शरीर का वजन नियंत्रण में रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन जरूरी है। शायद आपको यह बात थोड़ी अटपटी लगे लेकिन इसे सही साबित करने के लिए कई तथ्य मौजूद हैं। अगर दिन भर नियमित अंतराल में थोड़ा-थोड़ा खाना खाएंगे तो आसानी से वजन को नियंत्रित रख सकते हैं। कुछ ऐसे फूड कॉम्बिनेशंस, जिनका सेवन करने से पेट भी भरा रहेगा और ज्यादा कैलरीज की चिंता भी नहीं रहेगी। जानें कौन से पदार्थ हैं ये।
ग्रीन टी और मिंट
ग्रीन टी में कैचिंस नाम का एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो चर्बी बढ़ाने वाले सेल्स को कंट्रोल करता है। साथ ही चर्बी को ऊर्जा में तब्दील करने के लिए लिवर की क्षमता भी बढ़ाता है। रात के खाने के बाद एक कप ग्रीन टी पीना फायदेमंद है। इसका ताजगी भरा स्वाद आपकी लालसा को कंट्रोल करता है, साथ ही मीठी चीजों के प्रति क्रेविंग को भी कम करता है। अध्ययनों से पता चला है कि पेपरमिंट गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल की प्रॉब्लम्स को शांत करने में मददगार है, जिससे आंते अपना काम आसानी से कर पाती हैं। सरल शब्दों में कहें तो इससे शरीर की क्रियाएं सुचारु व प्राकृतिक रूप से चलता रहता है।
फ्रूट्स और सिट्रस फ्रूट्स
शरीर में मौजूद नुकसानदेह टॉक्सिंस से छुटकारा पाने का सबसे अच्छा तरीका है कि खूब पानी पिएं। हर रोज सिर्फ 6 से 8 ग्लास पानी पीने से शरीर हाइड्रेट बना रहेगा, साथ ही शरीर के महत्वपूर्ण अंग अच्छी तरह काम कर पाएंगे। सबसे अच्छा तरीका है कि सुबह उठते ही हलके गुनगुने पानी के साथ एक नींबू का रस मिला लें और उसे खाली पेट पिएं। इसमें आप मिंट भी मिला सकते हैं। इससे पाचन क्रिया में मदद मिलेगी। ककड़ी में मौजूद एंटी-इन्फ्लेमेट्री तत्व और दर्द से छुटकारा दिलाने में मददगार अदरक से भी डाइजेशन बेहतर होता है। तरबूज, रसभरी और सेब जैसे फलों का सेवन करें।
बादाम और क्रैनबेरीज
पोषक तत्वों से भरपूर बादाम में विटमिन ई एंटीऑक्सीडेंट्स, फाइबर, प्रोटीन, मैग्नीशियम, कैल्शियम जैसे भूख को कंट्रोल करने वाले तत्व हैं। इसके सेवन से पेट के भरे होने का एहसास होता है। वहीं दूसरी ओर कै्रनबेरीज में विटमिन सी और फाइबर होता है। इन दोनों से शाम का नाश्ता बनाया जा सकता है, जोकि आम नाश्ते का एक अच्छा और हेल्दी विकल्प हो सकता है।
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बादाम और सोया मिल्क
यूरोपियन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, हर रोज 43 ग्राम भूने हुए बादाम खाने से भूख कम लगती है, साथ ही बिना वजन बढ़ाए शरीर को पर्याप्त मात्रा में विटमिन ई और मोनोसैच्युरेटेड (गुड) फैट भी मिलता है। नॉन डेयरी मिल्क का बेहतरीन विकल्प सोया मिल्क है। पोषक तत्वों से भरपूर सोयाबीन से बनने वाले सोया मिल्क में काफी मात्रा में प्रोटीन होता है। इसके साथ ही इसमें शरीर के लिए जरूरी फैटी एसिड, तमाम तरह के विटमिंस और मिनरल्स होते हैं। एक्स्ट्रा सैच्युरेटेड फैट और कोलेस्ट्रॉल युक्त गाय या भैंस के दूध का सेवन करने के बजाय सोया मिल्क पीने से शरीर को संतुलित मात्रा में पोषण मिलता है।
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रागी और लाल शिमला मिर्च
रागी में दूसरे अनाजों की तुलना में नैचरल फैट की मात्रा कम होती है। इसमें मौजूद फैट अनसैच्युरेटेड फैट की श्रेणी में आता है। जो लोग वजन कम करने की कोशिश कर रहे हैं, उनके लिए रागी बेहतर विकल्प है, जो गेहूं या चावल के मुकाबले ज्य़ादा सेहतमंद है। रागी में अमीनो एसिड भी होता है, जिसे ट्रिप्टोफेन कहते हैं। इससे भोजन की मात्रा कम करने में मदद मिलती है। वहीं लाल शिमला मिर्च में ऐसे कण मौजूद हैं, जिन्हें कैप्सेसिन कहा जाता है। ये फैट बर्न करके वजन कम करने में सहायक होते हैं।
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