Tips to Prevent Newborn baby from Hypothermia: इन दिनों दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में मौसम ने करवट ली है। शाम को चलने वाली हवाओं के कारण अभी से ही हल्की-हल्की सर्दी महसूस होने लगी है। ठंडे मौसम में लोगों को सर्दी, खांसी और जुकाम की समस्याएं ज्यादा देखी जाती है। ठंड में बीमारियों का जितना खतरा व्यस्क लोगों को होता है, उससे कहीं ज्यादा नवजात शिशु को होता है। साधारण बीमारियों के साथ-साथ सर्दियों के मौसम में नवजात शिशुओं में हाइपोथर्मिया का खतरा भी ज्यादा होता है।
आज इस के लेख के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं हाइपोथर्मिया क्या है, इसके लक्षण क्या हैं और नवजात शिशु को इस बीमारी से कैसे बचाया जा सकता है। इस विषय पर नोएडा के सेक्टर 110 स्थित प्राइवेट क्लीनिक पर प्रैक्टिस कर रहे बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मोहित सेठी ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है।
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हाइपोथर्मिया क्या है?- What is hypothermia?
डॉ. मोहित सेठी का कहना है कि हाइपोथर्मिया एक ऐसी स्थिति होती है, जब शरीर का तापमान सामान्य से कम हो जाता है। नवजात शिशुओं में अचानक शरीर का तापमान गिरना एक खतरनाक स्थिति होती है। कुछ गंभीर मामलों में इस स्थिति में नवजात शिशुओं की मौत भी हो सकती है। बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ के अनुसार, नवजात शिशु का शरीर तापमान 36.5°C से 37.5°C के बीच होना चाहिए। जब तापमान इससे कम हो जाता है, तो उसे हाइपोथर्मिया की स्थिति कहा जाता है।
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नवजात शिशुओं में हाइपोथर्मिया के लक्षण- signs of hypothermia in newborns
डॉ. मोहित सेठी की मानें तो हाइपोथर्मिया का मुख्य लक्षण नवजात शिशु के शरीर का अचानक से कम होना और शरीर का ठंडा महसूस होता है। इसके अलावा नीचे बताए गए लक्षणों से भी हाइपोथर्मिया को पहचाना जा सकता हैः
1. शारीरिक कमजोरी और सुस्ती: हाइपोथर्मिया में शिशु शारीरिक रूप सुस्त महसूस करता है, जिसकी वजह से उसकी गतिविधियां कम हो जाती हैं।
2. सांस का धीमा होना: शिशु की सांस धीमी और हल्की हो सकती है।
3. रोना कम होना : हाइपोथर्मिया से पीड़ित शिशु कम रोते हैं और सामान्य से अधिक शांत होते हैं।
4. स्तनपान में कमी: शिशु को स्तनपान करने में कठिनाई महसूस होती है।
5. त्वचा पर नीला या ग्रे पड़ना: जब शिशु का शरीर बहुत ठंडा हो जाता है, तो उसकी त्वचा के रंग में बदलाव भी देखा जाता है। हाइपोथर्मिया की स्थिति में शिशु के शरीर का रंग नीला या ग्रे पड़ने लगता है।
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नवजात शिशुओं में हाइपोथर्मिया के कारण- Causes of hypothermia in newborns
- शिशु को पर्याप्त गर्माहट न मिलना
- ठंडी या नमी वाली जगहों पर लेटा कर रखना या बिस्तर होने के कारण
- समय से पहले जन्म लेने वाले शिशु, जिनका वजन कम होता है
- शिशु के कपड़े गीले होना
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नवजात शिशु में हाइपोथर्मिया से बचने के टिप्स- Tips to Avoid Hypothermia in Newborns
1. पर्याप्त कपड़े पहनाएं : शिशु को सर्द हवाओं को नमी से बचाने के लिए सूखे और गर्म कपड़े पहनाएं। शिशु को टोपी, मोजे और दस्ताने भी पहनाएं, ताकि शिशु का शरीर पर्याप्त तरीके से गर्म हो सके।
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2. कंगारू मदर केयर : नवजात शिशु को त्वचा से त्वचा के संपर्क में रखने से भी हाइथपोर्थमिया से बचाव करने में मदद मिल सकती है।
3. जन्म के समय ढक कर रखें : जन्म के तुरंत बाद शिशु को सूखे तौलिये में लपेटना चाहिए। इसके अलावा, जितनी जल्दी हो सके, शिशु को पर्याप्त कपड़े पहनें।
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डॉ. मोहित सेठी का कहना है कि यदि नवजात शिशु में हाइपोथर्मिया गंभीर हो जाता है, तो इसे इन्क्यूबेटर में रखने की जरूरत पड़ सकती है। इसलिए हाइपोथर्मिया के शुरुआत लक्षण दिखते ही, इस विषय पर डॉक्टर से बात करें।
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