आपने हमेशा से ही यह सुना होगा कि चोट लगने के बाद टिटनेस का टीका लगवाना जरूरी है। चोट चाहे छोटी हो या बड़ी। अक्सर डॉक्टर भी चोट लगने के बाद टिटनेस का टीका लगवाने की सलाह देते हैं। लेकिन क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि चोट लगने के बाद इस टीके को लगवाना क्यों जरूरी होता है? या टिटनेस का टीका नहीं लगवाने से शरीर को क्या नुकसान हो सकते हैं? अगर नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम आपको टिटनेस के टीके से जुड़ी जरूरी बातें बताएंगे। दरअसल, जंग लगे हुए लोहे या फिर किसी पुरानी चीज यहां तक की मिट्टी पर गिर जाने से भी चोट लगने के बाद शरीर में बैक्टीरिया लग जाते हैं। यदि ऐसे में टिटनेस का टीका नहीं लगवाया जाए तो यह बैक्टीरिया शरीर में फैल सकते हैं। इससे लॉकजॉ की समस्या हो सकती है। इसी विषय पर विस्तार से जानने के लिए हमने सीके बिरला हॉस्पिटल, गुरुग्राम के इंटर्नल मेडिसिन डिपार्टमेंट के डॉक्टर तुषार तयाल (Dr. Tushar Tayal, Internal Medicine Department, C.K Birla Hospital, Gurugram) से बातचीत की। चलिए जानते हैं टिटनेस के टीके से जुड़ी कुछ जरूरी बातें।
क्या है टिटनेस (What Is Tetanus)
डॉक्टर तुषार तयाल के मुताबिक टिटनेस एक जीवाणु संक्रमण है, जो कुछ स्थितियों में काफी घातक भी साबित हो सकता है। इसे लॉकजॉ के नाम से भी जाना जाता है। बैक्टीरिया के स्पोर्स के कारण होने वाले इस इंफेक्शन को हम क्लॉसट्रीडियमटेक्नी के नाम से भी जानते हैं। टिटनेस के बैक्टीरिया या जीवाणु वातावरण के अमूमन हिस्सों जैसे धूल, मिट्टी यहां तक कि पशु के मल आदि में भी मौजूद होते हैं। शरीर में गहरा घाव होने पर मिट्टी के जरिए यह शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। वहीं, अगर आपकी चोट में ज्यादा गंदगी है तो यह आपको जल्दी प्रभावित कर सकता है। अगर समय पर इसका उपचार नहीं किया जाता है तो यह मांसपेशियों में ऐंठन आदि जैसी कुछ समस्याएं दे सकता है।
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कैसे फैलता है टिटनेस इंफेक्शन (How Tetanus Infection Spreads)
डॉ. तुषार ने बताया कि वातावरण में पाए जाने वाले यह बैक्टीरिया जब हमारी गहरी चोट के संबंध में आते हैं तो यह शरीर में या प्रभावित हिस्से में जाकर फैलने लगते हैं। साथ ही टेट्नोस्पासमिन (Tetanospasmin) नामक एक जहरीला टॉक्सिन पैदा करते हैं। यह टॉक्सिन आपके नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है, जिस कारण मांसपेशियों में ऐंठन, उठने-बैठने में समस्या और कुछ मामलों में इसका प्रभाव बढ़ जाने के कारण जान भी जा सकती है। यह बैक्टीरिया फैलने में ज्यादा समय नहीं लगाते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि चोट लगने के बाद बिना देर किए टिटनेस का टीका लगवा लिया जाए।
चोट लगने के बाद टिटनेस इंजेक्शन नहीं लेने पर क्या होता है (What Happens if Not Taken Tetanus Jab After Injury)
- डॉ. तुषार का मानना है कि चोट लगने के बाद टिटनेस का टीका लगवाना बहुत जरूरी होता है। यदि बड़ी चोट लगने के बाद भी आपने टिटनेस का टीका नहीं लगवाया है तो यह आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।
- बड़ी चोट के बाद यदि टिटनेस शॉट नहीं दिया जाता है तो ऐसे में बैक्टीरिया अधिक विषाक्त पदार्थों का उत्पादन करने के लिए विकसित हो सकते हैं।
