थायराइड रोगियों के लक्षणों और खतरों को बढ़ा सकता है तनाव, जानें इसके दुष्प्रभाव और तनाव कम करने के तरीके

अगर आप थायराइड रोगी हैं तो तनाव लेने से आपके लक्षण खतरनाक स्तर तक बढ़ सकते हैं। जानें थायराइड होने पर तनाव के दुष्प्रभाव और इसे मैनेज करने के तरीके।

Anurag Anubhav
Written by: Anurag AnubhavUpdated at: Aug 17, 2020 11:55 IST
थायराइड रोगियों के लक्षणों और खतरों को बढ़ा सकता है तनाव, जानें इसके दुष्प्रभाव और तनाव कम करने के तरीके

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चिंता हम सभी करते हैं। रोजमर्रा की जिंदगी जीते हुए तमाम चीजों की चिंता करना हमारी मजबूरी भी है और जरूरी भी है। लेकिन चिंता या तनाव अगर एक लेवल से ज्यादा बढ़ जाए, तो कई तरह की परेशानियां शुरू हो जाती हैं। स्ट्रेस लेने से वजन बढ़ने, हार्ट की बीमारियां, नींद की कमी आदि समस्याएं तो होती ही हैं, साथ ही तनाव हमारे शरीर में पहले से पल रहे रोगों को और गंभीर बना सकता है। थायराइड एक ऐसी ही बीमारी है, जिस पर तनाव का बुरा असर पड़ता है। थायराइड एक महत्वपूर्ण ग्रंथि है, जो कई तरह के जरूरी हार्मोन्स का उत्पादन करती है। ये हार्मोन्स शरीर के फंक्शन्स में मदद करते हैं और मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करते हैं। अगर थायराइड रोगी तनाव भी लेने लगे, तो उसके लक्षणों की गंभीरता बढ़ सकती है। वैसे भी थायराइड को साइलेंट किलर बीमारी माना जाता है। ऐसे में तनाव थायराइड रोगियों के लिए घातक हो सकता है।

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थायराइड पर तनाव का असर

जब आप तनाव लेते हैं, तो आपका मस्तिष्क एक खास हार्मोन रिलीज करता है, जिसे कॉर्टिसोल हार्मोन कहते हैं। ये हार्मोन शरीर में दूसरे कई हार्मोन्स के प्रोडक्शन को प्रभावित करता है। यानी कॉर्टिसोल हार्मोन के रिलीज होने पर आपके शरीर में दूसरे हार्मोन्स अपना फंक्श ठीक से नहीं कर पाते हैं। इनमें ही थायरॉइड ग्रंथि भी है। थायराइड रोग दो तरह के होते हैं। हाइपोथायराइडिज्म, जिसमें थायराइड ग्रंथि जरूरत से कम हार्मोन रिलीज करती है और हाइपरथायराइडिज्म, जिसमें थायराइड ग्रंथि जरूरत से ज्यादा हार्मोन रिलीज करती है। दोनों ही स्थितियां खतरनाक हैं। ऐसे में थायराइड का रोगी अगर तनाव लेता है, तो रिलीज हुआ हार्मोन भी ठीक से फंक्शन नहीं करता है, जिससे समस्याएं बढ़ने लगती हैं।

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किसी तरह होता है शरीर पर असर

थायराइड से निकलने वाले हार्मोन्स शरीर के मेटाबॉलिज्म को और वाइटल बॉडी फंक्शन्स को कंट्रोल करता है। जब व्यक्ति ज्यादा तनाव लेता है, तो जो थोड़ी बहुत मात्रा में हार्मोन रिलीज हो रहा होता है, वह भी शरीर के काम नहीं आता है। ऐसे में तनाव लेने से सबसे पहले व्यक्ति का मेटाबॉलिज्म स्लो हो जाता है, जिसके कारण उसका वजन बढ़ने लगता है, दिनभर थकान महसूस होती है और ऐसा होने पर चिंता और तनाव और बढ़ने लगता है।

इम्यूनिटी पर भी पड़ता है असर

ज्यादा तनाव लेने से इम्यून सिस्टम के फंक्शन पर भी असर पड़ता है। तनाव के द्वारा छोड़ा गया कॉर्टिसोल हार्मोन आपकी इम्यूनिटी को कमजोर कर देता है। इसलिए तनाव लेने से व्यक्ति को दूसरी संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। वर्तमान समय में चल रही वैश्विक महामारी कोरोना वायरस भी कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों को जल्दी शिकार बना रहा है। ऐसे में थायराइड रोगियों को इस वायरस के संक्रमण से बचे रहने की विशेष जरूरत है।

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थायराइड रोगी कैसे करें तनाव को कंट्रोल

आज के समय में तनाव हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुका है, जिसे पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता है। लेकिन हां, तनाव को कम किया जा सकता है और इस काम में आपकी मदद दवाओं से ज्यादा लाइफस्टाइल में बदलाव कर सकते हैं। रिसर्च बताती हैं कि एक्सरसाइज करने, योगासन करने, ध्यान करने जैसी मानसिक-शारीरिक क्रियाओं से तनाव कम होता है। इसके अलावा हेल्दी डाइट अपनाकर, वजन कंट्रोल करके और सिगरेट-शराब की लत छोड़कर भी आप तनाव को कम कर सकते हैं। अगर इन सब बदलावों के बावजूद आपको कोई गंभीर मानसिक चिंता या तनाव की समस्या है, तो आप थेरेपिस्ट से मिलकर दवाओं का भी सहारा ले सकते हैं।

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