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अचानक शरीर का ठंडा होना है हाइपोथर्मिया का संकेत, जानें इसके कारण और बचाव के तरीके

ठंड के मौसम में लापरवाही के कारण अक्सर लोग हाइपोथर्मिया जैसी गंभीर समस्या के शिकार हो जाते हैं। यहां जानिए, हाइपोथर्मिया के कारण, लक्षण और बचाव के तरीके।
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अचानक शरीर का ठंडा होना है हाइपोथर्मिया का संकेत, जानें इसके कारण और बचाव के तरीके


महाकुंभ का आयोजन इस बार प्रयागराज में हो रहा है, जिसमें लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से स्नान और पूजा अर्चना करने के लिए आ रहे हैं। ठंड के मौसम के कारण इस साल अब तक महाकुंभ में कई लोग हाइपोथर्मिया के शिकार हो चुके हैं। हाइपोथर्मिया एक गंभीर स्थिति है, यह तब होती है जब शरीर का तापमान ज्यादा गिर जाता है और शरीर अपनी प्राकृतिक गर्मी बनाए रखने में असमर्थ होता है। महाकुंभ के आयोजन में जहां बड़ी संख्या में लोग संगम के तट पर स्नान करने के लिए उतरते हैं, वहीं ठंडी हवाएं और पानी हाइपोथर्मिया का कारण बन सकते हैं। महाकुंभ के दौरान ठंडे पानी में स्नान करने से शरीर का तापमान तेजी से गिर सकता है। इसके परिणामस्वरूप हाइपोथर्मिया की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिसमें शरीर में कंपकंपी, थकावट और गंभीर मामलों में बेहोशी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। इस लेख में दिल्ली के नॉर्थ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के जनरल फिजिशियन और इम्यूनाइजेशन ऑफिसर डॉ. पियूष मिश्रा से जानिए, हाइपोथर्मिया के कारण, लक्षण और इससे बचाव के तरीके क्या हैं?

हाइपोथर्मिया के कारण - What Causes Hyperthermia

हाइपोथर्मिया के कारण अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन मुख्य रूप से यह ठंडे वातावरण में लंबे समय तक रहने के कारण होता है। जब शरीर का तापमान 35°C (95°F) से नीचे गिरने लगता है, तो हाइपोथर्मिया की स्थिति बनती है। जब लोग बर्फीली जगहों पर, ठंडी हवाओं में बाहर रहते हैं या लंबे समय तक बिना पर्याप्त गर्म कपड़ों के बाहर काम करते हैं, तो शरीर गर्मी को खोने लगता है, जिससे हाइपोथर्मिया हो सकता है। इसके अलावा यदि कपड़े गीले हो जाएं, तो ठंडी हवा के संपर्क में आने से शरीर ज्यादा तेजी से ठंडा होता है, जिससे हाइपोथर्मिया का खतरा बढ़ सकता है।

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शारीरिक थकावट, कम एनर्जी या कमजोरी के कारण शरीर की गर्मी बनाए रखना मुश्किल हो सकता है और इससे हाइपोथर्मिया की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही कुछ गंभीर शारीरिक चोटों जैसे कि सिर या पेट में चोट, शरीर की गर्मी बनाए रखने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे हाइपोथर्मिया हो सकता है। बुजुर्ग या कमजोर इम्यून सिस्टम वाले व्यक्तियों को हाइपोथर्मिया का खतरा ज्यादा होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इनमें शरीर की प्राकृतिक गर्मी बनाए रखने की क्षमता कम होती है।

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हाइपोथर्मिया के लक्षण - What Are The Symptoms Of Hypothermia

डॉ. पियूष मिश्रा बताते हैं कि हाइपोथर्मिया के लक्षण धीरे-धीरे उभरते हैं और शुरुआती समय में व्यक्ति को इसका एहसास नहीं होता।

1. कांपना - Shivering

शरीर ठंड से बचने के लिए कांपने लगता है, लेकिन ज्यादा ठंड के कारण यह कांपना रुक सकता है, जो हाइपोथर्मिया का गंभीर संकेत हो सकता है।

2. शरीर का तापमान कम होना

हाइपोथर्मिया के शुरुआती लक्षणों में शरीर का तापमान 35°C (95°F) से कम होना शामिल है।

3. थकावट और कमजोरी

व्यक्ति को ज्यादा थकावट और कमजोरी महसूस होती है। साथ ही चलने या काम करने में भी कठिनाई हो सकती है।

4. भ्रम - Confusion

हाइपोथर्मिया का मानसिक स्थिति पर भी असर पड़ता है और व्यक्ति को उलझन या भ्रम महसूस हो सकता है। गंभीर स्थिति में, व्यक्ति बेहोश हो सकता है और शरीर के अंगों का कार्य भी रुक सकता है।

हाइपोथर्मिया को कैसे रोकें? - How To Prevent Hypothermia

  • जब आप ठंडी जगहों पर जाएं, तो गर्म कपड़े पहनें जो न केवल आपको गर्म रखें बल्कि पानी और हवा से भी बचाव करें। ठंड से बचने के लिए लेयरिंग सबसे अच्छा तरीका है।
  • अगर आपके कपड़े गीले हो जाएं, तो जल्दी से उन्हें बदलें और सूखे कपड़े पहनें। गीले कपड़े शरीर के तापमान को तेजी से घटा सकते हैं, जिससे हाइपोथर्मिया की स्थिति बन सकती है।
  • पर्याप्त पानी पिएं। ऐसा इसलिए, क्योंकि शरीर की नमी को बनाए रखना हाइपोथर्मिया के जोखिम को कम करता है।
  • शरीर को गर्म रखने के लिए लाइट फिजिकल एक्टिविटी जैसे कि पैदल चलना, हाथ-पैर हिलाना मददगार हो सकता है।

हाइपोथर्मिया के शुरुआती लक्षणों को पहचानने की कोशिश करें ताकि आप समय से मदद ले सकें और खुद को सुरक्षित रख सकें। यदि हाइपोथर्मिया के गंभीर लक्षण दिखें, जैसे कि बेहोशी या मानसिक स्थिति में बदलाव, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

निष्कर्ष

हाइपोथर्मिया एक गंभीर स्थिति है, जो सर्दियों में ठंडे वातावरण में लंबे समय तक रहने के कारण उत्पन्न हो सकती है। इसके लक्षणों को समय रहते पहचानना और इससे बचाव के उपायों का पालन करना जरूरी है।

All Images Credit- Freepik

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