थायराइड (Thyroid) एक गंभीर बीमारी है, जिसके मरीज भारत में लगातार बढ़ रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में हर 10 में से 1 वयस्क को थायराइड रोग हो चुका है या जल्द ही होने की संभावना है। इसका सबसे बड़ा कारण है खाने में आयोडीन (Iodine) की कमी और खराब लाइफस्टाइल। थायराइड रोग को कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स 'साइलेंट किलर' कहते हैं। इसका कारण यह है कि थायराइड बहुत गंभीर लक्षणों वाली बीमारी नहीं है, बल्कि इसके लक्षण इतने सामान्य होते हैं कि लोगों को इसका पता भी नहीं चलता है और धीरे-धीरे ये रोग उनको मौत के मुंह तक ले आता है। वैसे तो थायराइड रोग पुरुषों और महिलाओं दोनों को ही हो सकता है, लेकिन महिलाओं (Thyroid in Women) को पुरुषों की अपेक्षा इस रोग का खतरा ज्यादा होता है। भारत में सबसे ज्यादा संख्या 'हाइपोथायराइडिज्म' (Hypothyroidism) के रोगियों की है, जिसमें रोगी का थायराइड ग्लैंड पर्याप्त हार्मोन नहीं बना पाता है। थायराइड होने पर इलाज तो जरूरी है ही, साथ ही कुछ प्राकृतिक चीजें भी आपको स्वस्थ रहने में मदद कर सकती हैं। हल्दी को थायराइड रोगियों (Turmeric for Thyroid Patients) के लिए वरदान माना जा सकता है। आइए आपको बताते हैं कि हल्दी थायराइड रोग में किस तरह फायदेमंद है।
थायराइड रोगियों के लिए वरदान है हल्दी
जिन लोगों को थायराइड की बीमारी है, उन्हें हल्दी का सेवन बढ़ा देना चाहिए। हल्दी में मौजूद कर्क्यूमिन नामक तत्व बहुत गुणकारी होता है। हल्दी के सेवन से शरीर में इंफ्लेमेशन कम होता है, जो कि थायराइड की एक सबसे बड़ी समस्या है। इसके अलावा हल्दी एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल, एंटी-कैंसर और एंटी-बायोटिक गुणों से भरपूर मानी जाती है। इसलिए हल्दी के सेवन से इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है और रोग गंभीर स्थिति में नहीं पहुंच पाता है। एक रिसर्च की मानें तो थायराइड रोग में अगर हल्दी का सेवन किया जाए, तो इंफ्लेमेशन (सूजन) की समस्या को बहुत हद तक रोका जा सकता है।
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थायराइड को कंट्रोल करने में हल्दी का रोल
थायराइड रोग 2 तरह के होते हैं, पहला हाइपरथायराइडिज्म (Hyperthyroidism) और दूसरा हाइपोथायराइडिज्म (Hypothyroidism)। इन दोनों ही स्थितियों का कारण शरीर में होने वाला ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस है। आसान भाषा में समझें तो तो शरीर में बनने वाले फ्री-रेडिकल्स आपके शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं और सेल्स को डैमेज करते हैं। अगर कोई व्यक्ति थायराइड का रोगी है, तो उसके शरीर में ये फ्री-रेडिकल्स और अधिक नुकसान पहुंचाते हैं, जिसके कारण उसका शरीर धीरे-धीरे कमजोर होता जाता है और इम्यून सिस्टम खराब होता जाता है। इन फ्री-रेडिकल्स को रोकने में हल्दी बहुत कारगर मानी जाती है क्योंकि हल्दी में बहुत पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में होने वाले ऑक्सिडेशन की प्रक्रिया को न्यूट्रल कर देते हैं।
थायराइड नॉड्यूल्स को कम करने में भी मददगार
थायराइड रोग के कारण रोगी के गले के थायरॉइड ग्लैंड में कई बार छोटे-छोटे लम्प्स (Lumps) उभर आते हैं, जिन्हें थायरॉइड नॉड्यूल्स (Thyroid Nodules) कहते हैं। हल्दी के सेवन से इन लम्प्स का साइज छोटा होता जाता है, जिससे आपको बहुत अधिक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है।
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हल्दी थायराइड के खतरे को कम कर देती है
यहां यह बता देना जरूरी है कि हल्दी थायरॉइड रोग का इलाज नहीं है, जो इसे जड़ से खत्म कर सके। इसलिए इलाज की जरूरत तो आपको पड़ेगी ही। लेकिन हल्दी के सेवन से आप थायराइड के कारण आने वाली परेशानियों को कम कर सकते हैं और रोग को बढ़ने से रोक सकते हैं।
थायराइड रोगी करें हल्दी की चाय का सेवन
वैसे तो आप किसी भी तरह से हल्दी का सेवन करें, ये आपके लिए फायदेमंद ही होगा। लेकिन अगर आप हल्दी को अपनी रेगुलर आदत में शामिल करना चाहते हैं, तो आप रोजाना 1-2 कप हल्दी वाली चाय पी सकते हैं। हल्दी की ये चाय आपके पेट और पाचन को भी ठीक रखेगी और लंबे समय में आपको मोटापे, डायबिटीज, कैंसर और हाई ब्लड प्रेशर जैसी गंभीर बीमारियों से भी बचाएगी। हल्दी वाली चाय बनाना भी बेहद आसान है।
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