चिंता हमारे जीवन की गुणवत्ता और काम करने की क्षमता को बुरी तरह प्रभावित करती है। वहीं लंबे समय तक चिंता करना शरीर को कई तरह से बीमार कर सकता है। आज कल खराब लाइफस्टाइल और चुनौतीपूर्ण जीवन के कारण हर कोई चिंता का शिकार हो रहा है। यहां तक कि युवाओं को भी एंग्जायटी की परेशानी हो रही है। ये युवा अक्सर इस बात की शिकायत करते हैं कि उन्हें बात-बात पर एंग्जायटी होती है और वो मानसिक रूप से परेशान हो जाते हैं। दरअसल इसके पीछे तनाव के अलावा कुछ होर्मोनल विकार और थायराइड से जुड़ी परेशानियां हो सकती हैं। आप सोच भी नहीं सकते पर थायराइड मनोरोग विकारों के पीछे एक बड़े कारक के रूप में काम करता है। थायराइड ग्लैंड (thyroid gland anxiety disorders) में सूजन लोगों को मानसिक रूप से प्रभावित करता है। वो कैसे? आइए हम आपको बताते हैं।
थायरायड ग्लैंड में सूजन और मानसिक रोग
ई-ईसीई 2020 (e-ECE 2020) में प्रस्तुत किए गए रहे एक अध्ययन के अनुसार, ज्यादा चिंता वाले लोगों को थायरायड ग्रंथि में सूजन रहती है। शोध को और विस्तार से अध्ययन किया गया तो पता चला कि थायराइड का मानसिक बीमारियों के पीछे भी एक बड़ा हाथ है। अध्ययन में पाया कि थायरायड की ऑटोइम्यून सूजन वाले लोगों में चिंता बढ़ने का अधिक खतरा हो सकता है। चिंता आमतौर पर तंत्रिका तंत्र की शिथिलता पर ध्यान केंद्रित करती हैं और होर्मोनल रिलीज में गड़बड़ियां शुरू करती हैं।
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थायरायड डिसफंक्शनिंग एंग्जायटी पैदा करता है
थायरायड ग्रंथि हार्मोन थायरोक्सिन (T4) और ट्राईआयोडोथायरोनिन (T3) का उत्पादन करती है जो हृदय, मांसपेशियों और पाचन क्रिया, मस्तिष्क के विकास और हड्डियों के रखरखाव को विनियमित करने के लिए जरूरी होता हैं। थायरायड में ऑटोइम्यून सूजन तब होती है जब हमारे शरीर गलत तरीके से एंटीबॉडी का उत्पादन करते हैं, जो इस ग्रंथि पर हमला करते हैं और नुकसान पहुंचाते हैं। इस शोध में 30 वर्ष की आयु के आसपास के 29 पुरुष और 27 महिलाएं, जो चिंता से ग्रस्त थे वो एंग्जायटी से परेशान थे। वहीं इनमें होर्मोनल गड़बड़ियां भी ज्यादा थीं।
थायरायड डिसफंक्शनिंग से ऐसे करें बचाव?
आयोडीन को करें संतुलित
थायराइड ग्लैंड्स हमारे शरीर से आयोडीन लेकर थायराइड हार्मोन पैदा करते हैं, इसलिए हाइपोथायरॉइड है तो आयोडीन की अधिकता वाली खाने-पीने की चीजों से जीवनभर दूरी बनाए रखें। सी फूड और आयोडीन वाले नमक को पूरी तरह नजरअंदाज करें।
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कैफीन ज्यादा न लें
कैफीन वैसे तो सीधे थायराइड नहीं बढ़ाता, लेकिन यह उन परेशानियों को बढ़ा देता है, जो थायराइड की वजह से पैदा होती हैं, जैसे बेचैनी और नींद में खलल। वहीं नींद न आना भी चिंता विकारों को पैदा कर सकता और मानसिक स्वास्थ्य को खराब कर सकता है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा कैफीन लेने से बचें।
एल्कोहल और स्मोकिंग से रहें दूर
एल्कोहल यानी शराब और बीयर आदि शरीर में एनर्जी के लेवल को प्रभावित करता है। इससे थायराइड की समस्या वाले लोगों की नींद में दिक्कत की शिकायत और बढ़ जाती है। इसके अलावा इससे ओस्टियोपोरोसिस का खतरा भी बढ़ जाता है। वहीं स्मोकिंग से भी बचें ये शरीर में होर्मोनल गड़बड़ियों का बढ़ावा देता है।
इन सब के अलावा एक स्वस्थ जीवनशैली, जिसमें कि सुबह और शाम का एक अच्छा रूटीन हो उसे अपनाएं। साथ ही सही खान-पान के साथ नियमित योग करें। ये आपको मन को काबू करने और एंग्जायटी से बाहर आने में मदद करेगा। वहीं कोशिश करें कि ज्यादा से ज्यादा खुश रहें और स्ट्रेस कम लें।
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