
देश में कोरोना अभी भी अपना आतंक फैलाया रहा है। लोग घरों में रहकर इस आतंक को बढ़ने से रोक रहे हैं। ऐसे में माताओं को शिशु की स्वच्छता का ज्यादा ध्यान रखना जरूरी है। छोटी सी भूल शिशु की सेहत पर भारी पड़ सकती है। ऐसे में इस लेख में दिए गए टिप्स शिशु के स्वास्थ्य के लिए बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं। जी हां, आज का हमारा लेख उन्हीं तरीकों पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि शिशु को जर्म्स और बैक्टीरिया से बचाए रखने के लिए माता-पिता कौन से तरीकों को अपना सकते हैं। पढ़ते हैं आगे...

1 - बच्चों को रोज नहलाएं
शिशु को नहलाना जरूरी होता है। ऐसे में वे ना किसी जर्म्स की चपेट में आ सकते हैं और ना ही किसी बैक्टीरिया के। अक्सर बच्चे खेलते वक्त या खाते वक्त खुद को गंदा कर लेते हैं। ऐसे में इस गंदगी को दूर करने के लिए नहाना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। इससे अलग यदि बच्चा 3 से 4 महीने का है तो बच्चे के तौलिये को भी बदलें।
2 - सामान की क्लीनिंग जरूरी
अच्छे बच्चे अपने सामान के साथ खेलते हुए नजर आते हैं। लेकिन अगर उन्हीं सामानों पर बैक्टीरिया और जर्म्स चिपके हो तो क्या हो। ऐसे में बच्चे की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चे के सामान को भी साफ और गर्म पानी से धोकर रखें। इससे अलग यदि आपका बच्चा फर्श पर खेल रहा है तो ऐसे में जमीन को भी अच्छे से साफ करें।
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3 - बच्चे के पास जाएं हाथ धोकर
हाथों में जर्म्स और बैक्टीरिया होने स्वभाविक है। ऐसे में जब बच्चा जर्म्स और बैक्टीरिया की चपेट में आ जाते हैं तो उन्हें फ्लू की समस्या या अन्य संक्रमण का सामना करना पड़ता है। बता दें कि माताएं जब भी अपने बच्चे को गोद में उठाए तो उससे पहले अपने हाथों को साबुन से कम से कम 20 सेकंड तक साफ करें। ऐसा करने से ना केवल जर्म्स दूर हो सकते हैं बल्कि बच्चे बैक्टीरिया से भी बच सकते हैं।

4 - नाखूनों को छोटा
यदि शिशु के लंबे नाखून है तो ऐसे में बच्चों के नाखूनों में बैक्टीरिया संक्रमण हो सकता है। इससे अलग लंबे नाखून से बच्चे खुद को नुकसान भी पहुंचा सकते हैं। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे शिशु के नाखूनों को बढ़ने से रोकें और समय-समय पर उनके नाखूनों को साफ करें। ऐसा करने से भी बैक्टीरिया संक्रमण से बच पाएंगे। इससे अलग माता-पिता जब भी अपने बच्चों के नाखून काटे तो ध्यान दें कि नाखून काटते वक्त क्यूटिकल्स न कट जाएं। वरना इससे व्यक्ति को काफी दर्द का सामना करना पड़ सकता है।
5 - समय-समय पर बदलें डायपर
माता पिता की जिम्मेदारी है कि बच्चे के डाइपर को समय समय पर बदलें। इससे न केवल बच्चे स्वस्थ रह सकते हैं बल्कि स्वच्छ भी बनी रह सकते हैं। इससे अलग बच्चों के कपड़ों को नियमित रुप से धोएं। इससे बच्चे बैक्टीरिया और जर्म्स दोनों से दूर रहेंगे।
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नोट - ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है की बच्चे को स्वस्थ बनाने में स्वच्छता का अहम रोल है। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वह कुछ तरीकों को अपनाकर बच्चे की स्वच्छता का ध्यान रख सकते हैं और बच्चे को स्वस्थ बना सकते हैं। इससे अलग यदि बच्चा बार-बार किसी संक्रमण या फ्लू, जुखाम के चपेट में आ रहा है तो ऐसे में समय-समय पर डॉक्टर से जांच करवाते रहें।
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