आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में सबकुछ डिजिटल हो गया है। बच्चों की पढ़ाई से लेकर खेल तक सबकुछ बस एक स्क्रीन तक सिमटकर रह गया है। कभी-कभी तो बच्चों को ऑनलाइन गेमिंग की इतनी बुरी लत लग जाती है कि वह खाना-पीना छोड़कर बस गेम खेलना चाहते हैं। यह उनके लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। इन सबके बीच बच्चे खुद पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते। अपने दोस्तों के साथ खेलने और माता-पिता के साथ समय बिताने की जगह वह ऑनलाइन दुनिया में ही रहना ज्यादा पसंद करते हैं। यह पड़ाव उन बच्चों के लिए ज्यादा नुकसानदायक है, जो किशोरावस्था में प्रवेश करने जा रहे हैं। उनका मन इन वजहों से कभी स्थिर नहीं रहता है। इसलिए एक माता-पिता के रूप में आपकी ये जिम्मेदारी है कि आप अपने बच्चों को काल्पनिक दुनिया से दूर खुश रहना और प्रकृति के साथ घुलना-मिलना सिखाएं। उन्हें योग-ध्यान का महत्व बताएं ताकि वह अपने बेहतर जीवन के लिए खुद को तैयार करें। इसके साथ आप अपने बच्चों को निगेटिविटि से दूर रहना और सोशल मीडिया का सीमित इस्तेमाल सिखाना भी जरूरी है। कुछ आसान तरीकों से आप अपने बच्चों को अच्छी बातें सिखा सकते हैं।
1. खुद को बनाएं रोल मॉडल
इसमें कोई शक नहीं है कि बच्चे अपने बड़ों से ही सीखते हैं। इसलिए अपने बच्चों के सामने हमेशा ऐसा ही व्यवहार रखें जैसी आप उनसे उम्मीद करते हैं। अगर आप रात के खाने के बाद बेड पर फोन चलाते हैं तो आपका बच्चा आपसे यही सीखेगा। अगर आप तनाव में आकर गुस्सा करते हैं तो, वे भी वैसा ही व्यवहार करते हैं। बच्चों के लिए उनका घर ही पहला स्कूल होता है। उन्हें परिवार के साथ घुलना-मिलना सिखाएं। उनके साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं। फोन के इस्तेमाल को सीमित करना सिखाएं। उन्हें अपने साथ ईमानदार रहने के लिए प्रेरित करें।
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2. योग और व्यायाम सिखाएं
बच्चे को एकाग्र और सचेत बनाने के लिए उन्हें कुछ योग और व्यायाम भी जरूर सिखाएं। बच्चों को मानसिक रूप से शांत और शारीरिक रूप से फुर्तीला बनाने के लिए उन्हें ब्रीथिंग एक्सरसाइज सिखाएं। अगर आपका बच्चा जल्दी उत्तेजित हो जाता है और छोटी-छोटी बातों पर ज्यादा गुस्सा कर रहा है तो, ऐसे में उसके लिए ब्रीथिंग एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। उसे खुली जगह में बैठकर कम से कम 10 बार गहरी सांस लेना और बाहर छोड़ना सिखाएं। हो सके तो आप भी साथ बैठकर उनके साथ व्यायाम करें।
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3. उनकी जागरूकता को चेक करें
अपने बच्चे को हमेशा सचेत रहने की आदत सिखाएं। उनके आसपास कौन-सी चीजें हैं, किस रंग की है और कैसे काम कर रही है। इसकी मदद से वे अपने आसपास की चीज को ध्यान से देखना और जानना शुरू कर देते हैं। इससे उनकी स्मरण शक्ति और सोचने की क्षमता भी बढ़ती है। जैसे-जैसे इसे वह इसे अपने अभ्यास में शामिल कर लेते हैं । उनका दिमाग काफी तेज हो जाता है।
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4. आभार व्यक्त करना सिखाएं
अपने बच्चों को किसी भी अच्छी चीज के लिए आभार करने की आदत सिखाएं। रात में खाने के टेबल पर अपने बच्चे से दिनभर क्या हुआ, इसके बारे में जरूर पूछें। बच्चे के अच्छे व्यवहार पर उनकी तारीफ करें। बातचीत शरू करने के लिए आप कोई मजेदार किस्सा भी सुना सकते हैं। उन्हें कम उम्र में विचारशील और सचेत बनाने के लिए पॉजिटिव रहना सिखाएं और निगेटिव बातों को कैसे इग्नोर कर सकते हैं, ये भी सिखाएं। ताकि वह दिमाग से शांत और कम उत्तेजित बनें।
5. अनावश्यक दबाव न डालें
अक्सर हम अपने सपनों और उम्मीदों को बोझ अपने बच्चों पर डालने की कोशिश करते हैं। इससे बच्चों का आत्मविश्वास कम होने लगता है। वे हर दिन खुद को प्रूफ करने की कोशिश करते हैं। इस चक्कर में वे अपने क्रिएटिविटी और नयी चीजों के बारे सोचना-जानना बंद कर देते है । बच्चों के विकास के लिए उन्हें अपनी तरह से सोचने दें। एक माता-पिता के रूप में आपको बस उन्हें सही दिशा में आगे बढ़ाने की जरूरत है।
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सिखाएं कुछ खास योग (Special Yoga Tips)
1. भुजंगासन (Bhujangasana yoga)
बच्चों को इस मुद्रा से काफी लाभ मिलता है। इस व्यायाम से तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने में मदद मिलती है, जिससे बच्चे के मेमोरी पावर में सुधार होता है। इसके अलावा यह बच्चे को भावनात्मक रूप से भी मजबूत बनाने में मदद करता है।
2. पश्चिमोत्तानासन (Paschimottanasana yoga)
इस आसन से संपूर्ण शरीर में खिंचाव पैदा होता है, जिससे ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है। साथ ही इससे रीढ़ की हड्डी भी मजबूत होती है। पेट की चर्बी को कम करने में भी यह मदद करता है।
3. वृक्षासन (Vrikshasana yoga)
इस आसन से दिमाग और शरीर शांत होता है। बच्चों को ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है।
4. सेतुबंधासन (Setubandasana Yoga)
इस आसन के दौरान शरीर पुल की तरह नजर आता है। ये बच्चों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। साथ ही पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है।