noida) से विस्तार से जानेंगे कि कब्ज और कोलन कैंसर में क्या संबंध है, कब इसे गंभीर मानना चाहिए और अपने पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
क्या लंबे समय तक कब्ज रहने से पेट का कैंसर हो सकता है? - Is Long Term Constipation Linked To Colon Cancer
डॉ. नीतू पांडे कहती हैं कि अक्सर यह माना जाता है कि लंबे समय तक कब्ज होने से कोलन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। लेकिन रिसर्च बताती हैं कि सिर्फ कब्ज होने से सीधे कोलन कैंसर नहीं होता, बल्कि यह एक संकेतक या जोखिम कारक बन सकता है।
- लगातार कब्ज के कारण मल लंबे समय तक आंत में रहता है, जिससे विषैले पदार्थ (Toxins) लंबी अवधि तक आंत की दीवारों के संपर्क में रहते हैं।
- यह लंबे समय में आंत की सूजन और कोशिकाओं में परिवर्तन (Cellular Changes) का कारण बन सकता है, जो कैंसर के विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करता है।
- साथ ही, कब्ज वाले लोग अक्सर कम फाइबर वाला आहार लेते हैं, जो कोलन कैंसर का एक बड़ा जोखिम कारक माना जाता है।
- हालांकि, कई अध्ययन यह भी बताते हैं कि सिर्फ कब्ज होने से कैंसर की संभावना उतनी अधिक नहीं है जितनी कि अन्य जोखिमों से होती है, जैसे कि उम्र बढ़ना, मोटापा, धूम्रपान, लाल मांस का अधिक सेवन और पारिवारिक इतिहास।
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कोलन कैंसर के लक्षण
- मल में खून आना या काला मल
- पेट में लगातार दर्द या सूजन
- अनियमित मलत्याग की आदत
- वजन अचानक कम होना
- थकान और कमजोरी
यदि ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें, तो डॉक्टर से तुरंत परामर्श करना चाहिए।
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कब्ज और कोलन कैंसर से बचाव - Prevention from Constipation and Colon cancer
- सब्जियां, फल, दालें और साबुत अनाज कब्ज कम करने और आंत को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं।
- रोजाना कम से कम 7-8 गिलास पानी पिएं।
- चलना, योग और हल्की एरोबिक एक्सरसाइज आंतों के मूवमेंट को सुधारती है।
- दवाओं का सीमित उपयोग करें क्योंकि लंबे समय तक पाचन संबंधी दवाओं का सेवन न करें।
- लंबे समय तक बैठे रहने से बचें।
- 50 वर्ष से अधिक आयु वाले लोगों को समय-समय पर जांच करानी चाहिए।
निष्कर्ष
लंबे समय तक कब्ज रहना खुद में गंभीर बीमारी नहीं है, लेकिन यह कोलन कैंसर और अन्य पाचन संबंधी समस्याओं का जोखिम बढ़ा सकता है। कब्ज को नजरअंदाज करना सही नहीं है। बैलेंस डाइट, पर्याप्त पानी, नियमित एक्सरसाइज और समय-समय पर डॉक्टर से जांच कराना कब्ज और कोलन कैंसर दोनों से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।
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FAQ
कब्ज और कोलन कैंसर के बीच क्या संबंध है?
लगातार कब्ज होने से मल लंबे समय तक आंत में रहता है, जिससे विषैले पदार्थ दीवारों के संपर्क में आते हैं। यह आंत की कोशिकाओं पर असर डाल सकता है और जोखिम बढ़ा सकता है।कब्ज कम करने के घरेलू उपाय क्या हैं?
रोजाना पर्याप्त पानी पिएं, फाइबर युक्त आहार लें जैसे फल, सब्जियां और साबुत अनाज, हल्की एक्सरसाइज या रोजाना वॉक करें और प्रोसेस्ड फूड और फास्ट फूड से परहेज करें।क्या नियमित एक्सरसाइज कब्ज से बचाव में मदद करती है?
नियमित एक्सरसाइज आंतों की गति को सुधारती है, मल त्याग को आसान बनाती है और लंबे समय में अन्य जोखिम को कम करने में मदद करती है।
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Sep 27, 2025 13:02 IST
Published By : Akanksha Tiwari