कोरोना वायरस के सामान्य लक्षण अचानक कैसे गंभीर लक्षणों में बदल जाते हैं? ये 4 लक्षण दिखें तो न करें लापरवाही

बुखार, खांसी, जुकाम कोरोना के सबसे सामान्य लक्षण हैं लेकिन इन लक्षणों के 7-10 दिन के भीतर अगर ये 4 लक्षण दिखें, तो बिना देरी किए अस्पताल पहुंच जाएं।

Anurag Anubhav
Written by: Anurag AnubhavUpdated at: Jun 23, 2020 08:37 IST
कोरोना वायरस के सामान्य लक्षण अचानक कैसे गंभीर लक्षणों में बदल जाते हैं? ये 4 लक्षण दिखें तो न करें लापरवाही

3rd Edition of HealthCare Heroes Awards 2023

ये बात आप लंबे समय से सुनते आ रहे हैं कि कोरोना वायरस के ज्यादातर मरीजों में बेहद सामान्य लक्षण दिखाई देते हैं, जैसे- खांसी, बुखार, नाक बहना आदि। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ मामलों में सामान्य लक्षणों के बाद अचानक मरीज की स्थिति सीरियस कंडीशन में पहुंच जाती है। इसलिए जुकाम, बुखार, खांसी जैसे लक्षणों को कई दिनों तक नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। कोरोना वायरस के बारे में अभी भी दुनियाभर में रिसर्च हो रही हैं क्योंकि इसके बारे में हम बहुत कुछ नहीं जानते हैं। अब तक 91 लाख से ज्यादा लोगों को संक्रमित कर चुका ये कोरोना वायरस 4 लाख 74 हजार से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। भारत समेत दुनिया के 50 से अधिक देशों में ये वायरस अभी कंट्रोल में नहीं आया है, इसलिए इसका खतरा संभावित रूप से हर एक व्यक्ति को है।

coronavirus mild symptoms

जुकाम-बुखार ठीक होने के 7-10 दिन बाद सीरियस कंडीशन

The University of Kansas Health System के इंफेक्शन प्रिवेंशन एंड कंट्रोल विभाग के डायरेक्टर Dr. Dana Hawkinson कहते हैं, "कोविड-19 संक्रमण की चपेट में आने के बाद कुछ लोगों में बहुत सामान्य लक्षण दिखते हैं। कई बार ऐसे लोग 2 से 7 दिन में अपने आप ही ठीक भी हो जाते हैं। मगर कई मामलों में देखा जा रहा है कि कुछ लोग जांच के पहले या जांच के बाद रिकवर तो हो रहे हैं, लेकिन 7-10 दिन के भीतर ही अचानक से गंभीर रूप से बीमार पड़ जा रहे हैं। ऐसा साइटोकाइन स्टॉर्म (cytokine storm) के कारण हो रहा है, जो कि मनुष्य के इम्यून सिस्टम की गलती के कारण हो रहा है।"

इसे भी पढ़ें: कोरोना वायरस के खतरे से आपको बचा सकती हैं ये 10 सावधानियां, फिलहाल कोई और तरीका नहीं

क्या है साइटोकाइन स्टॉर्म, जिसके कारण गंभीर हो रहे हैं कोरोना के मरीज?

ये तो आप भी जानते हैं कि कोरोना वायरस की कोई दवा नहीं है इसलिए फिलहाल कोरोना वायरस से लड़ाई मरीजों का अपना इम्यून सिस्टम ही लड़ रहा है। चूंकि कोरोना वायरस मुख्य रूप से फेफड़ों पर हमला करता है इसलिए इम्यून सिस्टम फेफड़ों से वायरस को मारने के लिए हमला करता है, जिससे सूजन (इन्फ्लेमेशन) होती है और वायरस धीरे-धीरे समाप्त होते जाते हैं। लेकिन कई मामले ऐसे देखे जा रहे हैं, जिनमें व्यक्ति का इम्यून सिस्टम ओवर रिएक्टिव हो जा रहा है, जिससे अति गंभीर सूजन (हाइपर इन्फ्लेमेशन) की स्थिति आ जाती है। ये स्थिति जानलेवा हो सकती है।

coronavirus serious symptoms

जुकाम, बुखार, खांसी है तो ऐसे रखें अपनी तैयारी

कोरोना वायरस के संपर्क में आने के कुछ दिन बाद वायरस शरीर पर हावी होना शुरू होते हैं। ऐसे में कुछ लोगों को कॉमन कोल्ड के लक्षण (गले में खिंचखिंच, नाक बहना, बुखार और खांसी) दिख सकते हैं या कई बार कोई लक्षण नहीं दिखते और मरीज एसिम्पटोमैटिक (Asymptomatic) होता है। 6-7 दिनों में ही ये सामान्य लक्षण निमोनिया में बदलने लगते हैं। निमोनिया में लक्षणों के बदलने का अर्थ है कि वायरस फेफड़ों पर अटैक कर चुका है। ऐसे समय में कुछ लोगों को खून में ऑक्सीजन की कमी के कारण सांस में तकलीफ की समस्या हो सकती है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनके खून में ऑक्सीजन की कमी तो है, लेकिन उन्हें सांस की तकलीफ नहीं महसूस होती है। इसे “silent hypoxia” कहा जा रहा है।

इसलिए अगर किसी व्यक्ति में ऊपर बताए गए लक्षण दिखें, तो उसे इन बातों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

  • लक्षणों को पूरी तरह उभरने में कई बार 2 से 14 दिन का समय लगता है, इसलिए बुखार, खांसी, जुकाम जैसे सामान्य लक्षण भी हैं, तो अपने आप को आइसोलेशन में रखें और किसी दूसरे व्यक्ति के संपर्क में न आएं।
  • बुखार अगर लगातार आए और प्राथमिक दवाओं से 2-3 दिन में आराम न मिले तो अपने नजदीकी कोविड सेंटर में जाकर जांच कराएं।
  • अगर लक्षण कम होने के कारण आपकी जांच नहीं की जा रही है, तो कम से कम अस्पताल तक पहुंचने की व्यवस्था हर समय तैयार रखें।

इन 4 लक्षणों के दिखने पर तुंरत पहुंचें अस्पताल

  • सांस लेने में तकलीफ
  • कंफ्यूजन और उलूल-जुलूल बातें करना
  • सीने में भारी दवाब या दर्द महसूस करना
  • होंठों या चेहरे पर नीलापन आने लगना

कई बार सामान्य जुकाम, खांसी, बुखार के बाद ये लक्षण अचानक से दिखने लगते हैं। वहीं कई बार मरीज इतना कमजोर हो सकता है कि वो फोन भी नहीं उठा सकता है, इसलिए आइसोलेशन में रह रहे लोगों का आसपास के लोगों के लगातार संपर्क में रहना जरूरी है।

Read More Articles on Other Diseases in Hindi

Disclaimer