
आजकल युवाओं में तनाव और चिंता के मामले काफी बढ़ गए हैं। कोरोना वायरस के चलते दुनिया में एक तरह की अनिश्चितता हावी है, जिसका शिकार सबसे ज्यादा युवा हो रहे हैं। यही कारण है कि पिछले कुछ महीनों में युवाओं में आत्महत्या के मामले काफी बढ़े हैं। तनाव, चिंता और डिप्रेशन को बढ़ाने में किसी व्यक्ति के आसपास की परिस्थितियां तो काम करती ही हैं, लेकिन बॉडी साइंस की मानें तो इसके पीछे कई हार्मोन्स अपनी भूमिका निभाते हैं। डर, चिंता और तनाव के समय में शरीर कॉर्टिसोल हार्मोन को रिलीज करता है। कॉर्टिसोल हार्मोन का आपके मूड और आपकी सेहत पर भी गहरा असर पड़ता है। अगर आप इस हार्मोन को कंट्रोल करने का तरीका जान जाएं, तो संभव है कि खराब से खराब स्थिति में भी आप तनाव, चिंता और डिप्रेशन जैसी समस्याओं से बच सकते हैं। हमारे शरीर में ये हार्मोन एड्रिनल ग्लैंड्स के द्वारा बनाया जाता है। इस हार्मोन को बनाने का आदेश पिट्युट्री ग्लैंड के द्वारा दिया जाता है, जो कि मस्तिष्क में होती है।
कॉर्टिसोल हार्मोन रिलीज होने के बाद बुरे प्रभाव
कॉर्टिसोल हार्मोन के बढ़ते ही आपके शरीर का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जिससे आपके शरीर में अचानक से एनर्जी भी बढ़ जाता है, ताकि आप खतरे का सामना कर सकें। इस हार्मोन के ज्यादा मात्रा में रिलीज होने के बाद आपका हार्ट रेट भी बढ़ जाता है और कुछ लोगों को गुस्सा आता है। इस हार्मोन के कारण कई बार लोगों को बहुत तेज गुस्सा भी आता है, जिससे वो गलत तरीक से पेश आने लगते हैं। ये तो हो गए इस हार्मोन के तात्कालिक प्रभाव। इसके अलावा लंबे समय में ये हार्मोन कई और तरह की परेशानियों का कारण भी बनता है।
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लंबे समय में कॉर्टिसोल हार्मोन के बुरे प्रभाव
जो लोग बहुत अधिक तनाव लेते हैं या परेशान होते हैं, तो उनके शरीर में लगातार कॉर्टिसोल हार्मोन रिलीज होता रहता है। लंबे समय में कॉर्टिसोल हार्मोन और भी गंभीर परेशानियां लेकर आता है। इसके कारण-
- हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।
- व्यक्ति के पेट और कमर के आसपास, कंधों, नाक और चेहरे पर चर्बी जमा होने लगती है, जिससे व्यक्ति बहुत मोटा दिखाई देने लगता है।
- अधिक कार्टिसोल हार्मोन रिलीज होने के कारण व्यक्ति का चेहरा फूलने के कारण गोल हो सकता है।
- त्वचा पर स्ट्रेच मार्क्स आ सकते हैं।
- मांसपेशियां और हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।
- व्यक्ति का ब्लड शुगर बढ़ सकता है और वो टाइप 2 डायबिटीज का शिकार हो सकता है।
- व्यक्ति की सेक्शुअल लाइफ प्रभावित हो सकती है।
- महिलाओं में पीरियड्स की गड़बड़ी हो सकती है।
कॉर्टिसोल हार्मोन को नैचुरल तरीके के घटाने के लिए जरूरी बातें
आप यह तो समझ गए होंगे कि अगर आप ज्यादा तनाव लेते हैं, तो आपके शरीर में रिलीज होने वाला कॉर्टिसोल हार्मोन आपको कितनी घातक बीमारियां दे सकता है। इसलिए इस हार्मोन को नैचुरल तरीके से घटाने के लिए आपको जरूर प्रयास करने चाहिए। इस हार्मोन को कम करने के लिए-
- अपने दिनभर के काम को ठीक से मैनेज करें और लिखकर रखें। इससे आप काम को ठीक समय पर कर पाएंगे और आपको तनाव भी कम रहेगा।
- 24 घंटे में कम से कम 7 से 9 घंटे की गहरी नींद जरूर लें। अगर आप 7 घंटे से कम सोते हैं, तो आपके शरीर में कॉर्टिसोल हार्मोन बढ़ता है।
- रोज कम से कम 30-40 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें। एक्सरसाइज करने से आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और तनाव कम होता है, जिससे कॉर्टिसोल हार्मोन भी कम हो जाता है।
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- तनाव कम करने के लिए अपने दोस्तों, अपने परिवार, संबंधियों और प्रियजनों के हमेशा संपर्क में रहें। जब भी आप कुछ बुरा महसूस करें, तो ये बातें अपने किसी विश्वसनीय साथी के साथ जरूर साझा करें।
- खाने में रिफाइंड शुगर (मीठी चीजें) और सफेद नमक (रिफाइंड सॉल्ट) का सेवन ज्यादा करें।
- दूध वाली चाय और कॉफी की जगह, ब्लैक टी, ब्लैक कॉफी और ग्रीन टी का सेवन करें।
- अगर इन सब उपायों के बाद भी आपका तनाव कम नहीं होता है, तो आप किसी डॉक्टर, मनोचिकित्सक या थेरेपिस्ट से संपर्क कर सकते हैं।
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