क्या अक्सर जब आप सुबह के समय सो कर उठते हैं तो आप अपनी कमर में तेज दर्द पाते हैं? और आपको ऐसा लगता है कि आप की रीढ़ की हड्डी ज्यादा एक्टिव नहीं है? कहीं आप किसी गठिया के रोग से तो ग्रसित नहीं हैं? या सिर्फ कमर दर्द है। लेकिन इसका सही अनुमान कैसे करें? जरूरी है कि आप इस दर्द के लक्षणों को अच्छे से जांचें और डॉक्टर से मिलकर सलाह लें।
ऐसे में डॉक्टर अक्सर सलाह देते हैं कि इन लक्षणों को रोजाना एक डायरी में लिखें। दरअसल तीव्र कमर दर्द व अन्य गठिया दर्द आदि में अंतर कर रोग को पहचानना बहुत मुश्किल होता है। क्योंकि इन बिमारियों के लक्षण एक जैसे ही होते हैं। यदि आप एक डायरी बनाते हैं तो आप को पता चलेगा कि आप के लक्षणों में किस प्रकार के बदलाव आ रहे हैं।
लेकिन जरूरी है कि डायरी में वही बातें लिखी जाएं जो दर्द को पहचानने के लिए बहुत जरूरी हैं। जैसे कि यह आपके कमर के किस हिस्से में हुआ और उसकी शुरुआत तीव्रता कितनी थी। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि यदि आप कोई कसरत करते हैं तो ऐसे में दर्द में राहत मिलती है या इससे दर्द बढ़ जाता है।
कहीं ये स्पोंडिलेरोथ्रोपैथिस तो नहीं
यह कमर दर्द गठिया का ही एक प्रकार है। जब हमारे इम्यून सिस्टम की कोशिकाएं एक दूसरे को आपस में ही नुकसान पहुंचाने लगतीं हैं, तब उस समय कमर में तीव्र दर्द होता है। जो कि कमर के निचले हिस्सों या कूल्हों में महसूस होता है। यह परेशानी 35 साल के आसपास की उम्र के लोगों में ज्यादातर मिलती है और पीड़ित को कम से कम 12 से 16 सप्ताह तक दर्द महसूस होता है।
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कहीं ये एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस
कई बार कमर का दर्द एंकिलोसिंग स्पॉन्डिलाइटिस में परिवर्तित हो जाता है। ऐसे में दस्त, दस्तों में खून आना, पेट में दर्द, आंखो में सूजन या आंखो का लाल होना आदि लक्षण महसूस होते हैं। कमर दर्द के लक्षणों की एक डायरी बनाने का मुख्य कारण यह भी है कि दोनों बिमारियों में से कौन सी स्थिति है? अपने लक्षणों को गहराई से जांचने के लिए हर एक लक्षण को डायरी में नोट करना जरूरी है।
बातें जो लिखनी जरूरी हैं
लक्षण डायरी में कुछ खास बातों का ध्यान कर उन्हें जरूर लिखना चाहिए। जैसे कि आप जब सुबह उठते हैं तो दर्द की कितनी तीव्रता है, आप की रीढ़ की हड्डी एक्टिव है कि नहीं, आपने यह दर्द कितने समय तक महसूस किया, इस दर्द की वजह से आपको क्या क्या परेशानी हो रही है या आपको चलने या जोड़ों में दर्द तो नहीं।
साथ में दर्द का समय और कितने समय तक आप इससे बेचैन रहे, जरूर अपनी डायरी में दर्ज करें। आपके लिए दर्द के लक्षणों में ये भी पहचानना जरूरी है कि दर्द आपको रोज हो रहा है या यह कमर दर्द हफ्ते में दो या तीन बार होता है। इस तरह से लक्षणों को पहचान कर उसका इलाज करना डॉक्टर के लिए भी आसान होगा।
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