
High Blood Pressure Ayurvedic Treatment: हाई ब्लड प्रेशर एक गंभीर समस्या है। हाई ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर कहा जाता है क्योंकि जब ब्लड प्रेशर कंट्रोल में नहीं रहता है तो इससे कई स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है साथ ही यह हार्ट अटैक और स्ट्रोक का कारण भी बन सकता है जिससे व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। इसलिे शरीर में ब्लड प्रेशर के सामान्य स्तर को बनाए रखना बहुत जरूरी है। लेकिन वर्तमान समय में खराब खानपान और जीवनशैली के चलते हम में से ज्यादातर लोग ब्लड प्रेशर के बढ़ने और कम होने की समस्या का सामना करना करते हैं। हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से छुटकारा पाने के लिए हम में से ज्यादातर लोग दवाओं और गोलियों का सेवन करते हैं। लेकिन आयुर्वेदिक चिकित्सक और पंचर्म स्पेशलिस्ट डॉ. अंकित की मानें तो ब्लड प्रेशर का अनियंत्रित होना या हाई ब्लड प्रेशर की समस्या जीवनशैली से जुड़ा रोग है। आयुर्वेद में हाई ब्लड प्रेशर के इलाज के लिए दवाओं से अधिक स्वस्थ जीवनशैली का अधिक महत्व है। ऐसे कई आयुर्वेदिक उपाय हैं जिनसे आप हाई बीपी की समस्या से आसानी से छुटकारा (Ayurvedic Tips To Control High Blood Pressure In Hindi) पा सकते हैं।
आपको सेहत के प्रति जागरूक करने और हेल्दी रखने के लिए Onlymyhealth समय-समय पर सेहत और खानपान से जुड़े टिप्स शेयर करता है। इस महीने हम अपने Campaign ‘focus of the month’ - Beat The Pressure में ब्लड प्रेशर से जुड़ी जरूरी जानकारियां और टिप्स आपके साथ शेयर कर रहे हैं। आज के इस लेख में हम आपको हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने के लिए आपको क्या करना चाहिए क्या नहीं, और हाई बीपी कंट्रोल करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Tips To Control High Blood Pressure In Hindi)।
हाई बीपी को कंट्रोल करने के लिए आयुर्वेदिक उपचार (Ayurvedic Treatment For Control High Blood Pressure In Hindi)
डॉ. अंकित की मानें तो हाई बीपी के हल्के और मध्यम चरणों में विशिष्ट लक्षणों के बिना हाई ब्लड प्रेशर को आयुर्वेद में एक बीमारी नहीं माना जा सकता है। यह रोगजनन का प्रारंभिक चरण और हृदय, मस्तिष्क, गुर्दे और आंखों आदि को प्रभावित करने वाले रोगों के विकास के लिए एक जोखिम कारक प्रतीत होता है। आयुर्वेद में हाई बीपी को कंट्रोल करने के लिए कई उपचार प्रक्रियाएं शामिल हैं जैसे:
1. समशोधन चिकित्सा (Bio-Cleansing Therepies / Purificatory Procedures)
- इसमें रोगी को विशिष्ट किस्म की औषधियां दी जाती हैं जिसे एनीमा कहा जाता है।
- कैस्टर ऑयल की मदद से शरीर का शुद्धिकरण किया जाता है।
- छाछ का सेवन अधिक किया जाता है
- रक्तदान किया जाता है
2. दवाओं में शामिल है...
- सर्पगंधा चूर्ण
- अश्वगंधा चूर्ण
- जटामासी चूर्ण
- अर्जुन तवाका
- चूर्ण रसोना क्षीरपाका
3. कायाकल्प चिकित्सा में शामिल हैं...
- ब्राह्मी रसायन
- शंखपुष्पी कालका
- यष्टिमधु चूर्ण गुडूची रस
- मंडूकपर्णी स्वरसा
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हाई ब्लड प्रेशर में क्या नहीं करना चाहिए (What To Avoid In High Blood Pressure In Hindi)
- अधिक नमक का सेवन न करें
- मक्खन, घी, मिर्च (लाल हरा), अचार, तिल तेल, बंगाल चना, सरसों का तेल, खट्टे फल, चाय, दही, टी.सी. का अत्यधिक उपयोग न करें।
- पशु आधारित फैट, प्रोसेस्ड और तैलीय फूड्स का सेवन कम करें।
- शराब का सेवन और धूम्रपान न करें।
- दिन में सोने और रात में जागने का अभ्यास
हाई ब्लड प्रेशर में क्या करना चाहिए (What To Do In High Blood Pressure In Hindi)
- जीवन शैली में बदलाव
- संतुलित आहार का सेवन।
- नियमित शारीरिक व्यायाम
- वजन का प्रबंधन
- समय पर सोना और जागना।
- योग, मेडिटेशन आदि का नियमित अभ्यास।
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