Dry Eye After Cataract Surgery in Hindi: मोतियाबिंद की सर्जरी से लोगों की आंखों का धुंधलापन ठीक किया जाता है। इस सर्जरी में मरीज को आर्टिफिशल लेंस लगाया जाता है। दर्दरहित इस सर्जरी में 15-20 मिनट लगते हैं और मरीज बिल्कुल ठीक हो जाता है लेकिन सर्जरी के बाद कई मरीज आंखों में सूखेपन की शिकायत करते हैं। क्या कैटेरेक्ट सर्जरी के बाद आंखों में सूखापन आता है और अगर इसकी सही तरीके से देखभाल न की जाए, तो क्या यह समस्या बढ़ सकती है। इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए हमने मुम्बई के अपोलो स्पैक्ट्रा अस्पताल के नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ. नुसरत बुखारी (Dr Nusrat Bukhari, Ophthalmologist, Apollo Spectra Hospital, Mumbai) से बातचीत की। आइये सबसे पहले जानते हैं कि मोतियाबिंद सर्जरी के बाद क्या आंखों में सूखापन आता है?
क्या मोतियाबिंद सर्जरी के बाद आंखों में सूखापन आता है?
इस बारे में डॉ. नुसरत बुखारी कहती हैं,”हां, सर्जरी के बाद मरीज कई बार आंखों में सूखेपन की शिकायत करते हैं। दरअसल, कैटरेक्ट सर्जरी के दौरान आंख की सतह और कॉर्निया की नर्व्स पर कुछ समय के लिए स्ट्रेस पड़ता है। ये आंखों में गीलापन बनाए रखने का सिग्नल भेजती है। सर्जरी में जब इस जगह पर असर पड़ता है, तब इसमें नेचुरल लुब्रिकेशन कम हो जाता है, जो सूखेपन का कारण होता है। इसके अलावा, मोतियाबिंद सर्जरी के बाद आंखों में सूखेपन के ये भी कारण होते हैं।”
- सूजन - सर्जरी के बाद आंखों में सूजन हो जाती है, जिससे आंखें ड्राई हो जाती है।
- आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल - सर्जरी के बाद आंखों को ठीक करने के लिए कई तरह की आई ड्राप्स दी जाती हैं, जो आंखों में सूखापन ला सकती है।
- पहले से आंखों में सूखेपन की समस्या - अगर किसी मरीज की आंखों में पहले से ही सूखेपन की परेशानी होती है, तो रिकवरी के दौरान ये समस्या देखने को मिलती है।
इसलिए डॉ. नुसरत कहती हैं कि मरीजों को सिर्फ वही दवाइयां और आई ड्राप्स डालनी चाहिए जो डॉक्टर ने दी है। अगर कोई मरीज अपनी मर्जी से आई ड्रॉप्स या घरेलू नुस्खे अपनाता है, तो रिकवरी में तो देरी होगी ही, कई मामलों में देखा गया है कि लोगों को संक्रमण और जलन भी होने लगती है। इसलिए डॉक्टर की बताई दवाइयां लें और अगर कोई भी तकलीफ हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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आंखों में सूखेपन के क्या लक्षण है? Symptoms of Dry eyes in Hindi
डॉ. नुसरत ने बताया कि अगर ऑपरेशन के बाद ये लक्षण दिखे, तो तुरंत डॉक्टर से मिले।
- आंखों में रेत या कंकड़ जैसा महसूस होना
- आंखों में जलन या चुभन होना
- आंखें लाल होना
- धुंधलापन महसूस होना
- रोशनी के प्रति संवेदनशील( sensitive) होना
- हमेशा ऐसा लगते रहना कि आंखों में कुछ फंसा हुआ है
मरीज को ये लक्षण हल्के में नहीं लेने चाहिए। मरीज को अपनी आंखें बिल्कुल भी मसलना नहीं चाहिए और न किसी भी तरह के रोज वॉटर या किसी भी तरह के प्रोडेक्ट का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर आंखों में सूखापन महसूस हो रहा है, तो डॉक्टर से ही सलाह लें।
आंखों के सूखेपन से कैसे बचें? Precaution for Dry Eyes in Hindi
डॉ. नुसरत कहती है कि मोतियाबिंद सर्जरी के बाद आंखों में सूखेपन से बचने के लिए मरीज को इन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
- डॉक्टर की सलाह पर लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स डालें।
- सर्जरी के बाद आंखों को न रगड़े।
- स्मोक या आंधी से दूर रहे।
- शरीर को हाइड्रेट रखे।
- बाहर निकलते समय चश्मे पहनें।
- आंखों को सूरज की रोशनी से बचाएं।
- डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें।
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निष्कर्ष - Conclusion
आंखें बहुत ही संसेटिव अंग है, इसलिए सर्जरी के बाद आंखों के किसी भी लक्षण को हल्के में नहीं लेना चाहिए। आंखों की सही देखभाल और समय पर इलाज से आंखों के सूखेपन को भी रोका जा सकता है और सर्जरी को सफल बनाया जा सकता है। बस इस बात का ध्यान रखें कि बिना डॉक्टर की परमिशन के आंखों के इलाज में किसी भी तरह का घरेलू नुस्खा न अपनाएं।
FAQ
मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद कितने दिन आराम करना चाहिए?
कैटेरेक्ट सर्जरी के बाद दो से तीन दिन तक बिल्कुल आराम करें। घर से बाहर न निकलें और न ही स्क्रीन देखें।मोतियाबिंद ऑपरेशन के कितने दिन बाद मोबाइल देख सकते हैं?
कैटेरेक्ट सर्जरी के बाद मरीज को कम से कम हफ्ताभर कंप्यूटर, मोबाइल या टीवी देखने से दूर ही रहना चाहिए। इनसे निकलने वाली रोशनी आंखों पर स्ट्रेस डालती है, इसलिए स्क्रीन टाइम कम से कम रखना चाहिए।मोतियाबिंद का ऑपरेशन कब नहीं करना चाहिए?
जिन मरीजों को हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या आंखों में इंफेक्शन हो तो मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने से पहले डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।