Alzheimers Disease Myths and Facts: अल्जाइमर एक गंभीर मानसिक बीमारी है। यह बीमारी शरीर में धीरे-धीरे विकसित होती है। दिमाग को कमजोर करने वाली यह बीमारी सबसे पहले आपकी याददाश्त को कम करने का काम करती है। इसके बाद धीरे-धीरे पूरे दिमाग को अपनी चपेट में ले लेती है। अल्जाइमर को लेकर जानकारी की कमी के कारण लोग इसके लक्षणों को पहचान नहीं पाते हैं। ऐसा माना जाता है कि अल्जाइमर सिर्फ बुजुर्गों या बूढ़े लोगों में ही होता है, लेकिन ऐसा नहीं है। यह बीमारी किसी भी व्यक्ति में हो सकती है। अल्जाइमर गंभीर मानसिक बीमारी डिमेंशिया का भी प्रमुख कारण होता है। दुनियाभर में अल्जाइमर की बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए 21 सितंबर को वर्ल्ड अल्जाइमर डे (World Alzheimer's Day 2023) मनाया जाता है। आइये इस लेख में विस्तार से जानते हैं अल्जाइमर रोग से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई के बारे में।
अल्जाइमर रोग से जुड़े जरूरी फैक्ट्स- Alzheimers Disease Important Facts in Hindi
अल्जाइमर की गंभीरता इस तरह से समझी जा सकती है कि इस बीमारी का कोई भी परमानेंट इलाज नहीं है। इस बीमारी में डॉक्टर मरीज को कुछ दवाओं के सेवन की सलाह देते हैं, जिनके माध्यम से मरीज के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है। अल्जाइमर की बीमारी घर में किसी को होने से पूरे परिवार को कई गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। आइये दिल्ली के इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के सीनियर कंसलटेंट, जाने माने न्यूरोलोजिस्ट डॉ. पी एन रंजन (Dr. P N Renjan) से जानते हैं अल्जाइमर के बीमारी से जुड़े मिथक और फैक्ट्स-
1. अल्जाइमर सिर्फ बुजुर्गों में होने वाली बीमारी है
ऐसा माना जाता है कि अल्जाइमर सिर्फ बुजुर्गों में होने वाली बीमारी है। जबकि ऐसा बिलकुल भी नहीं है, यह बीमारी 45 साल की उम्र में भी हो सकती है। हां, बुजुर्गों में अल्जाइमर ज्यादातर आनुवांशिक कारणों से होता है। खराब जीवनशैली, अनहेल्दी डाइट और आनुवांशिक कारणों से अल्जाइमर का खतरा बढ़ जाता है।
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2. अल्जाइमर भूलने की बीमारी है
ज्यादातर लोगों को यह लगता है कि अल्जाइमर और डिमेंशिया सिर्फ भूलने की बीमारी है। लेकिन ऐसा बिलकुल भी नहीं है, इस बीमारी के कारण भूलने के अलावा शरीर को कई दूसरे नुकसान भी होते हैं। इसकी वजह से मरीज के हाथ-पैर भी काम करना बंद कर देते हैं।
3. अल्जाइमर जानलेवा नहीं है
यह मानना कि अल्जाइमर की वजह से मरीज की मौत नहीं होती है, बिलकुल गलत है। अल्जाइमर की बीमारी के कारण मरीज की मौत का खतरा बना रहता है। जब यह बीमारी गंभीर रूप से विकसित हो जाती है, तो मरीज की मौत का खतरा बना रहता है।
4. हेल्दी व्यक्ति को अल्जाइमर नहीं होता है
ऐसा मानना कि हेल्दी व्यक्ति को अल्जाइमर नहीं होता है, बिलकुल गलत है। हेल्दी व्यक्ति को आनुवांशिक कारणों और दुर्घटना आदि की वजह से अल्जाइमर होने का खतरा रहता है। इसलिए हेल्दी व्यक्ति में अल्जाइमर के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
5. अल्जाइमर की बीमारी तीन स्टेज में होती है
अल्जाइमर तीन स्टेज में होता है, हर स्टेज में मरीजों को अलग-अलग लक्षण महसूस हो सकते हैं। शुरूआती स्टेज या प्रथम स्टेज में मरीज को धीरे-धीरे चीजों के भूलने की शुरुआत होती है जिसके बाद यह स्थिति बढ़ने लगती है। दूसरे स्टेज में यह बीमारी पूरे मस्तिष्क पर हावी हो जाती है और व्यक्ति को याददाश्त कमजोर होने के अलावा कई और समस्याएं होती हैं। तीसरे स्टेज पर यह बीमारी गंभीर रूप धारण कर लेती है।
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अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी गंभीर मानसिक बीमारियों से बचने के लिए आपको डाइट और लाइफस्टाइल का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इसके अलावा मस्तिष्क को ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल में लाना चाहिए। अल्जाइमर से बचने के लिए पढ़ते-लिखते रहने की सलाह डॉक्टर भी देते हैं। इस गंभीर बीमारी के लक्षण दिखते ही सबसे पहले डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
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