टीवी एक्ट्रेस जूही परमार ने बताई थायरॉइड से जंग की अपनी कहानी, बताए थायरॉइड को कंट्रोल करने के आसान टिप्स

'कुमकुम- एक प्यारा सा बंधन' टीवी सीरियल की एक्ट्रेस जूही परमार ने बता रही हैं थायरॉइड को कंट्रोल करने की बेहद आसान टिप्स, जो आपके काम भी आ सकती हैं।
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टीवी एक्ट्रेस जूही परमार ने बताई थायरॉइड से जंग की अपनी कहानी, बताए थायरॉइड को कंट्रोल करने के आसान टिप्स

थायरॉइड एक ऐसी समस्या है, जो सबसे ज्यादा महिलाओं को परेशान करती है। हर 8 में से 2 महिलाओं को अपने जीवनकाल में कभी न कभी थायरॉइड का सामना करना पड़ता है। वैसे तो ये बीमारी पुरुषों को भी होती है, मगर उनकी संख्या कम होती है। आंकड़ों की मानें महिलाओं और पुरुषों में थायरॉइड का अनुपात 8:1 होता है, यानी 8 महिलाओं पर 1 पुरुष इस रोग का शिकार होता है।

वैसे थायरॉइड कोई रोग नहीं, बल्कि ग्रंथि का नाम होता है, जिसकी गड़बड़ी के कारण हाइपोथायरॉइडिज्म और हाइपरथायरइडिज्म नाम के 2 रोग हो सकते हैं। मगर सामान्य भाषा में लोग इन्हें थायरॉइड ही कह देते हैं। चूंकि ये थायरॉइड ग्रंथि मेटाबॉलिज्म और हार्मोन्स को कंट्रोल करती है, इसलिए थायरॉइड रोग को खतरनाक माना जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स थायरॉइड को साइलेंट किलर बीमारी मानते हैं।

टीवी सीरियल कुमकुम और बिग बॉस फेम एक्ट्रेस जूही परमार भी पिछले 10 सालों से थायरॉइड का शिकार हैं। पिछले दिनों थायरॉइड से प्रभावित अन्य महिलाओं को जागरूक करने के लिए उन्होंने सोशल मीडिया पर थायरॉइड से लड़ाई की अपनी कहानी बताई है। वीडियो में जानें किस तरह इस खूबसूरत एक्ट्रेस ने थायरॉइड से जंग लड़कर इसे कंट्रोल किया और अपना वजन घठाया।

थायरॉइड का पता कब चला

जूही परमानर बताती हैं कि शुरुआती लक्षण दिखने तक उन्हें न तो थायरॉइड रोग के बारे में पता था न ही इसके लक्षणों के बारे में। उन्होंने बताया, "मेरा वजन तेजी से बढ़ने लगा। 2-3 महीने में ही मेरा वजन 15-17 किलो बढ़ गया। ये नॉर्मल वेट-गेन नहीं था, थोड़ा अजीब था। इसके कारण ब्लोटिंग (पेट फूलने) और स्वेलिंग (सूजन) हो गए थे। मेरा वजन इतना बढ़ गया था कि मुझे मेरी शक्ल पहचान में नहीं आती थी। इसके साथ चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग्स भी काफी बढ़ गए थे और हमेशा थका हुआ महसूस करती थी। खास बात ये थी कि मेरी आवाज बदल गई थी, आवाज थोड़ी भारी हो गई थी। मेरी मां ने मुझे थायरॉइड चेक कराने की सलाह दी और मैंने ये टेस्ट करवाया, जो कि सिंपल से ब्लड टेस्ट से आप करवा सकते हैं। टेस्ट में पता चला कि मुझे हाइपोथायरॉइडिज्म है।"

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थायरॉइड को कैसे कंट्रोल किया

जूही बताती हैं कि थायरॉइड का पता चलने पर उन्हें डर तो लगा मगर जल्द ही उन्होंने इस सच्चाई को स्वीकार किया और इसका इलाज शुरू किया। वो बताती हैं, "डॉक्टर के पास जाने पर आपके थातरॉइड लेवल के हिसाब से डॉक्टर आपको दवाएं देते हैं। सुबह सबसे पहले आपको खाली पेट 1 दवा खानी पड़ती है। दिन की शुरुआत दवाई से करना अच्छा नहीं है, मगर ये दवा आपके थायरॉइड को कंट्रोल करती है। मैं बिना किसी गड़बड़ी के रोजाना अपनी दवा समय पर लेती थी।"

 
 
 
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"रेगुलर ब्लड चेकअप्स बहुत जरूरी हैं"

थायरॉइड कितना घटा या कितना बढ़ा, इसपर नजर रखने के लिए रेगुलर ब्लड टेस्ट (खून की जांच) करानी बहुत जरूरी है। जूही बताती हैं, "आपको हर 3-4 महीने में अपना ब्लड टेस्ट कराना चाहिए, ताकि आप अपने थायरॉइड लेवल को जान सकें। थायरॉइड लेवल के हिसाब से आपकी दवाओं की डोज बढ़ानी-घटानी पड़ती है।"

प्रेग्नेंसी में थायरॉइड

कुछ महिलाओं को पहले से थायरॉइड नहीं होता है, मगर प्रेग्नेंसी के दौरान वो इसका शिकार हो जाती हैं। इसलिए उन्हें भी रेगुलर चेकअप करवाते रहना चाहिए। जिन्हें पहले से थायरॉइड होता है, प्रेग्नेंसी के दौरान उनका थायरॉइड लेवल ऊपर-नीचे चला जाता है। इसलिए इस दौरान आपको रेगुलर ब्लड टेस्ट कराते रहना चाहिए।

कैसे घटाया वजन

थायरॉइड को कंट्रोल करने के लिए एक्सरसाइज बहुत जरूरी है। जूही के अनुसार, "मैंने एक्सरसाइज शुरू किया। मगर हाइपोथायरॉइडिज्म में आप जब एक्सरसाइज करते हैं, तो आपको रेगुलर एक्सरसाइज से कम फायदे मिलते हैं, क्योंकि आपका मेटाबॉलिज्म कमजोर हो जाता है। मैं रेगुलर एक्सरसाइज करती रही।" फिजिकल रूप से एक्टिव रहने से थायरॉइड कंट्रोल रहता है।

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थायरॉइड में कैसा होना चाहिए खानपान

थायरॉइड में आपको फ्राईड फूड्स, बटर, ब्रोकली, गोभी, पत्तागोभी, सोयाबीन्स, टोफू आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा आपको ग्लूटेन-फ्री आहार खाने चाहिए।

स्ट्रेस से बचें

जूही बताती हैं कि स्ट्रेस थायरॉइड का दुश्मन है, इसलिए आपको खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए। अपने मन को शांत करने के लिए आप मेडिटेशन कर सकते हैं। ये भी थायरॉइड को कंट्रोल करने के लिए बहुत अच्छा होता है। मैं अपने आप को एक्टिव रखने की कोशिश करती हूं और दवाएं टाइम से लेती हूं।

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