प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को खानपान का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि प्रेग्नेंसी के 9 महीने में महिलाएं जो कुछ भी खाती हैं, उसका सीधा असर गर्भ में पलने वाले शिशु पर पड़ता है। शिशु की सेहत को मद्देनजर रखते हुए प्रेग्नेंट महिलाएं खाने में फल, हरी सब्जियां, नट्स और सीड्स को शामिल करती हैं। इतना ही नहीं प्रेग्नेंट महिलाएं अपनी रेगुलर दूध और चीनी वाली चाय को कई प्रकार की हर्बल चाय से भी रिप्लेस करती हैं। हर्बल चाय में ग्रीन टी, ब्लैक टी और तुलसी की चाय को शामिल किया जाता है।
प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लैक टी और ग्रीन टी पीना तो ठीक है, लेकिन क्या प्रेग्नेंसी में तुलसी की चाय पीना सही है? दरअसल, कुछ लोगों का मानना है कि तुलसी की चाय की तासीर गर्म होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं ज्यादा गर्म तासीर वाली चीजों का सेवन करें, तो यह उनके स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकती हैं। आइए गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की सीनियर स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. आस्था दयाल से जानते हैं, प्रेग्नेंसी में तुलसी की चाय पीनी चाहिए या नहीं।
इसे भी पढ़ेंः सी-सेक्शन डिलीवरी के बाद नहीं हो रहा है ब्रेस्ट मिल्क प्रोडक्शन, तो जानें इसके पीछे का कारण
क्या प्रेग्नेंसी में तुलसी की चाय पी सकते हैं?
डॉ. आस्था दयाल ने कहा, तुलसी का इस्तेमाल भारतीय घरों में एक नुस्खे की तरह कई तरीकों से इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं, तो मौसम में बदलाव के साथ होने वाले सर्दी, खांसी, जुकाम और बुखार की समस्या को दूर करती है। इसलिए प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं तुलसी की चाय का सेवन बिना किसी संकोच के कर सकती हैं। लेकिन इसका सेवन एक सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, प्रेग्नेंट महिलाएं एक दिन में 300 एमएल तुलसी की चाय का सेवन कर सकती हैं।
प्रेग्नेंसी में तुलसी की चाय पीने के फायदे
1. भ्रूण में हड्डियों के निर्माण को सक्षम बनाता है
तुलसी की चाय में मैंगनीज की अच्छी मात्रा होती है, जो गर्भ में पलने वाले भ्रूण की हड्डियों के निर्माण में मदद करती है। मैंगनीज एक अच्छा एंटीऑक्सीडेंट भी है, जो महिलाओं में प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करता है।
इसे भी पढ़ेंः 35 की उम्र के बाद प्रेग्नेंट होने पर क्यों पड़ती है एक्स्ट्रा केयर की जरूरत? बता रही हैं डॉक्टर
2. खून की आपूर्ति बढ़ती है
प्रेग्नेंट महिलाओं को भ्रूण के विकास के लिए ज्यादा खून की आवश्यकता होती है। तुलसी की चाय में मौजूद फोलेट की मात्रा ज्यादा होती है, जो प्रेग्नेंसी के दौरान खून की आपूर्ति को बढ़ाती है। इतना ही नहीं तुलसी के पत्तों के पोषक तत्व जन्म के समय बच्चे में होने वाले गर्भ दोष को भी खत्म कर सकते हैं।
इसे भी पढ़ेंः क्या स्तनपान करवाते समय ब्रा पहनना सही है? एक्सपर्ट से जानें
3. एनीमिया से बचाव
तुलसी आयरन का एक बेहतरीन सोर्स है। हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, प्रेग्नेंसी के दौरान तुलसी की चाय का सेवन करने से शरीर का आयरन लेवल बढ़ता है। आयरन आपके खून में हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) की संख्या बढ़ाने में मदद करता है। यह प्रेग्नेंट महिलाओं में एनीमिया के जोखिम को रोकने और थकान को रोकने में मदद कर सकता है।
इसे भी पढ़ेंः क्या प्रेग्नेंसी में 8 से 10 घंटे का ट्रैवल करना सुरक्षित है? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट
4. इम्यूनिटी बूस्टर
तुलसी विभिन्न विटामिन और खनिजों का एक अच्छा स्रोत है, जो प्रेग्नेंट महिलाओं में प्रतिरक्षा में सुधार करता है। इसमें विटामिन सी, विटामिन ई, नियासिन, राइबोफ्लेविन आदि की अच्छी मात्रा होती है और पोटेशियम, जिंक, मैंगनीज, कॉपर, फास्फोरस और मैग्नीशियम जैसे खनिज होते हैं, जो जच्चा और गर्भ में पलने वाले शिशु को संक्रमण से बचा सकते हैं।