समय से पहले पैदा हुए शिशुओं को ही प्रीमेच्योर बेबी कहा जाता है। प्रीमेच्योर बच्चों की ग्रोथ नॉर्मल बच्चों के मुकाबले धीमी रफ्तार से होती है। समय से पहले जन्म लेने वाले शिशु का वजन 2 किलो से भी कम हो सकता है। ऐसे बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास अक्सर अधूरा रह जाता है। लेकिन सही देखभाल के जरिए शिशु का वजन बढ़ाया जा सकता है। इस लेख में हम शिशु के विकास के लिए जरूरी 5 बातें जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
1. साफ-सफाई का ध्यान रखें
नवजात शिशु को इंफेक्शन से बचाने के लिए उनकी साफ-सफाई का ख्याल रखें। शिशु की स्वच्छता बनाए रखने के लिए बच्चे को समय-समय पर कॉटन से साफ करें। मैल साफ करने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं। साफ-सफाई का ख्याल रखकर आप शिशु की सही ग्रोथ सुनिश्चित कर सकते हैं।
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2. शिशु के आसपास सही तापमान रखें
नवजात शिशु की ग्रोथ के लिए कमरे के तापमान का ख्याल रखें। ध्यान रखें कि आसपास का वातावरण आरामदायक और सुरक्षित हो। शिशु को ज्यादा गरम या ठंडे पानी से नुकसान हो सकता है। ध्यान रखें कि शिशु को सीधे पंखे या कूलर के नीचे न रखें। अगर शिशु को सांस लेने में तकलीफ हो, तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास लेकर जाएं।
3. कंगारू मदर केयर थैरेपी
कंगारू मदर केयर में बच्चे को शरीर की गरमी की मदद से उसका वजन बढ़ाने की कोशिश की जाती है। ऐसा जरूरी नहीं है कि केवल शिशु को मां के ही स्पर्श की जरूरत हो। घर का कोई भी सदस्य साफ-सफाई के साथ शिशु को शरीर की गरमाहट दे सकता है।
4. शिशु के लिए जरूरी है स्तनपान
मां के दूध में सभी जरूरी पोषक तत्व होते हैं, जो शिशु के विकास में मदद करते हैं। साथ ही उसका वजन बढ़ने के लिए भी स्तनपान जरूरी होता है। शिशु को छह माह तक केवल स्तनपान ही करवाना चाहिए।
5. शिशु को कभी भी हो सकता है संक्रमण
प्रीमेच्योर बेबीज को संक्रमण होने का खतरा ज्यादा होता है। समय से पूर्व जन्मे बच्चों को एनीमिया की समस्या हो सकती है। इसके अलावा प्रीमेच्योर बेबीज को पीलिया, रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम, हाइपोथर्मिया आदि बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है।
प्रीमेच्योर बेबीज को ज्यादा से ज्यादा आराम करने दें। उनके आसपास शांत माहौल रखें। बच्चे जितना आराम करेंगे, उनकी ग्रोथ उतनी अच्छे से हो सकेगी।