How to Support Bone Health in Premature Babies: प्रीमेच्योर शिशुओं की हड्डियां जन्म के समय से ही कमजोर हो सकती हैं। इसका कारण है कि प्रेग्नेंसी के अंतिम सप्ताहों में भ्रूण की हड्डियों का विकास तेज हो जाता है और इस दौरान अगर समय से पहले ही डिलीवरी हो जाए, तो शिशु की हड्डियों का विकास पूरा नहीं हो पाता और हड्डियां, जन्म के वक्त कमजोर रहती हैं। प्रीमेच्योर शिशुओं में जन्म से पहले पैदा होने के कारण, कैल्शियम, फॉस्फोरस, विटामिन डी जैसे पोषक तत्वों का स्तर कम हो जाता है, इस वजह से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। हड्डियों में खनिज पदार्थों की कमी से प्रीमेच्योर शिशुओं में हड्डियों की कमजोरी की बीमारी ओस्टियोपेनिया हो सकती है। इस स्थिति के कारण शिशुओं की हड्डियां आसानी से टूट सकती हैं या हड्डियों से संबंधित कोई समस्या हो सकती है। इस लेख में जानेंगे प्रीमेच्योर बेबी की बोन हेल्थ का ख्याल रखने के तरीके। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
प्रीमेच्योर बेबी की हड्डियों के लिए स्तनपान के फायदे- Breastfeeding Benefits For Premature Baby's Bone
प्रीमेच्योर शिशुओं की हड्डियों के विकास और मजबूती के लिए स्तनपान बेहद फायदेमंद है। मां के दूध में कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं जो प्रीमेच्योर शिशुओं की हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं। जैसे-
- मां के दूध में कैल्शियम और फॉस्फोरस पाया जाता है जो कि हड्डियों के विकास के लिए जरूरी है।
- मां के दूध में विटामिन-डी भी मौजूद होता है, जो हड्डियों की मजबूती देने के लिए जरूरी है।
- स्तनपान प्रीमेच्योर शिशुओं में ऑस्टियोपेनिया (हड्डियों की कमजोरी) के खतरे को कम करने में मदद करता है।
- मां का दूध, शिशुओं की हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए इम्यूनिटी को भी मजबूत बनाने में मदद करता है।
- स्तनपान कराने से शिशुओं में किसी भी प्रकार के इंफेक्शन का खतरा कम होता है। इस वजह से उसकी हड्डियों का विकास बिना किसी रुकावट के हो सकता है।
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प्रीमेच्योर शिशुओं की हड्डियों को मजबूत कैसे बनाएं?- How to Support Bone Health in Premature Babies
- जन्म के बाद नियमित रूप से शिशु की हड्डियों की जांच की जाती है, और अगर हड्डियों में कमजोरी पाई जाती है, तो इसके लिए इलाज किया जाता है।
- नवजात शिशुओं के लिए कुछ समय के लिए धूप में रहना विटामिन-डी के प्राकृतिक स्रोत के रूप में फायदेमंद होता है।हालांकि, नवजात शिशुओं को धूप में लाने से पहले हमेशा डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
- प्रीमेच्योर शिशुओं के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए फॉर्मूला मिल्क को देने से उनकी हड्डियों का विकास होता है।
- शिशुओं की हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए मालिश करें। हल्की मालिश से हड्डियों में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और हड्डियों को मजबूती मिलती है।
- फिजिकल थेरेपी की मदद से शिशुओं की मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है। डॉक्टर की निगरानी में शिशु को थेरेपी दी जाती है।
- डॉक्टर की सलाह पर शिशुओं को कैल्शियम सप्लीमेंट्स भी दिए जाते हैं।
- प्रीमेच्योर शिशुओं में हड्डियों की कमजोरी (ओस्टियोपेनिया) का पता लगाने के लिए हड्डियों की स्कैनिंग की जा सकती है।
- अगर शिशु स्तनपान कर रहा है, तो मां के आहार में कैल्शियम और विटामिन-डी की पर्याप्त मात्रा होनी चाहिए, क्योंकि ये पोषक तत्व दूध के जरिए शिशु तक पहुंचते हैं।
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