शरीर एक विशेष तरह की प्रक्रिया के अंतर्गत कार्य करता है। इस प्रक्रिया में हर अंग एक-दूसरे से जुड़ा होता है। यदि आप ज्यादा स्ट्रेस या चिंता करते हैं, तो इससे आपकी पाचन क्रिया प्रभावित हो सकती है। ठीक इसी तरह, नींद का असर पाचन क्रिया पर पड़ता है। ब्रेन कई तरह का काम करता है। यह गतिविधि करने के लिए शरीर के अंगों को सिंग्नल भेजता है। स्ट्रेस या तनाव की वजह से यह फंक्शन बाधित हो सकता है। इस विषय पर हमने गाजियाबाद के मणिपाल अस्पताल के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल कंसल्टेंट डॉक्टर मनीष काक से बात की। उन्होंने स्ट्रेस के बढ़ने और नींद की कमी से पाचन क्रिया पर होने वाले प्रभावों को विस्तार से बताया।
पाचन पर मानसिक तनाव का प्रभाव
आंतों के माइक्रोबायोटा में बदलाव
मानसिक तनाव आंतों के माइक्रोबायोटा के संतुलन को बाधित कर सकता है, माइक्रोबायोटा पाचन-तंत्र में मौजूद हेल्दी बैक्टीरिया होते हैं। तनाव से आंत में मौजूद माइक्रोबायोटा का संतुलन प्रभावित होता है और पाचन संबंधी समस्याएं और सूजन हो सकती हैं।
पाचन संबंधी डिसऑर्डर
ज्यादा या लंबे समय तक तनाव आपके विभिन्न पाचन विकारों से जुड़ा होता है, जैसे इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस), इंटेस्टाइनल बाउल डिजीज (आईबीडी), और गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी) हो सकते हैं। तनाव शारीरिक प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर करता है, जिससे आंत की संवेदनशीलता बढ़ सकती है या सूजन हो सकता है ।
इम्यून सिस्टम कमजोर होना
गट (आंत), इम्यून सिस्टम का अहम हिस्सा है। लेकिन तनाव आंतों की प्रक्रिया में बदलाव करता हैं। जिससे इम्यून सिस्टम प्रभावित होता है।
आंतों की गतिशीलता में कमी
नींद की कमी पाचन-तंत्र की गतिविधियों को बाधित कर सकती है, जिससे कब्ज या दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं। नींद की कमी ईएनएस (Enteric nervous system) के कामकाज को प्रभावित कर सकती है। ईएनएस आंतों के संकुचन और गति को नियंत्रित करती है।
हार्मोन में परिवर्तन
नींद की कमी लेप्टिन और घ्रेलिन जैसे भूख को नियंत्रित करने वाले हार्मोन के उत्पादन को प्रभावित कर सकती है। इसके कारण आपकी भूख बढ़ोतरी हो सकती है। ऐसे में आपके द्वारा अनहेल्दी खाना खाने की संभावना बढ़ जाती है। जिससे वजन बढ़ने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
स्ट्रेस व अनिद्रा से बचाव करने के लिए क्या करें?
- मेडिटेशन: मेडिटेशन का अभ्यास तनाव के स्तर को कम करने और बॉडी को रिलैक्स करने में मदद कर सकता है, जिससे पेट के हेल्थ पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- योग और सांस संबंधी व्यायाम: हल्के योग आसन और गहरी सांस लेने से नर्वस सिस्टम को शांत करने और तनाव की वजह से होनी वाली पाचन समस्याओं को कम करने में मदद मिल सकती है।
- नींद के पैटर्न को फॉलो करें : नींद के लिए एक पैटर्न तैयार करें। इससे नींद की क्वालिटी बेहतर होती है।
- हाइड्रेट रहें: पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से आपकी पाचन क्रिया बेहतर होती है। साथ ही, उस पर पड़ने वाले प्रभाव कम होते हैं।
- सोने से पहले गुनगुने पानी से स्नान करें: नींद की कमी को दूर करने के लिए सोने से पहले हल्के गुनगुने पानी से स्नान करें। साथ ही, आप सॉफ्ट म्यूजिक भी सुन सकते हैं।
इसे भी पढ़ें : क्या हार्मोन का असंतुलन डिप्रेशन का कारण बनता है? जानें इनसे बचने के उपाय
पाचन क्रिया को बेहतर करने के लिए संतुलित आहार लें और लाइफस्टाइल में एक्सरसाइज को शामिल करें। योग व एक्सरसाइज से आप स्ट्रेस को कम कर सकते है। साथ ही, पाचन क्रिया को बेहतर बना सकते हैं।