आज के दौर में बच्चों के जन्म के बाद से ही माता-पिता की दोगुनी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। दोगुनी जिम्मेदारी कहने का मतलब यहां ये है कि पहले लोग कई लोग संयुक्त परिवार में रहते थे तो बच्चे को पालना और अनुशासन सिखाने का काम परिवार के सभी लोग मिलकर करते थे लेकिन जैसे-जैसे हमारी जरूरतें बदली, ज्यादातर लोग संयुक्त से एकल परिवार में रहने लगे और बड़े शहरों में पलायन करने लगे। ऐसे माहौल में एक माता-पिता पर अपने बच्चों को सही संस्कार और अनुशासन सिखाने की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। इसके लिए आपको अपने बच्चे को बचपन से एक सही परिवेश और सोचने का तरीका देना चाहिए। आपको उन्हें बड़ों से लेकर प्रकृति तक सभी का सम्मान और आभार व्यक्त करना सिखाना चाहिए। साथ ही आप उन्हें कल के लिए भी तैयार करने की कोशिश में लग जाते हैं ताकि सपनों की दौड़ में वे एक बेहतर और अनुशासित इंसान बनकर उभरे। लेकिन इसके लिए बच्चों पर हाथ उठाना भी सही नहीं है। क्योंकि इससे वे सीखने की बजाय जिद्दी हो जाते हैं।अपने बच्चे को अनुशासन सिखाना के कुछ खास टिप्स है, जो आपको जरूर अपनाने चाहिए।
बच्चों को इन तरीकों से सिखाएं अनुशासन (teach these 5 discipline to child)
1. खुद को बनाएं रोल मॉडल
अपने बच्चों को सिखाने का सबसे सही तरीका है कि आप खुद उनके लिए रोल मॉडल बनें क्योंकि बच्चे सबसे पहले अपने माता-पिता को देखकर सीखते हैं। उनके लिए पहली पाठशाला उनका परिवार ही होता है। इसलिए अपना व्यवहार वैसा न रखें जो, आप अपने बच्चों में नहीं देखना चाहते हैं।
2. खेल-खेल में सिखाएं अच्छी आदतें
बच्चों को अगर आप अपनी बातों के माध्यम से कुछ समझाने की कोशिश करते हैं तो, शायद ये बातें उन्हें समझ न आएं लेकिन अगर आप उन्हें खेल-खेल में ये चीजें समझाते हैं तो, ये बात उनके जीवन का हिस्सा बन जाती है। जैसे उन्हें अपनी गंदी प्लेट खुद साफ करने की आदत सिखाएं। उन्हें घरों के कामों में हाथ बंटाने को कहें। अपने बच्चों में किसी तरह का कोई भेदभाव न करें। बेटे-बेटी दोनों को काम करना सिखाएं।
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3. घर के लिए कुछ नियम बनाएं
हर घर के कुछ अलग नियम और कानून होते हैं। इसकी मदद से बच्चों में एक जागरूकता आती है कि हमें खेलकर समय से घर जाना है, हमें घर में सबके साथ खाना बैठकर खाना है। ये नियम उन्हें समय का पाबंद और परिवार के नजदीक लाने में मदद करते हैं। साथ ही उन्हें अनुशासन भी सिखाता है।
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4. उनकी बातों को ध्यान से सुनें
एक माता-पिता के रूप में हमें सब अपने बच्चे को परफेक्ट देखना होता है। हम उन्हें बहुत कुछ सिखाना चाहते हैं लेकिन हम उन्हें समझाने की कोशिश कम करते हैं। उन्हें सुनने की क्षमता नहीं रखते हैं। ये बहुत आम बात हैं लेकिन बहुत जरूरी है कि आप उनके हिस्से का उन्हें बोलने दें कि आपका बच्चा आपकी सीख या नियमों के बारे में क्या सोचता है। उनके मन में किसी भी चीज को लेकर क्या विचार आते हैं।
5. अच्छा करने पर दें शाबाशी
बच्चों को अच्छा करने के लिए मोटिवेट करते रहना जरूरी है। इससे उनके हौंसला बढ़ता है और उनको कुछ नया करने का साहस भी मिलता है ताकि वे आगे बढ़ते रहें। कुछ नया करने पर भी एक माता-पिता बनकर नहीं उनके दोस्त बनकर उन्हें समझने की कोशिश करें और उनकी सरहाना करें।
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बच्चों के बिगड़ने के संकेत
1. कभी-कभी हम बच्चों को बहुत कुछ सिखाते हैं लेकिन बच्चे आपकी बातों पर ध्यान नहीं देते हैं। वे अपनी मन की ही कर रहे हैं तो, ये इशारा है कि आपका बच्चा आपकी बातों पर ध्यान नहीं दे रहा है।
2. अगर आपका बच्चा घर के कामों में हाथ बंटाने में मदद नहीं करता और हर छोटी-बड़ी बात पर बहाने बनाता है तो, ये इशारा है कि वे अपनी आदतों में सुधार नहीं कर रहे हैं।
3. इसके अलावा अगर आपका बच्चा उदास रहता है और खेलने-कूदने में भी उन्हें मन नहीं लग रहा है तो आपको उन्हें किसी डॉक्टर के पास जरूर लेना चाहिए क्योंकि शायद वह किसी वजह से परेशान हो।
4. अगर आपका बच्चा बहुत ज्यादा शरारती है तो उन्हें सीखाने के लिए आपको बहुत मेहनत करनी होती है लेकिन उन्हें बहुत प्यार और रोचक तरीके से समझाने की जरूरत होती है।
इसके अलावा अगर आपका बच्चा चुपचाप सा रहता है और कम बातें करता है तो, इसे अनुशासनहीनता न समझें। हो सकता है कि उन्हें कोई परेशानी हो। उनसे बात करें। उनके दोस्तों से बात करें। छुट्टियों के दिन सब साथ खेले या कहीं बाहर घूमने जाएं। कोई नयी क्रिएटिव चीज या पेटिंग उनके साथ करें। ये उन्हें कुछ नया सीखने और परिवार के साथ समय बिताने का मौका देता है। उनके टीचर्स से अक्सर मिलते रहें और उनकी हर एक्टिविटी में भाग लेने की कोशिश करें।