Is Coffee Good or Bad in Fatty Liver: आज के समय में खानपान और खराब जीवनशैली के कारण फैटी लिवर के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। बहुत ज्यादा बाहरी और फास्ट-फूड्स का सेवन, शराब और स्मोकिंग की वजह से लिवर में फैट जमा होने का खतरा बढ़ जाता है। फैटी लिवर की समस्या में खानपान और जीवनशैली का विशेष ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। बहुत ज्यादा तला-भुना भोजन करने और शराब का सेवन करने वाले लोगों में फैटी लिवर का खतरा बहुत ज्यादा रहता है। लिवर में फैट जमा होने के बाद अगर लंबे समय तक इसका इलाज नहीं हुआ तो इसकी वजाह से लिवर सिरोसिस का खतरा बना रहता है। फैटी लिवर में चाय और कॉफी का सेवन करने को लेकर अक्सर लोग कन्फ्यूज रहते हैं। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं, फैटी लिवर में कॉफी का सेवन करना चाहिए या नहीं और इसके फायदे व नुकसान।
क्या फैटी लिवर में कॉफी पीना चाहिए?
कॉफी का सेवन दुनियाभर में खूब किया जाता है। सुबह सोकर उठने से लेकर रात में सोने तक कॉफी का सेवन किया जाता है। कॉफी में मौजूद कैफीन शरीर के लिए फायदेमंद भी होता है। लेकिन इसका गलत तरीके से सेवन शरीर को गंभीर नुकसान भी पहुंचा सकता है। नोएडा स्थित आरोग्यं हेल्थ सेंटर के क्लीनिकल डाइटिशियन डॉ वीडी त्रिपाठी कहते हैं, "फैटी लिवर की समस्या में बहुत ज्यादा कॉफी पीना नुकसानदायक हो सकता है। इसका संतुलित मात्रा में सही तरीके से सेवन करने से लिवर को फायदे मिलते हैं।"
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फैटी लिवर में कॉफी पीने के कुछ फायदे इस तरह से हैं-
लिवर एंजाइम का स्तर कम करना: फैटी लिवर में, लिवर की कोशिकाओं में क्षति की वजह से लिवर एंजाइम का स्तर बढ़ सकता है। नियमित रूप से कॉफी पीने से लिवर एंजाइम का स्तर कम हो सकता है।
लिवर में फैट कम होना: कॉफी में मौजूद यौगिक लिवर में फैट इकट्ठा होने के प्रोसेस कम करने में मदद कर सकते हैं।
इंसुलिन प्रतिरोध में सुधार: इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin Resistance) फैटी लिवर का एक प्रमुख कारण है। कॉफी इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार कर सकती है, जिससे शरीर में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में भी मदद मिलती है।
सूजन कम करना: कॉफी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। सूजन की वजह से फैटी लिवर की समस्या ट्रिगर हो सकती है।
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कॉफी के संभावित नुकसान
फैटी लिवर की समस्या में ज्यादा कॉफी पीने की वजह से इन समस्याओं का खतरा रहता है-
नींद में परेशानी: कॉफी में मौजूद कैफीन एक उत्तेजक पदार्थ है जो नींद से जुड़ी समस्याओं का कारण बन सकता है। फैटी लिवर वाले लोगों को पहले से ही थकान महसूस हो सकती है, इसलिए ज्यादा कॉफी पीने से उनकी नींद और खराब हो सकती है।
पेट की समस्याएं: कॉफी पाचन क्रिया को तेज कर सकती है, जिससे पेट में जलन या अपच जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
चिंता और बेचैनी: कैफीन चिंता और बेचैनी को बढ़ा सकता है। इसलिए संतुलित मात्रा में ही कॉफी का सेवन करना चाहिए।
फैटी लिवर में कॉफी का सेवन कैसे करें?
फैटी लिवर की समस्या में संतुलित मात्रा में ही कॉफी पीना चाहिए। रोजाना 1-2 कप से ज्यादा कॉफी का सेवन करने से बचना चाहिए। इसके अलावा फैटी लिवर में कॉफी पीते समय इन बातों का ध्यान रखें-
- चीनी कम करें: अपनी कॉफी में चीनी या क्रीम मिलाने से बचें। ये एक्स्ट्रा कैलोरी बढ़ाते हैं, जो फैटी लिवर को और खराब कर सकते हैं।
- अच्छी क्वालिटी की कॉफी पिएं: फिल्टर कॉफी या ताजी पिसी हुई कॉफी का चुनाव करें। इनमें घुलनशील कॉफी की तुलना में कम चीनी और संतृप्त वसा होता है।
- कॉफी पीने का समय: खाली पेट कॉफी पीने से बचें। भोजन करने के बाद कॉफी पीना बेहतर होता है।
कॉफी पीने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें। वे आपकी स्थिति के आधार पर आपको सलाह दे सकते हैं कि कॉफी पीना आपके लिए फायदेमंद है या नहीं और कितनी मात्रा में पीना चाहिए। इसके अलावा फैट लिवर को ठीक करने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल का ध्यान रखें।
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