दुनिया का हर तीसरा व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर का शिकार, WHO ने पहली बार जारी की हाइपरटेंशन पर विस्तृत रिपोर्ट

WHO के अनुसार अगर हाई ब्लड प्रेशर का सही समय पर इलाज मिल जाए, तो हार्ट अटैक और स्ट्रोक से हर साल मरने वाले करोड़ों लोगों की जान बचाई जा सकती है।
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दुनिया का हर तीसरा व्यक्ति हाई ब्लड प्रेशर का शिकार, WHO ने पहली बार जारी की हाइपरटेंशन पर विस्तृत रिपोर्ट


हाई ब्लड प्रेशर (हाई बीपी) या हाइपरटेंशन एक ऐसी बीमारी है, जो कई जानलेवा समस्याओं जैसे- हार्ट अटैक, हार्ट फेलियर, किडनी डैमेज, ब्रेन स्ट्रोक आदि का कारण बन सकती है। यही कारण है कि इस बीमारी को जानलेवा माना जाता है। आज से कुछ दशक पहले तक इसे बुजुर्गों की बीमारी समझा जाता था। लेकिन आज के समय में हाई ब्लड प्रेशर इतनी कॉमन समस्या हो गई है कि युवा तो युवा छोटे-छोटे बच्चे भी इसके शिकार हो रहे हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार दुनिया का हर तीसरा वयस्क हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का शिकार है। दरअसल WHO ने पहली बार हाइपरटेंशन के प्रभाव और इससे बचाव के उपाय को लेकर विस्तृत रिपोर्ट जारी की है। WHO की ये रिपोर्ट युनाइटेड नेशन्स की जनरल असेंबली के 78वें अधिवेशन में जारी की गई है। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हर 5 में से 4 मरीज को सही इलाज नहीं मिल रहा। अगर इन मरीजों को सही इलाज मिल सके तो साल 2023 से साल 2050 तक कम से कम 7.6 करोड़ लोगों की मौत को रोका जा सकता है। इसके अलावा इस छोटे से कदम से दुनियाभर में होने वाले 12 करोड़ स्ट्रोक के मामलों, 7.9 करोड़ हार्ट अटैक के मामलों और 1.7 करोड़ हार्ट फेलियर के मामलों को भी रोका जा सकता है।

क्या कहती है हाइपरटेंशन पर WHO की रिपोर्ट?

WHO की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि हाई बीपी के लगभग आधे मरीजों को इस बात का पता भी नहीं है कि वो उन्हें ये खतरनाक बीमारी है। पिछले कुछ दशकों में बीपी के मरीजों की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है। इसी रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में साल 1990 में जहां हाई बीपी के मरीजों की संख्या 650 करोड़ थी, तो साल 2019 में ये संख्या बढ़कर 1.3 अरब (1300 करोड़) हो गई है। के मुकाबले दुनियाभर में हाई बीपी के मामलों में साल 2019 तक दोगुने से ज्यादा की बढ़ोत्तरी देखी गई। 

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क्यों बढ़ रहे हैं हाई ब्लड प्रेशर के मामले?

WHO ने इस रिपोर्ट में बताया है कि हाई ब्लड प्रेशर के आम कारण तो बढ़ती उम्र और जेनेटिक्स होते हैं। मगर पिछले कुछ सालों में बीपी के मरीजों की संख्या बढ़ने का कारण बहुत ज्यादा नमक का सेवन, फिजिकल एक्टिविटीज में कमी, एल्कोहल की लत आदि हैं। आपको बता दें कि पैकेटबंद फूड्स से लेकर रेस्टोरेंट्स और होटल्स में मिलने वाले खाने तक, सफेद नमक का प्रयोग बहुत ज्यादा बढ़ गया है, जिसके चलते लोग कम उम्र में हाई बीपी का शिकार हो रहे हैं।

हाई बीपी से कैसे बच सकते हैं?

WHO ने बताया कि लाइफस्टाइल में कुछ छोटे-छोटे बदलाव (हेल्दी डाइट, तंबाकू का सेवन बंद, फिजिकल एक्टिविटी) करके हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को मैनेज किया जा सकता है। कुछ लोगों को बीपी कंट्रोल करने के लिए दवा की जरूरत भी पड़ सकती है लेकिन दवाओं के रेगुलर इस्तेमाल से इस बीमारी से होने वाले दूसरे खतरों को कम किया जा सकता है। 

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WHO के नॉन-कम्यूनिकेबल डिजीज एंड इंजरीज के ग्लोबल एंबेसडर माइकल आर. ब्लूमबर्ग ने कहा, "दुनियाभर में होने वाले ज्यादातर हार्ट अटैक और स्ट्रोक्स को सुरक्षित और आसानी से उपलब्ध दवाओं और छोटे-छोटे लाइफस्टाइल बदलाव (कम नमक का सेवन)से बहुत हद तक कम किया जा सकता है।" उन्होंने यह भी कहा कि इस हाई ब्लड प्रेशर को सही समय पर रोका जा सके तो हर साल करोड़ों लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है।

WHO की इस रिपोर्ट को आप यहां पढ़ सकते हैं- Global report on hypertension

 

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