प्रेग्नेंसी में कई महिलाएं, जो नॉन-वेज खाती हैं, उन्हें मछली खाना अच्छा लगता है। यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन की मानें, तो प्रेग्नेंसी में मछली खाना अच्छा होता है। प्रेग्नेंसी में मछली खाने से गर्भ में पल रहे शिशु के ब्रेन का विकास होता है, हार्ट हेल्थ बेहतर होती है। इसका उनके ओवर ऑल डेवेलपमेंट में भी असरदार भूमिका निभाता है।’ लेकिन, आपने यह भी जरूर सुना होगा कि प्रेग्नेंट महिलाओं को पहली तिमाही में सी-फूड नहीं खाना चाहिए। सवाल है, क्या वाकई ये सच है? क्या प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में महिलाओं के लिए सी-फूड खाना सेफ होता है? जानें, पहली तिमाही में सी-फूड खाने से महिला और गर्भ में पल रहे शिशु पर क्या असर पड़ता है? इस बारे में हमने Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
क्या प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में सी-फूड खाया जा सकता है?
प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में सी-फूड खाया जा सकता है। इस बात की पुष्टि करते हुए डॉ. शोभा गुप्ता बताती हैं, "निश्चित रूप से प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में सी-फूड खाया जा सकता है। लेकिन, इसके साथ कई तरह के रिस्क जुड़े होते हैं, उनकी अनदेखी नहीं की जा सकती है। जिन सी-फूड, खासकर मछलियों में मर्करी होता है, उसका सेवन प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में वर्जित होता है। दरअसल, मर्करी गर्भ में पल रहे शिशु के नर्वस सिस्टम के विकास को प्रभावित करता है, जिससे ब्रेन डैमेज हो सकता है।" यही कारण है कि प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में महिलाओं को सी-फूड खाने से बचना चाहिए। अगर सी-फूड खाना है, तो ऐसी मछलियों के विकल्प को चुनना चाहिए, जिसमें मर्करी न हो।
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प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में सी-फूड खाते किन बातों का ध्यान रखें?
- प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में बड़ी और अधिक उम्र वाली मछली नहीं खानी चाहिए। इनमें मर्करी का स्तर बहुत ज्यादा हो सकता है।
- साल्मन, श्रिम्प सी-फूड के अच्छे विकल्प हैं, जिन्हें प्रेग्नेंसी में खा सकते हैं।
- प्रेग्नेंसी में सी-फूड खाने से पहले उसे अच्छी तरह कुक जरूर करें। अधपकी मछली खाना प्रेग्नेंट महिला के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
- प्रेग्नेंसी में लो-मर्करी युक्त मछलियां खाई जा सकती हैं, लेकिन सप्ताह में सिर्फ दो सर्विंग पर्याप्त होती है।
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प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में सी-फूड खाने के फायदे
- सी-फूड ओमेगा-3 फैटी एसिड का अच्छा स्रोत माना जाता है। यह बच्चे की ब्रेन डेवेलपमेंट में अहम भूमिका निभाता है।
- सी-फूड में प्रोटीन, आयोडिन और विटामिन-डी जैसे तत्व भी होते हैं, जो प्रेग्नेंसी के सफर को आसान बनाती हैं। इन पोषक तत्वों से गर्भ में पल रहे शिशु का विकास भी बेहतर तरीके से होता है।
- प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में सी-फूड का सेवन करने से गर्भवती महिला का मूड भी एन्हैंस होता है।
- यहां तक कि सी-फूड में ऐसे कई तत्व भी पाए जाते हैं, जो गर्भ में पल रहे शिशु के वजन को भी बढ़ाने में भी मदद करता है। इसका मतलब है कि जन्म के समय शिशु का वजन अच्छा होता है।
- विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान लो मर्करी युक्त मछलियों का सेवन करती हैं, भविष्य में उनके बच्चों को एलर्जी और स्किन प्रॉब्लम का रिस्क भी कम होता है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, कहने की बात ये है कि प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में महिलाएं लो-मर्करी युक्त मछलियां खा सकती हैं। इसके अतिरिक्त, किसी भी तरह के सी-फूड को अपनी बैलेंस्ड डाइट का हिस्सा बनाने से पहले आवश्यक है कि डॉक्टर से पूछ लें। अगर सी-फूड से एलर्जी है, तो इसका सेवन प्रेग्नेंसी में बिल्कुल न करें। हां, अगर आप सी-फूड खा रही हैं, तो इसके पोर्शन साइज को बिल्कुल इग्नोर न करें। यह सही नहीं होगा। प्रेग्नेंसी में सीमित मात्रा में ही मछली या सी-फूड खाने की सलाह दी जाती है।
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FAQ
क्या हम पहली तिमाही में फास्ट फूड खा सकते हैं?
प्रेग्नेंसी में हेल्दी और पोषक तत्वों से भरपूर चीजें खाने की सलाह दी जाती है। इसमें फल और सब्जियां शामिल हैं। जहां तक सवाल फास्ट फूड का है, तो प्रेग्नेंसी के दौरान इस तरह की चीजें खाने की सलाह नहीं दी जाती है। फास्ट फूड में पोषक तत्वों की कमी होती है और ये फैट बढ़ाने का मुख्य स्रोत होते हैं।पहली तिमाही में क्या नहीं खाना चाहिए?
पहली तिमाही में कई चीजें खाने की मनाही होती है, जैसे कच्ची सब्जियां, अधपकी सब्जियां, सी-फूड, कच्चे अंडे आदि। यहां तक कि फास्ट फूड, जंक फूड और प्रीजर्व्ड फूड भी खाना सही नहीं होता है।3 महीने की प्रेगनेंसी में क्या नहीं खाना चाहिए?
तीन महीने की प्रेग्नेंसी में महिलाओं को ऐसी चीजें खाने से बचना चाहिए, जिससे उनके गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्यपर बुरा असर पड़ सकता है। इसमें अधपका मांस, सी-फूड, अंडे आदि शामिल हैं। शराब का सेवन और धूम्रपान भी इन दिनों पूरी तरह वर्जित होता है।