प्रेग्नेंसी एक बेहद नाजुक और अहम समय होता है, जब महिला के शरीर में कई तरह के शारीरिक और हार्मोनल बदलाव होते हैं। इस दौर में महिला की हर छोटी-बड़ी आदत जैसे- क्या खा रही है, कितना आराम कर रही है, कितनी एक्सरसाइज कर रही है, यहां तक कि वह कैसे सो रही है, इन सबका असर गर्भ में पल रहे बच्चे पर पड़ता है। डॉक्टर लगातार लोगों को जागरूक करने की कोशिश करते हैं कि वे इस दौरान सही जानकारी को अपनाएं और प्रेग्नेंसी से जुड़े मिथकों से बचें। ऐसा ही एक सवाल जो गूगल पर बार-बार सर्च किया जाता है, वह है कि प्रेग्नेंसी में कैसे सोना चाहिए? बहुत-सी महिलाएं इस बात को लेकर उलझन में रहती हैं कि क्या कोई खास सोने की पोजहशन फॉलो करनी चाहिए या नहीं। डॉक्टर्स के अनुसार, गर्भावस्था के पहले महीने में सोने की पोजीशन का खास फर्क नहीं पड़ता, लेकिन जैसे-जैसे शिशु का विकास होने लगता है और पेट का आकार बढ़ता है, वैसे-वैसे सही सोने की पोजीशन को चुनना जरूरी हो जाता है। आगे इस लेख में हम जानेंगे कि गर्भवती महिला को कैसे सोना चाहिए ताकि मां और बच्चे दोनों की सेहत सही बनी रहे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
प्रेग्नेंसी में सोने का सही तरीका क्या है?- Best Position to Sleep in Pregnancy
प्रेगनेंसी में नींद का खास महत्व है। स्वस्थ्य मां और शिशु के लिए अच्छी नींद फायदेमंद होती है। प्रेगनेंसी में सोने का सही तरीका जानने के लिए कुछ बिन्दुओं पर गौर करें-
- प्रेगनेंसी में बाईं ओर सोना फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इससे रक्त प्रवाह बेहतर होता है।
- बाईं ओर करवट लेकर सोने से कब्ज, पेट दर्द, एसिडिटी और पीठ दर्द आदि समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
- हालांकि पूरी रात किसी एक करवट न सोएं। थोड़ी-थोड़ी देर में पोजीशन बदलती रहें नहीं, तो अकड़न हो सकती है।
- दाईं ओर सोने से हार्ट पर दबाव पड़ता है और शिशु के दिल की धड़कन भी प्रभावित हो सकती है।
- दोनों पैरों के बीच मुलायम तकिया रख सकती हैं। इससे शिशु को भी आराम मिलेगा।
- इस दौरान प्रेगनेंसी पिलो का भी सहारा ले सकती हैं। ये आपको आसानी से बाजार में मिल जाएंगे।
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प्रेग्नेंसी में पीठ के बल ज्यादा न लेटें
प्रेग्नेंसी में ज्यादा देर पीठ के बल नहीं लेटना चाहिए। पीठ के बल लेटने से यूट्रस से पीठ की मसल्स और रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है। इससे रक्त प्रवाह भी प्रभावित होता है। पीठ के बल लेटेंगी, तो मांसपेशियों में दर्द और सूजन हो सकती है। प्रेग्नेंसी के दौरान मां के शरीर से गर्भस्थ शिशु को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं। बच्चा, मां के जरिए ऑक्सीजन लेता है। अगर प्रेग्नेंसी में नींद नहीं पूरी होगी, तो प्लेंसेंटा तक ठीक से ऑक्सीजन सप्लाई नहीं हो सकेगा और बच्चे के दिल की धड़कन रुक सकती है।
प्रेग्नेंसी में अच्छी नींद के लिए टिप्स- Sleeping Tips in Pregnancy
- रात में ज्यादा ऑयली या देर से पचने वाला भोजन न करें। ऐसा करने से नींद प्रभावित हो सकती है।
- हर दिन समय-समय पर आराम करें और रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद जरूर पूरी करें।
- सोने से पहले हाथ-पैर, गर्दन, पीठ की मालिश करने से आराम मिलता है।
- प्रेग्नेंसी में सोने के दौरान साफ-सफाई का खास ख्याल रखें ताकि संक्रमण न हो।
प्रेग्नेंसी में ज्यादा देर पीठ या पेट के बल न लेटें। बाईं ओर करवट लेकर सोना फायदेमंद माना जाता है। हालांकि समय-समय पर पोजीशन बदलती रहेंगी, तो अच्छी नींद ले सकेंगी।
FAQ
प्रेग्नेंसी में नींद न आने पर क्या करें?
अगर गर्भावस्था में नींद नहीं आती है, तो सोने से पहले हल्का गर्म दूध पिएं, मोबाइल स्क्रीन से दूर रहें, गहरी सांसों की एक्सरसाइज करें और शांत माहौल बनाएं। दिन में झपकी लें लेकिन बहुत देर तक नहीं। बेडरूम को ठंडा और आरामदायक बनाए रखना भी जरूरी है।गर्भावस्था में करवट लेकर सोना चाहिए या नहीं?
हां, गर्भावस्था में खासकर बाईं करवट सोना सबसे सुरक्षित माना जाता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और बच्चे को ऑक्सीजन व पोषण ठीक से मिलता है। पीठ के बल सोने से रीढ़ पर दबाव पड़ता है, जिससे पीठ दर्द और सांस लेने में परेशानी हो सकती है।गर्भवती महिलाओं को नींद क्यों नहीं आती?
प्रेग्नेंसी में हार्मोनल बदलाव, बार-बार पेशाब आना, पीठ दर्द, चिंता और बेबी मूवमेंट के कारण नींद में खलल होता है। गर्भवती महिलाओं को मानसिक और शारीरिक तनाव के चलते अच्छी नींद लेना मुश्किल हो सकता है, खासकर तीसरी तिमाही में यह समस्या ज्यादा बढ़ जाती है।
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