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क्या मोतियाबिंद की समस्या दोबारा हो सकती है या दोबारा बढ़ सकती है? जानें डॉक्टर से

Can Cataracts Come Back After Surgery : कई लोगों के मन में सवाल आता है कि क्या मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद ये दोबारा वापस लौट सकता है? आइए इस बारे में डॉक्टर से जानते हैं। 
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क्या मोतियाबिंद की समस्या दोबारा हो सकती है या दोबारा बढ़ सकती है? जानें डॉक्टर से


Can Cataracts Come Back After Surgery : मोतियाबिंद की समस्या को आम शब्दों में समझने की कोशिश करें,  तो आंखों के लेंस का धुंधलापन या अपारदर्शिता होने की स्थिति को मोतियाबिंद कहा जाता है। यह एक आंखों से जुड़ा गंभीर रोग होता है। मोतियाबिंद होने पर व्यक्ति की आंखों की रोशनी धीरे-धीरे कम होने लगती है। बता दें कि मोतियाबिंद की समस्या आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ होती है, लेकिन कुछ मामलों में यह स्थिति युवाओं और बच्चों को भी अपना शिकार बना सकती है। अगर आप मोतियाबिंद की समस्या से बचना चाहते हैं, तो इसके लिए सर्जरी का सहारा लिया जाता है। इस सर्जरी में आंखों के नेचुरल लेंस को निकालकर आर्टिफिशियल लेंस को डाला जाता है। आमतौर पर इस सर्जरी के बाद लोगों को क्लियर दिखने लगता है। इसके बावजूद कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या सर्जरी के बाद भी मोतियाबिंद वापस आ सकता है या फिर मोतियाबिंद की स्थिति और ज्यादा खराब हो सकती है? आइए इस सवाल का जवाब डॉ. स्नेहा वर्षा, वरिष्ठ नेत्र चिकित्सक, शार्प साईट आई हॉस्पिटल्स से जान लेते हैं।

सर्जरी के बाद लौटता है मोतियाबिंद?- Does Cataract Return after Surgery

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जी नहीं, मोतियाबिंद की मूल बीमारी सर्जरी के बाद वापस नहीं लौटती है। हालांकि, सर्जरी के बाद पोस्टीरियर कैप्सूल ओपेसिफिकेशन (पीसीओ), जिसे अक्सर "द्वितीयक मोतियाबिंद" कहा जाता है कि स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसके साथ ही, आंखों में सूजन, संक्रमण, ब्लीडिंग, रेटिना का अलग होना और दबाव बढ़ने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बता दें कि ग्लूकोमा या डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसी आंखों की समस्याएं आंखों के ट्रीटमेंट पर असर डाल सकती हैं। ऐसे में आंखों की एक्स्ट्रा केयर की जरूरत पड़ सकती है।

पोस्टीरियर कैप्सूल ओपेसिफिकेशन क्या है?- What is Posterior Capsule Opacification

जैसा हमने आपको बताया कि पोस्टीरियर कैप्सूल ओपेसिफिकेशन (पीसीओ) एक आम स्थिति है। इसे अक्सर लोग सर्जरी के बाद होने वाली मोतियाबिंद की वापसी समझ लेते हैं। हालांकि, यह स्थिति "द्वितीयक मोतियाबिंद" होती है। इसे आसान शब्दों में समझने की कोशिश करें, तो मोतियाबिंद की सर्जरी के दौरान, धुंधला लेंस हटा दिया जाता है और नए इंट्राऑकुलर लेंस को लगाया जाता है। इसे सहारा देने के लिए लेंस कैप्सूल के पिछले हिस्से को बरकरार रखा जाता है। ऐसे में समय के साथ, इस कैप्सूल पर सेल्स बनने लगते हैं, जिससे धुंधलापन और रोशनी में कमी आ सकती है। अगर पीसीओ के लक्षणों की बात करें, तो धुंधला दिखाई देना, रोशनी के चारों ओर चकाचौंध और बहुत ज्यादा रोशनी की परिस्थिति होने पर पढ़ने या देखने में परेशानी जैस समस्याएं हो सकती हैं।

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पीसीओ से बचाव के लिए क्या करें?- What to do to Prevent PCO

अगर आप पीसीओ का इलाज करना चाहते हैं, तो YAG लेजर कैप्सुलोटॉमी का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह तेज, गैर-आक्रामक प्रक्रिया (non-invasive procedure) है, जिसके अंदर क्लाउडी कैप्सूल में लेजर की मदद से एक छोटा-सा छेद बनाया जाता है। इससे आसपास की आंख की संरचनाओं (Eye Structure) को नुकसान पहुंचाए, बिना लेंस को ठीक किया जा सकता है। इस छेड़ के कारण रोशनी एक बार फिर बिना किसी बाधा के रेटिना तक पहुंच सकती है, जिससे आंखों की रोशनी में सुधार होता है।

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कुल मिलाकर, मोतियाबिंद की सर्जरी के बाद यह स्थिति वापस नहीं आती है। हालांकि, व्यक्ति को इसके जैसी और कई अन्य छोटी-बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे मेंआपको सर्जरी के बाद डॉक्टर के सभी जरूरी दिशा-निर्देशों का सही तरह से पालन करना चाहिए। इससे आंखों की रोशनी में सुधार हो सकता है।

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