
हमारे शरीर में जोड़ हड्डियों को जोड़ते हैं। वे ऊतक(tissue)और उपास्थि(cartilage) से बने होते हैं। कुछ जोड़ों की एक बड़ी भूमिका होती है । सैकरोइलैक्स जॉइंट्स , जहां पर रीढ़ की हड्डी व कूल्हे की हड्डी मिलती है, कहलाता है।यदि ये जॉइंट डैमेज हो जाए ,चोट पहुंचे या किसी वजह से भी घायल हो जाए ,तो लोअर बैक पेन होता है।

लोअर बैक पेन के कारण
अर्थराइटिस
यह दो प्रकार का होता है-
ऑस्टियो आर्थराइटिस, जो तब होता है जब आपके जोड़ों के सिरों पर सुरक्षात्मक उपास्थि उम्र और अति प्रयोग के कारण दूर हो जाती है।
रीह्यूमेटाइड अर्थराइटिस आपकी पीठ के निचले हिस्से में सूजन और संयुक्त क्षति का कारण बन सकते हैं।
वैसे तो कमर दर्द के कारण सैकड़ो हो सकते हैं। जिसके लिए चिकित्सक की सलाह जरूरी है। लेकिन 90 प्रतिशत कमर दर्द के कारण हैं डी जनरेटिव, उम्र के साथ रीढ़ की हडडी में विकार, स्लिप्ड डिस्क और लम्बर केनाल स्टोनेसिस एक प्रकार की बीमारी। इसके अलावा रीढ़ की हडडी में संक्रमण से लेकर कैंसर तक सभी कुछ मुमकिन है। कई बार कई तरह के आर्थाराइटिस भी शरीर में कमर दर्द के रूप में प्रकट होते हैं।
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एंकिलोज़िंग स्पोंडिलाइटिस - यह एक क्रॉनिक डिजीज है ,जो स्पाइन में खासतौर पर sacroiliac जोड़ों में दर्द और सूजन का कारण बनती है।
आपको कैसे पता चलेगा कि क्या संयुक्त समस्याएं आपके कम पीठ दर्द का कारण हैं?
केवल एक डॉक्टर आपको गठिया जैसी बिमारी का निदान कर सकता है। यदि आपके डॉक्टर को लगता है कि आपको यह विका है, तो वे आपकी मेडिकल हिस्ट्री के अनुसार परिक्षण करेंगे।
कमर दर्द में आपरेशन की नौबत लाने वाली मुख्य बीमारियां हैं स्लिप्ड डिस्क और लंबर केनाल स्टोनोसिस। इन दोनो ही बीमारियों की पहचान है कमर से लेकर पैरों में जाता हुआ दर्द। जिसके साथ ही साथ पैरों का सुन्न या भारी होना या चीटियां चलने जैसा एहसास भी हो सकता है। आगे चल कर दर्द के मारे चलने में असमर्थता और कई बार लेटे-लेटे भी कमर से पैर तक असहनीय दर्द होता रहता है।

उपचार
व्यायाम करें
कोई भी गतिविधियाँ, जैसे वाटर एरोबिक्स, ताई ची, या योगा वास्तव में बैक पेन और ज्वाइंट पेन की संयुक्त समस्याओं को कम करने में मदद कर सकता है। कोई भी मूवमेंट जो अतिरिक्त दर्द का कारण नहीं वह सहायक है। अपने चिकित्सक या इंस्ट्रक्ट से बात करें यदि आप नहीं जानते कि कहां से और कैसे शुरू करें ।
तनाव का सामना करना
तनाव और चिंता कमर पीठ दर्द को बढ़ाती हैं। लेकिन टॉक थेरेपी, माइंडफुलनेस ट्रेनिंग या अन्य तरीकों से तनाव को कम करने में मदद मिलती है ।आपका डॉक्टर आपके साथ तनाव-ख़त्म करने की तकनीकों पर बात कर सकता है।
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वजन नियंत्रण
अधिक वजन कमर दर्द को बढ़ा सकता है । क्योंकि निचले हिस्से में खिंचाव होता है और आपके जोड़ों पर दबाव पड़ता है। आहार और व्यायाम आपको ट्रैक पर रखने में मदद कर सकते हैं।
नोट
कमर दर्द से बचने का उपाय यह है कि हल्का-फुल्का नियमित व्यायाम, बैठने-उठने के सही तौर-तरीके, ज्यादा उछल-कूद, अत्यधिक वजन उठाने और ज्यादा देर तक कार चलाने से बचाना चाहिए। जैसे ही कमर में या कमर से लेकर पैरों में जाता हुआ दर्द महसूस करें तो तुरंत ही किसी योग चिकित्सक की सलाह लें।
इनपुट्स : डा.संजय अग्रवाल,हेड, आर्थोपेडिक्स,पी.डी.हिंदुजा ,नेशनल अस्पताल,मुबंई से बातचीत पर आधारित।
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