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क्या देर रात तक जगने का मेंटल हेल्थ पर पड़ता है बुरा असर? एक्सपर्ट से जानें कैसे करें सुधार

How Staying Up Late Can Impact Mental Health In Hindi: मौजूदा समय में देर रात तक जगना किसी ट्रेंड की तरह हो गया है। लेकिन, इसका मेंटल हेल्थ पर बहुत
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क्या देर रात तक जगने का मेंटल हेल्थ पर पड़ता है बुरा असर? एक्सपर्ट से जानें कैसे करें सुधार

How Staying Up Late Can Impact Mental Health Prevention Tips In Hindi: आज कल देर रात तक जगना बहुत आम बात हो गई है। कोई वर्कलोड की वजह से देर रात तक जगा रहता है, तो किसी को रात भर नींद नहीं आती है। इस तरह की लाइफस्टाइल का कारण कहीं न कहीं वर्क शिड्यूल जिम्मेदार है। वहीं, आजकल का युवा और टीनेजर्स भी ऐसे हो गए हैं, जो लेट नाइट पार्टी करना और रात भर जगने को ट्रेंडी मानते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अक्सर देर रात तक जगने का आपकी मेंटल हेल्थ पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है? अगर नहीं, तो जानने के लिए इस लेख को पूरा पढ़ें। इस बारे में हमने क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट और सुकून साइकोथैरेपी सेंटर की फाउंडर दीपाली बेदी से बात की।

रात भर जगने का मेंटल हेल्थ पर असर- How Staying Up Late Can Impact Mental Health In Hindi

Mental Health Prevention Tips

नेशनल हार्ट, लंग, एंड ब्लड इंस्टीट्यूट के अनुसार, "हर व्यक्ति के लिए नींद बहुत जरूरी है। यह हमारे मस्तिष्क को ठीक करने, रिलैक्स करने का काम करता है। अच्छी और गहरी नींद लेने से आप अगले दिन काम करने के लिए खुद को पूरी तरह से तैयार पाते हैं और किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या भी नहीं होती है। यहां तक कि नई-नई चीजें सीखने के लिए भी आपका मस्तिष्क तैयार रहता है। कुछ अध्ययनों से यह भी पता चला है कि रात को अच्छी नींद लेने की वजह से लोग अपनी प्रॉब्लम्स को बेहतर तरीके से सुलझा पाते हैं और यह क्रिएटिविटी को भी बढ़ावा देता है। इसके ठीक उलट, अगर आप कोई व्यक्ति रात भर जगता है, पर्याप्त नींद नहीं लेता है, तो स्थिति बदल जाती है। ऐसे लोगों के लिए अपनी भावनओं को कंट्रोल करना, समस्याओं को सुलझाना और व्यवहार को नियंत्रण में रखना मुश्किल हो जाता है। यही नहीं, इस तरह के लोग एक निश्चित समय बाद अवसाद से घिर जाते हैं और अक्सर आत्महत्या या खुद को नुकसान पहुंचाने की सोचने लगते हैं। अगर छोटे बच्चों और किशोरों की बात करें, तो पर्याप्त नींद न लेने के कारण या रात भर जगने के कारण इनमें गुस्सा भर जाता है। इन बच्चों में मोटिवेशन की कमी होती है और पढ़ाई-लिखाई में भी इनका प्रदर्शन दिनों दिन कमजोर होने लगता है।"

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बेहतर नींद के लिए क्या करें- What To Do For Better Sleep

Mental Health Prevention Tips

मेंटल हेल्थ फाउंडेशन के अनुसार, "हर व्यक्ति को अपनी नींद की क्वालिटी पर काम करना चाहिए। इसके लिए, जरूरी है कि पहले नींद न आने का कारण खोजा जाए, इसके बाद अच्छी नींद के लिए वर्क किया जाना चाहिए। मूल रूप से अच्छी नींद के लिए चार फैक्टर जिम्मेदार होते हैं। इनमें सुधार कर अच्छी नींद पाई जा सकती है।"

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स्वास्थ्य पर गौर करें- Take Care Of Your Health

जिन लोगों का स्वास्थ्य सही नहीं होता है, वे अच्छी नींद नहीं ले पाते हैं। स्वास्थ्य में अगर किसी तरह की दिक्कत है, तो बेहतर होगा कि आप जनरल फिजिशियन को चेक कराएं, पूरा ट्रीटमेंट करवाएं। स्वस्थ रहने पर क्वालिटी नींद आने में मदद मिलेगी।

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सोने के लिए सही माहौल सेट करें- Set Right Environment

आप किस जगह सो रहे है, वह भी आपकी क्वालिटी नींद को प्रभावित करती है। बेडरूम में टीवी या रेडियो जैसी चीजें नहीं रखनी चाहिए। इन चीजों की वजह से आपकी नींद बाधित होती है। यहां तक कि बेडरूम में इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स जैसे मोबाइल फोन आदि चीजें लेकर सेने न जाएं। ये भी आपकी नींद को डिस्टर्ब कर सकती हैं।

लाइफस्टाइल में बदलाव करें- Make Positive Lifestyle Changes

अगर आप देर रात तक जगते हैं, तो यह लाइफस्टाइल की बुरी आदत है। आपको चाहिए कि आप अपनी आदतों में बदलाव करें, पोषक तत्वों से भरपूर आहार लें, नियमित रूप से एक्सरसाइज करें और तनाव या एंग्जाइटी से दूर रहें। अच्छी आदतें आपको बेहतर नींद दिलाने में मदद कर सकती हैं।

स्लीपिंग पैटर्न- Note Your Sleeping Pattern

कई बार आपका माहौल, डाइट लाइफस्टाइल सब सही रहता है। इसके बावजूद, अच्छी नींद नहीं आती है। ऐसा आपकी बिगड़ते स्लीपिंग पैटर्न के कारण हो सकता है। अगर बिस्तर पर लेटने के बावजूद नींद न आए, तो सूदिंग म्यूजिक सुन सकते हैं या फिर किताबें पढ़ सकते हैं। हां, अगर लंबे समय तक स्लीपिंग पैटर्न सही न हो, तो बिना देरी किए डॉक्टर के पास जाएं।

image credit: freepik

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