इंसान की बेहतरी यही है कि वो आज में कल के बारे में सोचे। यदि यही सोच रहेगी तो वो आने वाले कल को न केवल अच्छे तरीके से जी पाएगा बल्कि बीमारियों से मुक्ति के साथ खुश भी रह पाएगा। आज के आर्टिकल में हम बात कर रहे हैं रिटायरमेंट की। जमशेदपुर के साकची में मनोचिकित्सक डॉ. एच बलसारा बताते हैं कि हमें वर्तमान में ही भविष्य को लेकर थोड़ी बहुत तैयारी कर लेनी चाहिए। तो आइए इस आर्टिकल में हम रिटायरमेंट के पहले प्लानिंग कैसे करें इस विषय पर बात करते हैं। ताकि मानसिक व शारिरिक बीमारियों से बचाव किया जा सके।
रिटायरमेंट के बाद बढ़ जाती हैं जरूरत
मनोचिकित्सक बताते हैं कि हमारे पास ऐसे कई केस आते हैं जिसमें व्यक्ति रिटायरमेंट के बाद मानसिक रूप से बीमार हो जाता है। इसके कई कारण हैं। पहला आर्थिक तौर पर कमजोर होने के कारण, दूसरा काम न रहने की वजह से मानसिक रूप से कमजोर होने के कारण, तीसरा रिश्तों के बारे में सोच-सोच कर परेशानी। ऐसा इसलिए है क्योंकि रिटायरमेंट के बाद जिम्मेदारी काफी बढ़ जाती है। यह एक ऐसी उम्र है जिसमें ज्यादातर लोग किसी न किसी बीमारी से ग्रसित होते हैं, ऐसे में दवा का खर्च, लाइफस्टाइल सहित अन्य कारणों से जरूरत बढ़ जाती है। यही वजह है कि लोगों को पहले से ही प्लानिंग करके रखना चाहिए। आप चाहें तो इसके लिए अकाउंटेंट, फाइनेंशियल प्लानर, साइकोलॉजिस्ट से सलाह ले सकते हैं।
रिटायरमेंट की करें प्लानिंग
कुछ लोग रिटायरमेंट के बाद छुट्टियां बिताने के साथ आराम करते हैं वहीं कुछ लोग ज्यादा व्यस्त हो जाते हैं और पहले की तुलना में ज्यादा काम करते हैं। अगर आप रिटायरमेंट के बाद इंज्वाय करना चाहते हैं तो आप शुरुआत से ही इसकी तैयारी शुरू कर दें। आप पैसों की बचत करें, स्वास्थ्य के लिए, जीवन यापन के लिए इतने पैसे बचाएं कि आप रिटायरमेंट के बाद आराम कर सकें।
आर्थिक रूप से मजबूत रहने के लिए लें सलाह
एक्सपर्ट बताते हैं कि रिटायरमेंट के बाद आर्थिक रूप से मजबूत रहना बहुत जरूरी है। नहीं तो आप बीमार पड़ सकते हैं। इसके लिए आप फाइनेंशियल पार्टनर, अकाउंटेंट से सलाह ले सकते हैं। यदि आपके ऊपर कोई निर्भर हैं तो आपको उन्हें भी लेकर चलना होगा। आप सेविंग व अपनी पूंजी का बेहतर ढंग से कैसे इस्तेमाल कर सकें इसपर विचार करना होगा। यदि आप आर्थिक रूप से कमजोर हैं तो पार्ट टाइम काम भी कर सकते हैं।
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मानसिक रूप से हिला देगा रिटायरमेंट
यदि आपने रिटायरमेंट को लेकर तैयारी नहीं की तो आप मानसिक रूप से हिल जाएंगे। क्योंकि चाहे कोई भी हो शुरुआत में रिटायरमेंट लोगों को अच्छा लगता है। यह किसी छुट्टी के समान लगता है। फिर कुछ दिन बीतने के बाद वो अकेलेपन का शिकार हो जाते हैं व उन्हें किसी का साथ न मिला तो तनावग्रसित हो जाते हैं। मनोचिकित्सक बताते हैं कि इसलिए आप रिटायरमेंट के बाद वो सबकुछ करें जिसे आपने अबतक नहीं किया हो।
आपके पार्टनर की सोच का मिलना भी जरूरी
रिटायरमेंट के बाद आपके व आपके पार्टनर की सोच का मिलना भी जरूरी है। जैसे कि आप रिटायर होने के बाद आराम करना चाहते हैं, लेकिन आपकी पार्टनर काम करना चाहती हैं, घूमना चाहती हैं, अपनी हॉबी को पूरा करना चाहती हैं। आप क्या करना चाहते हैं इस विषय पर भी बात कर लेना उचित होता है।
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आपकी प्लानिंग पर निर्भर होगा आपका भविष्य
रिटायरमेंट को लेकर यदि आपने बेहतर प्लानिंग की होगी तो आप रिटायरमेंट के दिनों को इंज्वाय कर पाएंगे। नहीं तो आप बोरियत महसूस करेंगे।
- अगर आप रिटायर हो गए हैं व आप सप्ताह भर काम नहीं करना चाहते हैं। लेकिन आपको व्यस्त होना है ऐसे में आप पार्ट टाइम काम पकड़ सकते हैं।
- आज के समय में आप चाहें तो समाज में उठ-बैठ सकते हैं, अपने उम्र के लोगों के साथ दोस्ती कर सकते हैं, साथ में मंदिर जाने से लेकर पार्क में वॉकिंग करने जा सकते हैं, इससे अच्छा टाइम पास होने के साथ आप जीवन को इंज्वाय करेंगे
- आपको जो पसंद है उसे करने के लिए अपना ज्यादा से ज्यादा समय लगाना चाहिए
- आप वो करें जिसे करने में आपकी इच्छा हो
- आप कभी भी खुद को अकेला न महसूस करें नहीं तो आप तनावग्रसित हो सकते हैं
आपकी तैयारी बेहतर है तो आप रिटायरमेंट को इंज्वाय करेंगे
यदि आपने पहले से ही रिटायरमेंट के लिए तैयारी की है तो आप इन दिनों को भी इंज्वाय करेंगे। र्थिक रूप से आपने पैसे जमा किए हो इसके लिए कई लोग पेंशन स्कीम में पैसे लगाते हैं। ताकि महीने-महीने उन्हें धनराशि मिल सके। वहीं मेडिकल इंश्योरेंस कराया हो तो इससे आपका व आपके परिवार का इलाज आसानी से हो जाएवा व आपको आर्थिक रूप से परेशान नहीं होना होगा। यदि आसपास की कम्युनिटी में अपने उम्र के दोस्त बनाए हो तो उनके साथ आप घूम-फिर सकेंगे व खुश रह सकेंगे।
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