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शिशु को आप भी लगाते हैं मच्छार भगाने वाली दवा! डॉक्टर से जान लें ये कितना सुरक्षित

छोटे बच्चों या शिशुओं को मच्छर काटने की दवा लगाते समय माता-पिता काफी सोचते हैं कि ये उनके बच्चे के लिए सुरक्षित है या नहीं। आइए जानते हैं- 
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शिशु को आप भी लगाते हैं मच्छार भगाने वाली दवा! डॉक्टर से जान लें ये कितना सुरक्षित


Is It Safe To Use Mosquito Repellent Around Babies in Hindi: बरसात के मौसम में मच्छरों का आतंक काफी ज्यादा बढ़ जाता है। इसी के साथ मच्छरों से जुड़ी बीमारियां डेंगू, मलेरिया आदि बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ जाता है। मच्छरों से बचाव के लिए लोग अपनी स्किन पर मच्छर भगाने वाले दवा लगाते हैं। ताकि मच्छरों के कारण होने वाली समस्याओं से बचाव हो सके। लेकिन, जब पेरेंट्स अपने शिशुओं को घर के बाहर ले जाते हैं तो उन्हें मच्छरों के काटने का डर बढ़ जाता है, जिससे बचाने के लिए माता-पिता उनकी स्किन पर मच्छर भगाने वाली स्प्रे या क्रीम लगाते हैं। लेकिन, ये कितना सुरक्षित है आइए साकेत में स्थित मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. प्रीति आनंद से जानते हैं-

क्या शिशुओं को मच्छर भगाने वाली दवा लगाना सुरक्षित है?

डॉ. प्रीति आनंद के अनुसार शिशुओं की को मच्छर भगाने वाली दवा लगाना सुरक्षित माना जाता है। शिशुओं के आस-पास मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल एक ऐसी चीज है, जिससे ज्यादातर पेरेंट्स परेशान रहते हैं, और यह परेशानी वाजिब भी है। हालांकि शिशुओं को मच्छरों के काटने से बचाने के लिए मच्छर भगाने वाली दवा लगाना जरूरी है, ताकि उन्हें डेंगू, मलेरिया आदि बीमारियों से बचाया जा सके। लेकिन, इन बातों का ध्यान रखते हुए-

1. 2 महीने से कम उम्र के शिशुओं के लिए

3 महीने से कम उम्र के शिशुओं के लिए केमिकल रिपेलेंट बिल्कुल भी इस्तेमाल न करें। इसके स्थान पर आप शिशुओं को मच्छर से बचाने के लिए शारीरिक उपाय अपनाएं, जैसे पूरी आंखों तक कपड़े, मच्छरदानी, मॉस्किटो-फ्री कमरा आदि।

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2. 2 महीने से 6 महीने तक

इस उम्र में DEET या पिकारिडिन आदि एक्टिव सामग्री वाले सीमित मात्रा वाले रिपेलेंट का इस्तेमाल धीरे-धीरे किया जासकता है। DEET की ज्यादा से ज्यादा मात्रा 10% से 30% तक सुरक्षित मानी जाती हैं, लेकिन कम से कम मात्रा में और एक दिन में सिर्फ एक बार लगाना चाहिए।

3. 2 महीने से 3 साल तक

10% DEET को एक बार सीधे तौर पर शरीर पर लगा सकते हैं, लेकिन 30% से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। पिकारिडिन 10 प्रतिशत भी सुरक्षित माना जाता है, जिसे आप बच्चे की स्किन पर सीधेतौर पर लगा सकते हैं। बता दें कि नींबू युक्त तेल वाले रिपेलेंट 3 साल से कम उम्र के बच्चे की स्किन पर इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

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शिशु की स्किन पर मच्छर भगाने की दवा लगाने का सुरक्षित तरीका -

  • बच्चों की स्किन पर सीधे स्प्रे न लगाएं, पहले अपने हाथों में लगाएं फिर बच्चे को लगाएं। स्प्रे आप पहले अपने हाथों पर लगाएं और उसके बाद फिर अपने बच्चे की खुली स्किन पर हल्के हाथ से पोंछें। आंखों, मुंह, हाथों और घाव वाले हिस्से पर लगाने से बचें।
  • बच्चे की स्किन पर स्प्रे की मोटी परत लगाने से बचें। हमेशा पतली परत लगाएं। मोटी परत उनकी स्किन को सुरक्षा नहीं देता है, बल्कि स्किन को केमिकल के संपर्क में लाता है।
  • बच्चों के बालों और कपड़ों पर स्प्रे करना बेहतर हो सकता है। लेकिन, कपड़े पर स्प्रे करते समय आप उसे पूरी तरह सूखने दें और फिर उन कपड़ों को बच्चे को पहनाएं।
  • अगर आपने बच्चे की स्किन पर स्प्रे लगाया है तो घर पर वापस लौटते ही साबुन और पानी से बच्चे की स्किन को हल्के हाथों से धोएं और अगर कपड़ों पर लगाया है तो कपड़ों को भी धोना जरूरी है।
  • आप अपने बच्चे की स्किन पर पहले सनस्क्रीन लगाएं और फिर उसके बाद रिपिलेंट लगाएं। ऐसा करने से आपके बच्चे की स्किन सीधे केमिकल के संपर्क में आने से बचेंगी।

निष्कर्ष

शिशुओं के स्किन पर मच्छर भगाने वाली दवा लगाना सुरक्षित हो सकता है, लेकिन सही तरीके से। इसलिए, आप अपने बच्चे की स्किन पर सीधे लगाने से बचें और अपने हाथों पर लगाकर उनकी स्किन पर लगाएं या कपड़ों पर लगाएं। साथ ही उनकी आंखों, मुंह आदि के पास ले जाने से बचें।
Image Credit: Freepik

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