कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ने के लिए भारत की पहली वैक्सीन COVAXIN तैयार, जुलाई से ट्रायल शुरू

कोरोना वायरस के खिलाफ भारत की पहली वैक्सीन ने प्री-क्लीनिकल ट्रायल में बेहद अच्छे परिणाम दिए हैं। जल्द ही वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल शुरू किया जा रहा है।
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कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लड़ने के लिए भारत की पहली वैक्सीन COVAXIN तैयार, जुलाई से ट्रायल शुरू


कोरोना वायरस पूरी दुनिया पर ऐसी महामारी बनकर आया है कि सारे देश इसके खिलाफ अपने-अपने स्तर पर लड़ाई लड़ रहे हैं। भारत में भी पिछले महीने से कोरोना वायरस के मामले इतने ज्यादा बढ़ने लगे हैं कि अब भारत दुनिया का चौथा सबसे ज्यादा मरीजों वाला देश बन चुका है। एक तरफ जहां भारत के अस्पताल और डॉक्टर्स संक्रमित हो चुके मरीजों को ठीक करने के लिए हाड़-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ भारत के वैज्ञानिक भी इस बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं। यही कारण है कि भारत भी दुनिया के उन देशों में शामिल हो गया है, जिसने कोरोना वायरस को हराने वाली वैक्सीन बना ली है। सोमवार को भारत बायोटेक ने इसकी घोषणा की है कि उन्होंने कोरोना वायरस के लिए देश में बनी हुई पहली वैक्सीन सफलतापूर्वक तैयार कर ली है, जिसका नाम COVAXIN रखा गया है। इस वैक्सीन को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के साथ मिलकर बनाया गया है।

COVAXIN VACCINE

वैक्सीन को मिला DCGI का अप्रूवल, जुलाई से ट्रायल शुरू

COVAXIN को Drug Controller General of India यानी DCGI का अप्रूवल भी मिल गया है और इसी के साथ इस वैक्सीन का इंसानों पर फेज-1 और फेज-2 ट्रायल जुलाई से शुरू होने जा रहा है। जानकारी के मुताबिक प्रीक्लीनिकल ट्रायल में ये वैक्सीन कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ सफल साबित हुई है। वैक्सीन को SARS-CoV-2 के ही एक स्ट्रेन से बनाया गया है। इस समय पूरी दुनिया के वैज्ञानिक कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं। ऐसे में अगर भारतीय वैज्ञानिकों के द्वारा बनाई गई ये वैक्सीन सफल साबित होती है, तो ये भारत के लिए गर्व का विषय होगा।

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करोड़ों को संक्रमण और लाखों को मौत दे चुका है कोरोना वायरस

पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इस समय कोरोना वायरस के खिलाफ एक मजबूत हथियार बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि संभवतः वैक्सीन हो सकती है। दरअसल दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर से निकला कोरोना वायरस आज दुनिया के हर देश में फैल चुका है और अब तक इस वायरस ने 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को संक्रमित किया है। वहीं इस वायरस के कारण ऑफिशियली अब तक 5 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि बीच-बीच में कई रिपोर्ट्स ऐसी भी आती रही हैं, जिनमें कहा गया कि कई देश अपने यहां मौतों और संक्रमितों का आंकड़ा छिपा रहे हैं। कुल मिलाकर कोरोना वायरस पूरी दुनिया के लिए विश्व युद्ध से भी बड़ी चुनौती के रूप में सामने आया है। इसलिए सभी देश इससे लड़ने के लिए तत्परता के साथ वैक्सीन और दवाओं की खोज में लगे हुए हैं।

human trial indian vaccine

वैक्सीन निर्माण की दौड़ में कई देश हैं शामिल

कोरोना वायरस के वैक्सीन निर्माण की दौड़ में कई देश शामिल हैं। इनमें भारत की तरफ से COVAXIN पहली वैक्सीन है, जिसे ह्यूमन ट्रायल की अनुमति मिली है। लेकिन दूसरे कई देशों के द्वारा तैयार वैक्सीन इस ट्रायल के दौर से गुजर चुकी हैं।

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  • ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार वैक्सीन बड़े स्तर पर ह्यूमन ट्रायल शुरू कर दिया है और इस ट्रायल के मध्य में है।
  • अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना ने फेज-2 ट्रायल पूरा कर लिया है और जुलाई मध्य में फेज-3 ट्रायल की तैयारी कर रही है।
  • चीनी कंपनी CanSino Biologics के द्वारा तैयार वैक्सीन Ad5-nCoV को मिलिट्री इस्तेमाल के लिए परमिशन दे दी गई है।

इसी तरह कुछ अन्य देशों की बड़ी मेडिकल कंपनियों द्वारा बनाई गई वैक्सीन का भी ह्यूमन ट्रायल शुरू हो चुका है और कुछ का खत्म हो चुका है। ऐसे में देखना यह है कि इस वैश्विक महामारी और दुनिया में आर्थिक भूचाल ला देने वाले वायरस के खिलाफ कौन सा देश और कौन सी कंपनी वैक्सीन बनाने में सफल होती है।

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