
नए साल के आगे बढ़ने के साथ-साथ बढ़ती ठंडक ने लोगों को परेशान कर दिया है। सुबह-सुबह कोहरा या धुंध छाई रहती है। धुंध या स्मॉग अस्थमा के मरीजों को परेशान कर देती है। इसका सीधा असर फेफड़ों पर पड़ता है। अस्थमा मरीजों की सांस वाली नली बेहद संवेदनशील होती है। ऐसे में अगर वो धुंध के संपर्क में आते हैं, तो जल्दी बीमार पड़ जाते हैं। जब मरीज का शरीर धुंध के संपर्क में आता है, तो फेफड़ों तक ऑक्सीजन ले जाने वाली नली सिकुड़ जाता है और अस्थमा अटैक आ सकता है। अस्थमा के रोगियों को सर्दियों के दिनों में धुंध के बुरे असर से बचने के लिए निम्न उपायों की मदद लेनी चाहिए। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
1. बाहर निकलने से पहले मास्क लगाएं
अस्थमा रोगियों को स्मॉग और कोविड से बचाव के लिए बाहर निकलने से पहले मास्क लगाना चाहिए। मास्क लगाकर सांस लेने में तकलीफ होती है, तो एयर फिल्टर वाला मास्क लगाएं। हर दिन साफ मास्क पहनें और उसे इस्तेमाल के बाद साफ कर लें। इसके साथ ही अस्थमा के मरीजों को ऐसे इलाके में जाने से भी बचना चाहिए जहां ठंड से बचने के लिए लोग लकड़ी या कोयला जलाते हैं। ये तत्व हवा में प्रदूषण बढ़ाते हैं और स्मॉग बढ़ जाता है।
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2. इन्हेलर लेकर बाहर जाएं
अस्थमा रोगी को बिना इन्हेलर और जरूरी दवाओं के बाहर निकलने से बचना चाहिए। पहली बार इन्हेलर का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें। जनवरी-फरवरी के दौरान स्मॉग की मात्रा ज्यादा होती है। इस दौरान डॉक्टर मरीजों को बाहर जाने की सलाह नहीं देते। हालांकि वॉक करना चाहते हैं, तो घर पर ही कसरत करें या बाहर निकलते समय सभी जरूरी बचाव के तरीकों पर ध्यान दें।
3. धूम्रपान का सेवन न करें
धुंध के कारण अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, सर्दी-जुकाम, खांसी, गले में संक्रमण आदि बीमारियों का प्रकोप बढ़ जाता है। इन समस्याओं से खुद को सुरक्षित रखने के लिए धूम्रपान का सेवन करने से बचना चाहिए। सर्दियों के दिनों में प्रदूषण आपके स्वास्थ्य को खराब करता है ऐसे में अगर आप धूम्रपान का सेवन करेंगे, तो ये स्वास्थ्य के लिए और भी ज्यादा हानिकारक होगा इसलिए धूम्रपान से बचें।
4. शरीर को हाइड्रेट रखें
अस्थमा रोगियों को शरीर में डिहाइड्रेशन के लक्षणों से बचना चाहिए। मरीजों को थोड़ी-थोड़ी देर में गुनगुने पानी का सेवन करते रहना चाहिए। पानी के अलावा हर्बल टी का सेवन भी कर सकते हैं। पानी का सेवन कम करने के लिए वायुमार्ग बंद हो जाते हैं जिससे आपको सांस लेने में तकलीफ महसूस हो सकती है। शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए हर दिन 7 से 8 गिलास पानी का सेवन करें।
5. गरम पानी से भाप लें
सर्दियों के मौसम में कोहरे और धुंध के प्रकोप से खुद को सुरक्षित रखने के लिए अस्थमा रोगी गरम पानी से भाप ले सकते हैं। इससे सांस लेने वाली नली खुलेगी और मरीज खुलकर सांस ले पाएगा। दिन में 2 से 3 बार गरम पानी की भाप ले सकते हैं। इसके अलावा अस्थमा के मरीजों को इंफ्लुएंजा वैक्सीन भी लगवानी चाहिए। इस मौसम में मरीज को खट्टा, ठंडा या तला हुआ खाना खाने से बचना चाहिए।
सर्दियों के दिनों में धुंध से बचने के लिए इन आसान उपायों को आजमाने से आप खांसी और सांस लेने में परेशानी जैसी अन्य शिकायतों से बच सकते हैं। लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।