दुनियाभर में कलर ब्लाइंडनेस (Colour Blindness) की समस्या अब आम हो गई है, 12 में से 1 पुरुष इस समस्या का शिकार हो रहे हैं। लेकिन वहीं, जब ये मामला महिलाओं में देखा जाता है तो 200 में से 1 महिला कलर ब्लाइंडनेस का शिकार होती है। जिसमें उन्हें सही से किसी रंग को पहचानना मुश्किल हो सकता है। वैसे कलर ब्लाइंडनेस अंधेपन का कोई रूप नहीं है, लेकिन रंग देखने के तरीके में कमी है। अगर आप कलरब्लाइंड का शिकार हैं, तो आपको कुछ रंगों जैसे नीले और पीले या लाल और हरे रंग को पहचानना या सही रंग को देखने में काफी परेशानी हो सकती है। कई लोगों को इसका शिकार होने के बाद भी इस बारे में पता नहीं होता, तो आपको परेशानी होने की जरूरत नहीं है। हम आपको इस लेख के जरिए बताएंगे कि कलर ब्लाइंड क्या है, कितने प्रकार के कलर ब्लाइंड होते हैं और इसको कैसे पहचाना जा सकता है।
कलर ब्लाइंड के कारण
- आंख को शारीरिक या रासायनिक नुकसान होना।
- ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचना।
- मस्तिष्क के कुछ हिस्सों को नुकसान पहुंचने के कारण रंगों की जानकारी कम होना।
- मोतियाबिंद।
- बढ़ती उम्र।
कलर ब्लाइंड के लक्षण
- अगर आप रंगों को देखने और उन्हें पहचानने में परेशान हो रहे हैं या फिर आपकी ओर से बताया गया रंग कोई और नकार रहा है तो ये कलर ब्लाइंड (Colour Blindness) का संकेत हो सकता है। अगर आपको भी इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है तो आपको समझना चाहिए ये कलर ब्लाइंड का लक्षण है।
- अगर आप रंग दृष्टि की समस्याओं को झेलते हैं, तो आपको निश्चित रूप से अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए। रंग दृष्टि का अचानक या धीरे-धीरे नुकसान किसी भी तरह की अंदरूनी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है।
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कलर ब्लाइंडनेस के प्रकार और पहचानने का तरीका
रेड-ग्रीन कलर ब्लाइंडनेस
अगर आपकी आंखों के लाल शंकु या हरे शंकु में फोटोपिगमेंट ठीक से काम नहीं करते हैं, तो ये रेड-ग्रीन कलर ब्लाइंडनेस (Colour Blindness) होते हैं। जैसे:
ड्यूटेरोनोमाइल: इस तरह के कलर ब्लाइंड को इस रंग के अंधापन का सबसे आम रूप है और करीब 5 प्रतिशत पुरुषों को प्रभावित करता है, लेकिन ये महिलाओं में काफी कम देखा जाता है। आंखों की ऐसी स्थिति तब होती है जब ग्रीन कोन फोटोपिगमेंट काम नहीं करता है।
प्रोटानोमली: आपका लाल शंकु फोटोपिगमेंट सही तरीके से काम नहीं करता है। यह महिलाओं में बहुत कम देखा जाता है और लगभग पुरुषों में 1 प्रतिशत देखा जाता है।
प्रोटानोपिया: आपके पास कोई काम करने वाली लाल शंकु कोशिकाएं नहीं हैं। ये स्थिति भी महिलाओं में दुर्लभ है और लगभग 1 प्रतिशत पुरुषों को प्रभावित करती है।
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ब्लू-यलो कलर ब्लाइंडनेस
ट्राईटेनोमली: आपकी आंखों में मौजूद नीली शंकु कोशिकाएं एक सीमित तरीके से काम करती हैं। जिसके लिए दूसरे रंगों की पहचान करना मुश्किल हो जाता है।
ट्रिटेनोपिया: इसे नीले-पीले रंग के अंधापन के रूप में भी जाना जाता है, अगर आपके पास कोई नीला शंकु कोशिका नहीं है। नीला हरा दिखता है, और पीला हल्का ग्रे या बैंगनी दिखता है, तो ये आपके लिए ब्लू-यलो कलर ब्लाइंडनेस होता है।
अक्सर कई बार लोग भागदौड़ भरी जिंदगी के बीच आंखों के रंग देखने की गलतियों को नजरअंदाज कर देते हैं, जो कलर ब्लाइंडनेस (Colour Blindness) का संकेत हो सकता है। इससे बचने के लिए आपको समय-समय पर अपनी आंखों का ख्याल रखना चाहिए साथ ही रंगों की पहचान को जांचना चाहिए।
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