आज के समय में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रही हैं लेकिन महीने के कुछ दिन मासिक धर्म यानी पीरियड्स के कारण महिलाओं के लिए दर्द भरे और असुविधाजनक होते हैं। यह समस्या इतनी आम हो गई है कि कई महिलाएं इसे अपने जीवन का हिस्सा मानकर नजरअंदाज कर देती हैं। वहीं कुछ महिलाएं पीरियड्स के दर्द से राहत पाने के घरेलू नुस्खे आजमाती हैं। इन्हीं उपायों में से एक है किशमिश का सेवन। आयुर्वेद के अनुसार, किशमिश में पोषक तत्वों की भरमार होती है, जो शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं और कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं। लेकिन क्या किशमिश वास्तव में पीरियड्स के दर्द को कम करने में मदद करती है? इस सवाल का जवाब आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा ने विस्तार से दिया है।
क्या किशमिश पीरियड्स के दर्द को कम कर सकती है? - Does Raisins Help Reduce Period Cramps
आजकल खराब खानपान, तनाव और फिजिकल एक्टिविटी की कमी पीरियड्स के दर्द को बढ़ा सकती है। कई बार दर्द इतना तेज हो जाता है कि महिलाएं अपने रोजमर्रा के काम भी ठीक से नहीं कर पातीं। ऐसे में पीरियड्स के दर्द से राहत पाने के लिए महिलाएं घरेलू उपायों (How to reduce period cramps) और आयुर्वेदिक तरीकों का सहारा लेती हैं। आयुर्वेद के अनुसार, किशमिश वात दोष को शांत करने में मदद करती है और मासिक धर्म के दौरान शरीर को जरूरी एनर्जी प्रदान करती है।
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डॉ. श्रेय शर्मा का कहना है कि किशमिश सीधे तौर पर पीरियड्स के दर्द को खत्म नहीं करती, लेकिन यह हल्का आराम जरूर दे सकती है। आयुर्वेद के अनुसार, किशमिश वात को नियंत्रित करने में सहायक है। पीरियड्स के दौरान दर्द का मुख्य कारण वात दोष का असंतुलन होता है। इसमें आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम और एंटीऑक्सीडेंट्स जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाते हैं। किशमिश शरीर को ताकत देती है और पाचन तंत्र को भी मजबूत करती है। इसके अलावा किशमिश में नेचुरल शुगर होती है जो कमजोरी और थकावट को दूर करने में मदद करती है।
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डॉ. श्रेय के अनुसार, किशमिश को एक सपोर्टिव उपाय के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन यह पीरियड्स के दर्द का संपूर्ण इलाज नहीं है। अगर दर्द बहुत ज्यादा हो, तो आयुर्वेदिक उपचार के साथ डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
टॉप स्टोरीज़
किशमिश का सेवन कैसे करें? - How to consume raisins
रातभर भिगोई हुई किशमिश को सुबह खाली पेट खाएं।
गर्म दूध के साथ किशमिश लेने से वात दोष को शांत किया जा सकता है।
सौंफ और किशमिश को उबालकर पीने से दर्द में राहत मिल सकती है।
गुड़ आयरन से भरपूर होता है और किशमिश के साथ लेने पर यह ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है।
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किशमिश के अलावा, आयुर्वेद में और भी कई उपाय हैं जो पीरियड्स के दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।
1. अदरक का रस और शहद: यह प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी है और दर्द को कम करने में सहायक होता है।
2. तिल के तेल से मालिश: पेट के निचले हिस्से में तिल के तेल से हल्की मालिश करने से राहत मिलती है।
3. मेथी का पानी: मेथी के बीजों को पानी में उबालकर पीने से भी दर्द में आराम मिलता है।
निष्कर्ष
किशमिश शरीर को ऊर्जा देने और वात दोष को नियंत्रित करने में मदद करती है। हालांकि, यह पीरियड्स के दर्द को पूरी तरह खत्म नहीं करती है, लेकिन इससे हल्का आराम जरूर मिल सकता है। किशमिश को आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से अन्य उपायों के साथ शामिल करने से मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द और असुविधा को कम किया जा सकता है।
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