वातावरण में तेजी से बढ़ता प्रदूषण महज भारत के लिए ही खतरा नही है बल्कि पूरी दुनिया इससे चिंतित है। हालांकि इन दिनों वायु प्रदूषण को लेकर लोगों की चिंता बढ़ गई है और देश की राजधानी दिल्ली में प्रदूषण ने पिछले 17 वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार हर साल 2 से 4 लाख लोगों की मौत का कारण सीधे-सीधे वायु प्रदूषण होता है और इनमे से हर साल बड़ी संख्या में लोगों की मौत आंतरिक वायु प्रदूषण यानी घर के अंदर होने वाले वायु प्रदूषण से होती है।
बर्मिंघम विश्वविद्यालय का एक अध्ययन बताता है कि दुनिया भर में हर साल मोटर गाड़ी से होने वाली मौतों की तुलना में वायु प्रदूषण से होने वाली मौतें अधिक हैं। वायु प्रदुषण से होने वाली मौतों की वजह है इस प्रदूषण की वजह से होने वाली अस्थमा, ब्रोन्काइटिस, वातस्फीति, फेफड़ों और हृदय रोग और सांस की एलर्जी जैसी बीमारियां। इन समस्याओं से बचने के लिए अब लोग घर में एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करने लगे हैं, लेकिन विशेषज्ञ इसे स्थाई विकल्प नही मानते हैं।
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ग्रेटर नोएडा के शारदा अस्पताल व मेडिकल कॉलेज में मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर सौरभ श्रीवास्तव का कहना है कि, प्रदूषित हवा ह्रदय और फेफड़े से संबंधित बीमारियों को बढ़ावा दे रही है, इससे हर दिन मौतें हो रही हैं। ऐसे में घर के अंदर एयर प्यूरीफायर लगाना अच्छा विकल्प हो सकता है, यह एक हद तक ही हवा को साफ करने में मददगार हो सकता है, लेकिन शुद्ध हवा के लिए इसे स्थाई विकल्प के तौर पर नही देखा जाना चाहिए। क्योंकि जब तक बाहर की हवा शुद्ध नही होगी तब तक घर के अंदर शुद्ध वायु की कल्पना नही की जा सकती है। अपने आसपास के वातावरण को साफ सुथरा रखने के लिए एयर प्यूरीफायर से हटकर भी सोचना होगा। हवा को शुद्ध रखने के लिए हमें अपने पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने की जरूरत है।
वायु प्रदूषण से ऐसे बचें:
वायु प्रदूषण से बचने के लिए आप अपने घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल कर सकते हैं, हालांकि कोशिश यह भी करें कि अपने घर के आस-पास के वातावरण को शुद्ध बनाए रखें, अधिक से अधिक पौधे लगाएं। अगर आपके आस पास प्रदूषण के कारक मौजूद हैं तो मास्क का प्रयोग कर सकते हैं, जिससे आप काफी हद तक वायु प्रदूषण से बच सकते हैं।
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