स्तनपान कराने वाली मांओं के लिए मेडिटेशन यानी ध्यान करना फायदेमंद माना जाता है। जरूरी नहीं है कि आप मेडिटेशन को लंबा समय दें। एक्सपर्ट्स की मानें तो दिन में 15 मिनट देना भी बहुत है। मेडिटेशन करने से हार्मोन्स का बैलेंस ठीक रहता है। लखनऊ के बोधिट्री इंडिया सेंटर की काउन्सलिंग साइकोलॉजिस्ट डॉ नेहा आनंद ने बताया कि स्तनपान कराने वाली मांएं अगर मेडिटेट करती हैं, तो ब्रेस्ट में मिल्क सप्लाई बढ़ती है। स्ट्रेस कम करने के लिए मेडिटेशन जरूरी है। जब स्ट्रेस कम होगा, तो मांएं बेहतर ढंग से शिशु को स्तनपान करवा पाएंगी।
पोस्टपार्टम डिप्रेशन से बचाव (Meditation Prevents Postpartum Depression)
प्रेगनेंसी के बाद कई महिलाएं पोस्टपार्टम डिप्रेशन के लक्षणों से जूझ रही होती हैं। इसका बुरा असर स्तनपान के दौरान देखने को मिलता है, जब मां बच्चे को स्तनपान कराने में खुद को काबिल महसूस नहीं करतीं। अगर मांएं मेडिटेशन करेंगी, तो डिलीवरी के बाद पोस्टपार्टम डिप्रेशन की समस्या से बच सकती हैं।
मिल्क सप्लाई बढ़ेगा (Meditation Increases Milk Production)
डिलीवरी के बाद लैक्टेशन बढ़ाने के लिए ध्यान और योगा को मददगार मानते हैं। डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स ऐसा मानते हैं कि स्ट्रेस का बुरा असर स्तनपान की प्रक्रिया पर पड़ता है। अगर मां तनाव में है, तो उसे शिशु को स्तनपान कराने में परेशानी हो सकती है। मिल्क सप्लाई को बढ़ाने के लिए आप मेडिटेशन को अपने रूटीन में शामिल करें।
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एक दिन में 15 मिनट मेडिटेशन भी काफी है (Try 15 Minutes Meditation)
डॉ नेहा ने बताया शिशु की देखभाल से लेकर अन्य जिम्मेदारियों के चलते नई मां खुद पर ध्यान नहीं दे पातीं। अगर आप दिन भर में 15 मिनट भी मेडिटेशन कर रही हैं, तो काफी है। आप सुबह के समय मेडिटेशन करें। ये समय ध्यान के लिए अच्छा माना जाता है। ताजी हवा में सांस लेने से स्ट्रेस कम होता है। फेफड़ों की सेहत के लिए सुबह की ताजी हवा फायदेमंद होती है।
मेडिटेशन से पहले अपनाएं ये टिप्स
आप मेडिटेशन करते समय इन टिप्स को फॉलो करें-
- मेडिटेशन से ठीक पहले भोजन करने से बचें।
- खाली पेट भी मेडिटेशन करना अवॉइड करें।
- आप खाने के 1 घंटे बाद मेडिटेशन कर सकती हैं।
- पहली बार ट्राई कर रही हैं, तो आधे घंटे से ज्यादा ध्यान न करें।
- मेडिटेशन करने के लिए शांत जगह का चुनाव करें।
इस तरह मिलेगा पूरा फायदा
आप आधे घंटे मेडिटेशन कर रही हैं, तो 15 मिनट के दो सेशन कर सकती हैं। शुरू में मन को एकाग्र करने में परेशानी होती है और ध्यान भटकता है। इसलिए समय को डिवाइड करके मेडिटेशन की प्रैक्टिस की जा सकती है। आप 10 मिनट से भी शुरू कर सकती हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान और डिलीवरी के बाद, दोनों ही फेज़ में मेडिटेशन फायदेमंद होता है। आप किसी एक्सपर्ट की निगरानी में मेडिटेशन सीखना शुरू कर सकती हैं।