रीढ की हड्डी व कमर के निचले हिस्से में दर्द व उस का निवारण

कई बार रीढ की हड्डी की कुछ समस्याओं को ले कर आप की पीठ के नीचले हिस्से में दर्द हो सकता है। आखिर यह क्या है? और इसके क्या-क्या कारण हैं?
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रीढ की हड्डी व कमर के निचले हिस्से में दर्द व उस का निवारण


आज कल अधिकांश लोगों में लो बैक पैन यानी कमर दर्द की शिकायत बड़ी आम हो चली है। विशेषज्ञ इसके कई कारण बता रहें हैं। लेकिन एक बड़ा कारण आज की आधुनिक जीवन शैली है। कमर दर्द का पहले दर्दनाशक दवाओं व बेडरेस्ट के अलावा कोई कारगर इलाज नहीं था। लेकिन आज लो बैक पैन प्रबन्धन की नई चिकित्सा सुविधएं देश में उपलब्ध् हो गयी हैं।

रीढ़ की हड्डी में प्रत्येक दो vertebrae के बीच में एक डिस्क होती है जो कि एक शॉक-अब्जार्बर का कार्य करती है। इसके घिस जाने पर यह डिस्क बड़ी हो कर बाहर निकल आती है और इस कारण से कमर के निचले हिस्से में भयंकर दर्द होता है। इसे ही लो बैक पेन कहते हैं। यह दर्द दोनों पैरों में भी जा सकता है।

डिस्क vertebrae पर अंकुश कायम रखती है। किसी कारण से vertebrae आगे की तरफ या पीछे पीठ की तरफ खिसक सकता है। इसमें जब डिस्क पीठ की तरपफ खिसकती है तो वह मरीज के लिए बहुत घातक होता है। इसका कारण है कि स्लिप्ड डिस्क स्पाइन के पीछे केनाल की भीतरी नसों पर दबाव देने लगता है, इससे मरीजों को असहाय दर्द की पीड़ा महसूस होती है।

Lower Back

रीढ या कमर में दर्द होने के कुछ कारण 

1 · डिस्क पत्तन : जैसे जैसे आप की उम्र बढती है तो आप की पीठ की डिस्क अपने आप टूटने का खतरा रहता है। ऐसा होने पर कमर के नीचले हिस्से में बहुत दर्द होता है और इस को डिस्क पत्तन या अधः  पत्तन कहा जाता है।

2 · स्पोंडिलाइटिस : ऐसा अक्सर तब होता है जब आप की कमर में रीढ की हड्डी में से vertebrae खिसक जाता है। यह पीठ की नसों को ब्लाक कर देता है जिस की वजह से पीठ के नीचले हिस्से में काफी दर्द होता है। 

3 · एक्ज़ियल स्पोंडिलाइटिस : इस के कारण आपकी रीढ सूज जाती है। यह दो प्रकार के होते हैं। एक प्रकार में जब आप एक्स रे करवाते हैं तो ज्यादा क्षति नहीं दिखाता है और दूसरे में एक्स रें में रीढ में सूजन दिखाता है परंतु दर्द दोनों में ही होता है। 

4 · आस्टियोपोरोसिस : इस में कई बार आप की हड्डियां पतली व कमजोर हो जाती हैं जिस कारण वो टूट जाती हैं। इस में वरटीब्रे भी टूट सकता है जिस वजह से गंभीर कमर दर्द हो सकता है।

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5· स्पाइनल स्टेनोसिस: यह तब होता है जब आपकी रीढ़ की हड्डी के चारों ओर का स्थान संकरी कर देता है। इससे आपकी रीढ़ पर दबाव पड़ता है और इससे न केवल आपकी पीठ के निचले हिस्से में दर्द हो सकता है, बल्कि आपके पैरों में सुन्नता और कमजोरी भी आ सकती है। स्पाइनल स्टेनोसिस अक्सर गठिया का एक परिणाम है।

 6·  रीढ़ अनियमितताएँ: स्कोलियोसिस, आपकी रीढ़ में एक असामान्य बढ़ाव, आपकी पीठ को चोट पहुंचा सकता है। 

 7 · रीढ़ का संक्रमण : ये दुर्लभ हैं। लेकिन अगर यह हो जाता है तो यह आपकी पीठ को चोट पहुंचा सकता है। संक्रमण आमतौर पर अन्य चीजों का कारण बनता है, जैसे कि बुखार, ठंड लगना और सिरदर्द।

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Spinal Treatment

निवारण 

यदि आप को ऊपर लिखित किन्ही भी कारणों से पीठ में दर्द है तो आप निवारण के लिए क्या कर सकते हैं? आइए जानते हैं।

आप के डाॅक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों को नियमित रूप से लें। इस से आपको दर्द में जरूर राहत मिलेगी। 

अपने आप को फिट रखें। कई बार ज्यादा वजन के कारण भी पीठ पर प्रेश के कारण आप की पीठ में दर्द हो सकता है। आप फिट रहने के लिए योगा का प्रयोग कर सकते हैं।

यदि आप की समस्या गंभीर है और कोई भी दवा काम नहीं कर रही है तो आप को रीढ की सर्जरी का भी सहारा लेना पड सकता है।

डा. सतनाम सिंह छाबड़ा ,डायरेक्टर, न्यूरो एंड स्पाइन डिपाटमेंट, सर गंगाराम अस्पताल, नई दिल्ली से बातचीत पर आधारित

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