
Impact of PCOD on IVF Procedure: पीसीओडी एक ऐसी स्थिति है जो महिलाओं के अंडाशय को प्रभावित करती है। पीसीओडी होने पर महिलाओं के शरीर में हार्मोनल स्तर और गर्भाशय कार्यक्षमता प्रभावित होती है। पीसीओडी के कारण पीरियड्स नियमित नहीं होते। पीसीओडी के कारण योनि में दर्द, वजन बढ़ने की समस्या, हेयर फॉल, चेहरे पर अधिक फेशियल हेयर्स आदि समस्याएं होती हैं। ऐसा माना जाता है कि पीसीओडी का बुरा असर आईवीएफ प्रोसेस पर पड़ता है। आईवीएफ यानि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन प्रोसेस। आम भाषा में इसे टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहा जाता है। इस प्रक्रिया की मदद से उन महिलाओं को मां बनने का सुख मिलता है जो प्राकृतिक तरीके से मां नहीं बन पातीं। इस लेख में जानेंगे कि जिन महिलाओं को पीसीओडी होता है, उनको आईवीएफ तकनीक अपनाने पर किन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के क्वीनमेरी हॉस्पिटल की पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ विनिता दास से बात की।

क्या आईवीएफ प्रक्रिया को प्रभावित करता है पीसीओडी?- Impact of PCOD on IVF Procedure
डॉ विनिता ने बताया कि ऐसा नहीं कि जिन महिलाओं को पीसीओडी होता है वह मां नहीं बन सकतीं या आईवीएफ प्रक्रिया का फायदा नहीं उठा सकतीं। हालांकि पीसीओडी के साथ आईवीएफ की सफलता दर कम हो जाती है। पीसीओडी में हार्मोनल बदलाव होता है जिसके कारण ओवुलेशन प्रक्रिया पर बुरा असर पड़ता है। आईवीएफ में फर्टिलिटी की दवाएंं इंजेक्शन और दवाओं के जरिए दी जाती है, लेकिन पीसीओडी के कारण दवाओं का प्रभाव कम हो सकता है। पीसीओडी के कारण फीमेल एग्स की क्वॉलिटी खराब हो सकती है। कुछ महिलाओं में हार्मोनल बदलाव के कारण पीसीओडी होने पर, मिसकैरेज भी हो जाता है। हालांकि डॉक्टर की सलाह के साथ चलेंगी, तो पीसीओडी के साथ भी आप गर्भवती हो सकती हैं।
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आईवीएफ के दौरान पीसीओडी को कंट्रोल कैसे करें?- How to Control PCOD Symptoms
- स्वस्थ आहार खाना पीसीओडी प्रक्रिया में बहुत जरूरी है। अपनी डाइट में ताजे फल, सब्जियां, प्रोटीन और पौष्टिक अनाजों को शामिल करें।
- नियमित व्यायाम करना आपके शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है। योग, वाकिंग, स्विमिंग जैसे व्यायाम करें जो पीसीओडी के लक्षणों को कंट्रोल करे।
- रोज मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। इससे तनाव कम होगा और आप सकारात्मक रह सकेंगी।
- ब्लड शुगर लेवल को कंट्राेल करें और हेल्दी वेट मेनटेन करें।
- पीसीओडी में आराम करें और पर्याप्त नींद लें। इसके अलावा डॉक्टर की सलाह पर दवाओं का सेवन करें।
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