आजकल बाजार में हर खाने-पीने की चीज की कई-कई वैरायटीज मिल जाती हैं। खासकर सुपर मार्केट्स और ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोर्स पर तो एक ही प्रोडक्ट के इतने वर्जन मौजूद होते हैं कि व्यक्ति कंफ्यूज हो जाता है कि उसे कौन सा वर्जन इस्तेमाल करना चाहिए। कोकोनट ऑयल भी एक ऐसा ही प्रोडक्ट है, जिसके 2 वर्जन मौजूद हैं। पहला रेगुलर या रिफाइंड कोकोनट ऑयल और दूसरा वर्जिन कोकोनट ऑयल। ज्यादातर लोगों को इनके बीच का अंतर नहीं पता होता है। ऐसे में कई बार जिन फायदों के लिए आप ऑयल का इस्तेमाल कर रहे हैं, वो आपको मिलते भी नहीं हैं। आपके इसी कंफ्यूजन को दूर करने के लिए आज हम आपको बता रहे हैं रेगुलर या रिफाइंड कोकोनट ऑयल और वर्जिन कोकोनट ऑयल में अंतर और इनमें से कौन सा सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद है।
रेगुलर कोकोनट ऑयल में कैसे बनता है?
जाहिर सी बात है कि अगर हम कोकोनट ऑयल की बात कर रहे हैं, तो ये कोकोनट यानी नारियल से ही बने होंगे। लेकिन रेगुलर और कोकोनट ऑयल को निकालने के तरीके में थोड़ा अंतर होता है, जिसके कारण इस ऑयल की पौष्टिकता पर असर पड़ता है। सामान्य कोकोनट ऑयल रिफाइंड होता है। रिफाइंड का अर्थ है कि इसे खाने योग्य बनाने से पहले इसे हीट (गर्म) किया गया है और इसमें कलर और टेस्ट सुगंध बढ़ाने के लिए इसे केमिकल से ब्लीच किया गया है या आर्टिफिशियल चीजें मिलाई गई हैं। इसके साथ ही एक अंतर यह भी है कि रेगुलर कोकोनट ऑयल सूखे हुए नारियल के गोले से निकाला जाता है।
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वर्जिन कोकोनट ऑयल कैसे बनता है?
वहीं वर्जिन कोकोनट ऑयल कोकोनट मिल्क से निकाला जाता है और इसे इसे हीट करने के बजाय कोल्ड प्रेस्ड तकनीक से खाने योग्य बनाया जाता है। इस तकनीक की खास बात यह है कि गर्म किए जाने की अपेक्षा इस तकनीक से ऑयल की नैचुरल पौष्टिकता, टेस्ट और कलर बरकरार रहता है। कोल्ड प्रेस्ड कोकोनट ऑयल में एंटीऑक्सीडेंट्स, विटामिन्स और मिनरल्स ज्यादा मात्रा में मौजूद होते हैं। यही कारण है कि वर्जिन कोकोनट ऑयल रेगुलर कोकोनट ऑयल की अपेक्षा ज्यादा मंहगे मिलते हैं और उनकी शेल्फ लाइफ भी कम होती है।
रेगुलर और वर्जिन कोकोनट ऑयल में अंतर
ऊपर बताए गए अंतर से यह तो स्पष्ट हो जाता है कि वर्जिन कोकोनट ऑयल रिफाइंड कोकोनट ऑयल से ज्यादा नैचुरल और पौष्टिक होता है। लेकिन इन दोनों तेलों में कई और अंतर भी होते हैं। हाइड्रोजेनेटेड होने के कारण रिफाइंड कोकोनट ऑयल में ट्रांस फैट हो सकता है, जो कि सेहत के लिहाज से अच्छा नही हैं और ये कोलेस्ट्रॉल बढ़ाता है, जबकि एक्स्ट्रा वर्जिन कोकोनट ऑयल में फैटी एसिड्स होते हैं, जो आपके हार्ट के लिए अच्छे होते हैं और कोलेस्ट्रॉल घटाने में मदद करते हैं। इसके अलावा रिफाइंड ऑयल देखने में ज्यादा अच्छे कलर वाला लग सकता है क्योंकि इसे केमिकल से ब्लीच किया जाता है, जबकि वर्जिन ऑयल कम साफ लग सकता है। थोड़ा अंतर इनके स्वाद और सुगंध में भी आता है। रिफाइंड ऑयल की अपेक्षा वर्जिन कोकोनट ऑयल में ज्यादा बेहतर प्राकृतिक स्वाद और सुगंध होता है। हालांकि कई बार रिफाइंड कोकोनट ऑयल में आर्टिफिशियल सेंट और फ्लेवर डालकर भी इनका स्वाद और सुगंध बढ़ा दिया जाता है।
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रिफाइंड और वर्जिन कोकोनट ऑयल में कौन है फायदेमंद?
रिफाइंड कोकोनट ऑयल की अपेक्षा वर्जिन कोकोनट ऑयल सेहत के लिए ज्यादा फायदेमंद है, ये तो आपको ऊपर की बातें पढ़कर समझ आ ही गया होगा। इसलिए कुकिंग के लिए वर्जिन ऑयल का ही प्रयोग करें। कोकोनट ऑयल से आपको कई फायदे मिल सकते हैं।
- वर्जिन कोकोनट ऑयल आपके शरीर में गुड कोलेस्ट्ऱॉल को बढ़ाता है और बैड कोलेस्ट्ऱॉल को कम करता है।
- वर्जिन कोकोनट ऑयल थायरॉइड फंक्शन को बेहतर बनाता है, जिससे थायरॉइड रोगियों को फायदा मिलता है।
- बालों और त्वचा के लिए भी रिफाइंड की जगह वर्जिन कोकोनट ऑयल फायदेमंद होता है, क्योंकि इसमें नैचुरल विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं।
- वर्जिन कोकोनट ऑयल में विटामिन ई की मात्रा अच्छी होती है, जिससे खाने और त्वचा पर लगाने दोनों तरह से ये आपको फायदा पहुंचाता है।
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