पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस महामारी से जूझ रही है। अब तक 93 लाख से ज्यादा संक्रमण के मामले सामने आए हैं और अगले कुछ दिनों में ही इस वायरस से संक्रमित होने वालों की संख्या 1 करोड़ तक पहुंच जाएगी। भारत में वायरस को रोकने के अब तक सभी उपाय लगभग नाकाफी साबित हुए हैं। ऐसे में इस वैश्विक महामारी के कारण आर्थिक मंदी न आए, इसके लिए बाजारों को खोल दिया गया है और जनजीवन को इस वायरस के साथ ही जीने का अभ्यस्त बनाया जा रहा है। अब जब अगले कुछ सालों तक आपको इस कोरोना वायरस महामारी के साथ ही रहना है, तो इससे सुरक्षित रहने और बचने के सभी उपाय हर व्यक्ति को पता होने जरूरी हैं।
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) ने कोरोना वायरस से बचने के लिए एक खास सुझाव दिया है। CDC ने कहा है कि इस महामारी के दौरान कोई भी व्यक्ति जो अपने घर से बाहर निकलता है, फिर चाहे छोटे-मोटे काम के लिए या फिर दिनभर के लिए, उसे अपने साथ 3 चीजें जरूर रखनी चाहिए। ये तीन चीजें वायरस के संपर्क में आने की उसकी संभावना को बहुत कम कर देंगी, जिससे व्यक्ति बाहर निकलने के बावजूद ज्यादा सुरक्षित रहेगा।
टिशू पेपर्स
कोरोना वायरस महामारी के दौरान टिशू पेपर आपको कई तरह से संक्रमण की चपेट में आने से बचा सकता है, इसलिए ये एक महत्वपूर्ण हथियार है, जिससे आप वायरस के खिलाफ लड़ सकते हैं। दरअसल टिशू पेपर जर्म्स को फैलने से रोक सकते हैं। पहले यह कहा जा रहा था कि छींकते या खांसते समय अपनी बांहों का प्रयोग करें। लेकिन ऐसा करना पर्याप्त सुरक्षा नहीं प्रदान कर सकता है।
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- छींकते-खांसते समय टिशू पेपर का प्रयोग ज्यादा सुरक्षित है।
- पब्लिक प्लेस पर छींकते या खांसते समय टिशू पेपर की 2 लेयर बनाकर आप छींकें और इसके बाद टिशू पेपर को पॉलीबैग में रखकर हाथों को सैनिटाइजर से साफ कर लें।
- इसके अलावा कई बार बाहर जाने पर आपको ऐसी चीजें भी छूनी पड़ती हैं, जिन्हें दिनभर में बहुत सारे लोग छूते हैं, जैसे- बस का हैंडल, मेट्रो का हैंडल, सीढ़ी का हैंडरेल, लिफ्ट की बटन, ऑटो का हैंडल, पब्लिक वॉशरूम का नल, पब्लिक वॉशरूम के गेट का हैंडल आदि। तो ऐसी चीजें छूते समय यदि टिशू पेपर का प्रयोग किया जाए, तो संक्रमण से काफी हद तक बचा जा सकता है।
- जरूरत पड़ने पर आप टिशू पेपर का प्रयोग थोड़े समय के लिए मास्क के तौर पर भी कर सकते हैं। इससे वायरस के संपर्क में आने की संभावना कम रहेगी।
कपड़े का फेस मास्क
कोरोना वायरस के बहुत सारे मरीज ऐसे मिल रहे हैं, जिनमें एक भी लक्षण दिखाई नहीं देते। इन्हें एसिम्पटोमैटिक मरीज कहा जा रहा है। ऐसे लोगों से सिर्फ बात करने से भी आप वायरस की चपेट में आ सकती हैं। इसलिए ध्यान रखें कि अपने मुंह पर हमेशा कपड़े का मास्क लगाकर रखें। कपड़े का मास्क इसलिए क्योंकि गर्मी में आपको देर तक मास्क लगाए रखना पड़ सकता है और पसीना भी खूब आता है, ऐसे में दूसरे मास्क खराब हो सकते हैं और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। इसलिए कपड़े का मास्क लगाएं। लेकिन सिर्फ मास्क लगाना पर्याप्त नहीं, इसके साथ ही यह भी ध्यान रखें कि किसी भी व्यक्ति से बात करते समय आपके और उसके बीच की दूरी कम से कम 1 से 2 मीटर होनी चाहिए। ऐसा करने से भी आप वायरस के एक्सपोजर से बच सकते हैं।
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हैंड सैनिटाइजर्स
घर से बाहर निकलते समय आपको हर जगह वॉशरूम की सुविधा नहीं मिल सकती है। ऐसे में बार-बार हाथ धोना संभव नहीं है, खासकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट से यात्रा करते समय, बाजार में सामान खरीदते समय या फिर लोगों से मिलने और काम के सिलसिले में मीटिंग के समय। लेकिन इन सभी कामों में इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि वायरस आपके हाथों से होता हुआ आपके शरीर तक पहुंच जाए। इसलिए अपने साथ कम से कम 60% एल्कोहल वाला हैंड सैनिटाइजर रखना बहुत जरूरी है। आप जब भी जानबूझकर या अंजाने में किसी सार्वजनिक इस्तेमाल वाली वस्तु को छूते हैं, तो काम के बाद अपने हाथों को हैंड सैनिटाइजर से अच्छी तरह साफ करें। इसके अलावा अगर बीच में आपको अपने हाथ मुंह, नाक या आंख के पास ले जाने की जरूरत महसूस होती है (बाल हटाने के लिए, नाक में खुजली के लिए, कुछ खाने के लिए या फिर बहती नाक को पोंछने के लिए) तो आप सबसे पहले सैनिटाइजर से हाथों को निसंक्रमित करें और फिर इन अंगों को छुएं।
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