क्रोध और तनाव समान तरीकों से काम करते हैं। इसका एक कारण यह है कि क्रोध और तनाव दोनों का एक ही मनोवैज्ञानिक घटक होता है। दोनों ही भावनाएँ हमें बहुत नकारात्मक तरीकों से प्रभावित कर सकती हैं।क्रोध और तनाव का लंबे समय तक संपर्क हमारे शारीरिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ सकता है। यह हमारे रक्तचाप को बढ़ा सकता है जो हमें शारीरिक और भावनात्मक रूप से प्रभावित करता है। यह हमारे काम-काज और रिश्तों पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसके अलावा, हम क्रोध और तनाव के रिएक्शन के रूप में नकारात्मक आदतें भी विकसित कर सकते हैं,जिसे नियंत्रित करना अधिक कठिन हो सकता है। क्रोध प्रबंधन में कई प्रकार के कौशल शामिल होते हैं जो क्रोध के संकेतों को पहचानने और ट्रिगर को सकारात्मक तरीके से संभालने में मदद कर सकते हैं।
पर इसे शांत अवस्था में और नियंत्रण में रहते हुए एक व्यक्ति को क्रोध की पहचान करने की आवश्यकता होती है।क्रोध से मुकाबला करने के लिए आपको धैर्य और समर्पण के साथ भावनाओं को नियंत्रित करना सीखना होगा।क्रोध पर नियंत्रण रखने के लिए यूनाइटेड किंगडम में एक प्रमुख मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने क्रोध के तीन मुख्य चरणों को बताया है। उनके अनुसर समय रहते इसकी पहचान करना बेहद जरूरी है।ये तीन चरण हैं-
- क्रोध के शुरुआती संकेतों को पहचानना।
- बेमतलब हर बात पर जब गुस्सा आने लगे।
- रात की नींद में कमी।
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वहीं तनाव से शरीर की शारीरिक प्रतिक्रिया बदल जाती है। इससे एड्रेनालाईन नामक होर्मोन ट्रिगर होता है, जिससे शरीर में कई तरह के रिएक्शन देते हैं जैसे-
- तेजी से दिल की धड़कन
- तेज सांस लेना
- पूरे शरीर में तनाव
- बेचैनी, पेसिंग, और पैरों में दर्द
- पसीना और कांपना
- नींद न आना
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इन सभी चीजों से बचने के लिए आइए जानें आखिर तनाव और गुस्से को दूर करने के कौन-कौन से नुस्खे अपनाए जा सकते हैं।
- अपने आसपास के माहौल को शांत और खुशहाल बनाते हुए अधिक से अधिक तनावमुक्त रहने की कोशिश करें, ऐसा करके आप तनाव और गुस्से से कोसों दूर रहेंगे।
- गुस्सा आने पर तुरंत प्रतिक्रिया न देते हुए लंबी-लंबी सांसे लें और उल्टी गिनती गिनना आरंभ करें। इससे आपका मन भी शांत होगा और आप गुस्से पर भी काबू पा सकेंगे।
- अपनी सोच को सकारात्ममक रखें और सकारात्मक बातें करें यानी आशावादी बनें।
- गुस्सा आने पर गुस्सा आने के कारण के बारे में सोचें और अपना ध्यान कहीं और लगाने की कोशिश करें।
- व्यर्थ में किसी की चुगली करने या किसी की बातों में आने से पहले अपने मन की सुनें। इससे आप किसी के प्रति अपने मन में द्वेष नहीं पालेंगे और आपका मन भी शांत रहेगा।
- तनाव होने पर कुछ समय के लिए आंखे बंद कर लें और प्रणायाम करने की कोशिश करें।
- संभव हो तो गुस्सा और तनाव दूर करने के लिए कोई दवाई न लेकर अपने मन को मजबूत बनाएं और गुस्सा न करने का प्रण लें।
- अपनी नींद पूरी करें क्योंकि कई बार नींद पूरी न होने से भी चिड़चिड़ा पन होता है जिससे तनाव बढ़ना और गुस्सा आना जायज है।
- कोई काम सोच समझ कर करें और किसी को भी कुछ भी बोलने से पहले दो बार सोंचे, कहीं आप किसी का गलत तो नहीं करने जा रहें।
- अधिक गुस्सा आने या तनाव महसूस होने पर संगीत सुनें। कहते हैं संगीत से मन और दिमाग दोनों शांत होते हैं।
- अपने परिवार, साथी, दोस्तों और कलीग्स के साथ अच्छा संबंध बनाए रखें। इससे आपके आसपास का माहौल हमेशा खुशहाल रहेगा।
- गुस्सा आने पर बहुत अधिक न खाएं बल्कि काम से कुछ देर का आराम लेकर गपशप करें या फिर आप कोई गेम भी खेल सकते हैं।
- इन टिप्स को अपनाकर आप निश्चित तौर पर तनाव और गुस्से से दूर रह सकेंगे और दिनभर तरोताजा भी महसूस करेंगे।
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