बढ़ते तनाव के बीच आजकल मेंटल हेल्थ से ज्यादातर लोग बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। जिसके कारण लोग मानसिक बीमारियों का भी शिकार आसानी से हो जाते हैं। यही वजह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day) को मान्यता देता है और पूरी दुनिया में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इसका सीधा लक्ष्य है कि जो लोगों को मानसिक रूप से अस्वस्थ होते हैं उन्हें इसके प्रति जागरूक किया जाए और उन्हें इस स्थिति से बाहर निकाला जाए।
इस विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस को देखते हुए हम उन बुजुर्ग लोगों के लिए कुछ आसान तरीके लेकर आएं हैं जो लोग अक्सर अपनी बीमारी के दौरान मेंटल हेल्थ से प्रभावित हो रहे हैं। यानी हम आज आपको इस लेख के जरिए बताएंगे कि बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य को किसी भी बीमारी के दौरान कैसे स्वस्थ रखा जाए।
नेशनल काउंसिल ऑन एजिंग (National Council on Aging) के अनुसार, हर चार में से एक वयस्क को अवसाद, चिंता और मनोभ्रंश जैसे मानसिक विकार का अनुभव होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि यह संख्या साल 2030 तक बढ़कर 15 मिलियन तक पहुंचेगी। ऐसे में खासकर बुजुर्गों को इस स्थिति से निपटना जरूर आना चाहिए।
अपने मस्तिष्क को बेहतर पोषण दें
आहार न केवल आपको शारीरिक रूप से स्वस्थ करने का काम करता है, बल्कि ये बेहतर या बदतर के लिए वरिष्ठ मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर सकता है और स्वस्थ रखने में आपकी मदद करता है। इसके लिए बुजुर्गों को हमेशा अपनी डाइट में साबुत अनाज, फलों और सब्जियों, दुबले प्रोटीन और स्वस्थ वसा को शामिल करना चाहिए। एक स्वस्थ, संतुलित आहार को अपनाने से मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में आसानी होती है। इसके साथ ही ये अवसाद को कम करने और मनोभ्रंश के खतरे को कम करता है।
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फिजिकल एक्टिविटी
बीमार रहने के दौरान अक्सर बुजुर्ग कुछ भी करने में सक्षम नहीं होते, लेकिन अगर वो अपने शरीर की मूवमेंट अच्छी तरह से करें तो वो अपने मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर रख सकते हैं। व्यायाम ज्यादातर अपने शारीरिक के फायदों के लिए जाना जाता है, यह एक जरूरी मानसिक स्वास्थ्य गतिविधि भी है जो आपके मूड को बेहतर करता है और तनाव हार्मोन को कम करने का काम करता है। इसलिए आप कुछ देर व्यायाम या टहलने की आदत जरूर डालें।
बाहर जाएं
घर पर बैठे-बैठे आप खुद को और भी ज्यादा सुस्त और बीमार महसूस कर सकते हैं जिसका सीधा असर आपके दिमाग पर पड़ता है और आप मानसिक रूप से भी अस्वस्थ रहने लगते हैं। अगर आप बाहर जाते हैं तो ये आपकी मनोदशा और ऊर्जा के स्तर को बढ़ा सकता है। इसके साथ ही जब आप बाहर निकलते हैं तो विटामिन डी की आपूर्ति आप आसानी से कर सकते हैं।
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परिवार में हमेशा शामिल रहें
कई लोगों को आदत होती है कि वो बढ़ती उम्र के साथ खुद को अकेला रखना शुरू कर देते हैं जिसके कारण तनाव का स्तर बढ़ने लगता है। आप इस स्थिति को अपने प्रियजनों के साथ रहकर तुरंत गायब कर सकते हैं। क्योंकि इस तरह के कनेक्शनों को बनाए रखने से कई शारीरिक और मानसिक फायदे होते हैं। इसलिए आपको कोशिश करनी चाहिए कि आप कम से कम समय अकेलेपन के साथ बिताएं, जिससे आप मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकें।
पूरी नींद लें
नींद मानसिक स्वास्थ्य का एक अलग-अलग हिस्सा है और अमेरिकन साइकोलॉजी एसोसिएशन के अनुसार, ज्यादा नींद सुखी, स्वस्थ, लम्बी और सुरक्षित जीवन का लाभ दे सकती है। वहीं, बुजुर्गों को नींद की गड़बड़ी और अनिद्रा का खतरा बढ़ जाता है, जिससे अवसाद और दूसरी पुरानी बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है। इसलिए आप रोजाना अपनी नींद बेहतर तरीके से पूरी करें।
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