इन स्थितियों में आपके फेफड़ों को होता है काफी नुकसान, जानें क्या है बचाव

कई स्थितियों में सीधे आपके फेफड़ों को होता है सीधा नुकसान, जानें कैसे करना चाहिए अपने फेफड़ों का बचाव।
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इन स्थितियों में आपके फेफड़ों को होता है काफी नुकसान, जानें क्या है बचाव

स्वस्थ फेफड़ों के बिना आप पूरी तरह से कभी भी स्वस्थ नहीं रह सकते, अगर आपके फेफड़ों में किसी प्रकार की परेशान या समस्या होती है तो आपको ऑक्सीजन लेने में भी काफी परेशानी हो सकती है, जो आपके शरीर और आपको स्वस्थ रखने के लिए बहुत जरूरी है। जब आप एक सांस लेते हैं तो आपके फेफड़ें उस समय पूरी तरह ऑक्सीजन से भर जाते हैं जो आपके रक्तप्रवाह में प्रवाहित होते हैं। आपके फेफड़े लगातार ये अहम काम करते रहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं फेफड़ों को अलग-अलग स्थितियों में कितना नुकसान होता है जो आपको पता भी नहीं चलने देता। हम आपको इस लेख में बताने जा रहे हैं कि कैसे आपके फेफड़ों को अलग-अलग स्थितियों में प्रभावित होना पड़ता है। 

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सीने में ठंड 

कई ऐसे फ्लू मौजूद है जो आपको सर्दी, खांसी और जुकाम का शिकार बना सकते हैं, जिसके कारण आपकी छाती में ठंड बैठ जाती है। इस स्थिति मं आपकी नाक और गले में हो रही समस्याओं का सारा नुकसान आपके फेफड़ों को ही झेलना पड़ता है। छाती में जब ठंड बैठ जाती है तो ये आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है, इसे डॉक्टर तीव्र ब्रोंकाइटिस के रूप में बताते हैं। सैकड़ों वायरस आम सर्दी का कारण बन सकते हैं, और अधिकांश समय जब आप एक को पकड़ते हैं, तो आपकी नाक और गले में आपके लक्षणों का खामियाजा भुगतना पड़ता है। लेकिन कभी-कभी एक रन-ऑफ-द-मिल ठंड "छाती ठंड" में बदल जाती है, जिसे डॉक्टर तीव्र ब्रोंकाइटिस (Acute Bronchitis) के रूप में संदर्भित करते हैं।

इस स्थिति में आपके आपके फेफड़ों में वायुमार्ग को प्रफुल्लित करती है और काफी बलगम बनाने का काम करती है, जिससे आपको खांसी और सीने में तकलीफ हो सकती है। वैसे तो तीव्र ब्रोंकाइटिस किसी को भी होने पर ये कुछ हफ्तों के अंदर अपने आप दूर चली जाती है। लेकिन तब तक ये समस्या आपके फेफड़ों को काफी प्रभावित करती है। इससे बचने के लिए आपको जब भी सर्दी, खांसी या जुकाम दिखे तो आपको सूप या गर्म पानी का सेवन नियमित रूप से करना चाहिए। 

अस्थमा

अस्थमा जिसे दमा भी कहा जाता है, ये भी आपके फेफड़ों में वायुमार्ग और बलगम की सूजन का कारण बनते है। अस्थमा में वैसे भी पीड़ित को सांस लेने और खांसी जैसी चीजों से काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अगर आपको अस्थमा है, तो आपके फेफड़ों की क्षमता काफी कम हो सकती है, ऐसा इसलिए क्योंकि सूजन और बलगम आपके फेफड़ों में हवा की गति को सीमित करते हैं। अक्सर अस्थमा का जब दौरे पड़ता है तो वायुमार्ग संकीर्ण हो जाते हैं, जो आपके लिए खतरनाक हो सकते हैं। इस स्थिति में आप अस्थमा इन्हेलर का इस्तेमाल करें और ज्यादा से ज्यादा सांस लेने की कोशिश करें। 

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सीओपीडी (क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज)

सीओपीडी आमतौर पर उन लोगों में विकसित होता है, जो काफी लंबे समय तक धूम्रपान करते हैं। सीओपीडी से पीड़ित ज्यादातर लोगों में क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस और वातस्फीति के कुछ लक्षण होते हैं। ऐसे में फेफड़ों में छोटी वायु की थैली, जिसे एल्वियोली कहा जाता है, नष्ट हो जाती है। इसमें खत्म हुए ऊतक में हवा फंस सकती है। जिसके कारण आपको सही से सांस लेने में परेशानी हो सकती है। ऐसे में आपको अपनी धूम्रपान की आदत को कम से कम करना चाहिए।

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इन्फ्लुएंजा 

इन्फ्लुएंजा फ्लू में आपको बुखार, शरीर में दर्द और सूखी खांसी हो सकती है। इस फ्लू का कारण बनने वाला बैक्टीरिया आपके फेफड़ों में उपकला कोशिकाओं को संक्रमित कर सकते हैं और आपके फेफड़ों के ऊतकों के अंदर जाकर फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके साथ ही ये फ्लू आपको एक और संक्रमण होने की संभावना है, जैसे कि निमोनिया। इसलिए आपको समय-समय पर काढ़ा और गर्म पानी पीने की कोशिश करनी चाहिए। 

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