- यह आपके नर्वस सिस्टम को प्रभावित कर सकता है।
- उच्च रक्तचाप के साथ ही हृदय की गति बढ़ जाना, बुखार और पसीना आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- इससे सांस लेने में तकलीफ और खाद्य पदार्थों को निगलने में भी कठिनाई हो सकती है।
- चोट लगने के बाद टिटनेस का टीका नहीं लगवाने पर यह विशेष रूप से आपके जबड़े और गर्दन की मांसपेशियों को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए इसे लॉकजॉ के नाम से भी जाना जाता है।
- कई स्थितियों में यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।
चोट के आधार पर तय होता है टीका (Jab Depends on the Kind of Injury)
डॉ. तुषार बताते हैं कि टिटनेस का इंजेक्शन जरूरी है कि नहीं यह आपके पुराने यानि शरीर में लगे पिछले टिटनेस के टीके पर निर्भर करता है। हालांकि चोट चाहे छोटी हो या बड़ी चिकित्सक से सलाह लेना बहुत जरूरी होता है। लेकिन अगर आपको गहरी चोट आई है या फिर किसी जानवर ने काटा हो तो चिकित्सक ऐसे मामलों में यह तय करते हैं कि आपको टिटनेस के टीके की आवश्यकता है या नहीं। ऐसे में वे यह निर्णय लेंगे कि आपको टिटनेस वैक्सीन की जरूरत है या टिटनेस इम्यून ग्लोब्यूलिन की या फिर इन दोनों ही टीकों की आवश्यकता है। आमतौर पर भी यह जरूरी है कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए हर 10 साल में टिटनेस का टीका लगवाते रहें।
गंदे घाव पर लगवाना होगा टीका (Jab is Mandatory on Dirty Wounds)
डॉ. तुषार ने बताया कि टिटनेस का टीका घाव की गंदगी पर भी निर्भर करता है। अगर आपकी चोट में अधिक गंदगी है यानि धूल मिट्टी या फिर दूषित पदार्थों का जमाव है तो आपको टीकाकरण कराना ही होगा। चाहे फिर आपने पांच साल पहले ही टिटनेस का टीका क्यों न लगवाया हो। खुद को सुरक्षित रखने के लिए आपको टीका लगवाना ही होगा। वहीं अगर आपकी चोट साफ सुधरी यानि उसमें मिट्टी या गंदगी नहीं होगी तो ऐसे में आपको टीका लगवाने की आवश्यकता नहीं होती है। फिर चाहे आपने पिछला टिटनेस का टीका 10 साल पहले क्यों न लगवाया हो। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि क्लॉसटीरियम टेट्नी बैक्टीरिया धूल, मिट्टी में अधिक पाया जाता है। अगर चोट में गंदगी है तो संक्रमण फैलने की आशंका अधिक रहती है।
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लॉकजॉ क्या है (What is Lockjaw)
जंग लगे लोहे से चोट लगने के बाद यदि टिटनेस का टीका नहीं लगवाया जाए तो लॉकजॉ की समस्या हो सकती है। लॉकजॉ एक ऐसी समस्या है, जिसमें मुख्य रूप से आपके जबड़े प्रभावित होते हैं। लॉकजॉ दर्दनाक जटिलताओं में से एक है। इसमें आपके जबड़े एक तरह से लॉक यानि जाम हो जाते हैं। यह भी एक तरह से जोड़ों का विकार है। अगर समय पर इसका इलाज नहीं कराया जाए तो यह आपको अधिक पीड़ा दे सकता है।
अगर आपको नर्वस सिस्टम संबंधी समस्या है या फिर आप किसी गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं और ऐसे में आपको चोट लगती है तो चिकित्सक की सलाह के बिना यह टीका नहीं लगवाएं। यह लेख डॉक्टर से बातचीत पर आधारित है। चोट लगने के बाद टिटनेस के इंजेक्शन के लिए चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
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