जानें शिशु के लिए कितना सेहतमंद है घी

घी का सेवन बच्चों के लिए स्वास्थ्यकारी होता है। हालांकि दो साल से कम आयु के बच्चों के इसे सीमित मात्रा मे ही देना चाहिए। इसके बारे में विस्तार से जानने के लिए ये लेख पढ़े।
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जानें शिशु के लिए कितना सेहतमंद है घी


घी को आयुर्वेद में औषधि का मान दिया जाता है। घी शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक विकास एवं रोग-निवारण के साथ पर्यावरण-शुद्धि का एक महत्वपूर्ण साधन है। इसका सेवन बच्चों और बूढ़ो सभी के लिए फायदेमंद होता है पर इसका सेवन नियत्रिंत मात्रा मे ही करना चाहिए। शिशुओं को घी बहुत थोड़ी मात्रा मे ही देना चाहिए। इससे स्वस्थ वसा प्राप्त होती है, जो लिवर और रोग प्रतिरोधक प्रणाली को ठीक रखने के लिए जरूरी है। हालांकि शिशुओं के विकास के घी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

  • बच्चों के लिए भी घी बहुत फायदेमंद हैं। अपने बच्चे को रोजाना आधी छोटी चम्मच से अधिक घी नहीं दिया जाना चाहिए। घी शुद्धीकृत मक्खन होता है और यह 97 प्रतिशत वसा होता है। हालांकि, वसा बच्चे के विकास, ऊर्जा और विटामिन के अवशोषण के लिए महत्वपूर्ण होती है। मगर, जरुरी है कि इसका सेवन ​सीमित मात्रा में किया जाए।
  • नर्वस सिस्टम के विकास में घी बहुत मदद करता है। ऐसे में दो साल से कम बच्चों को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में घी देना चाहिए।घी फैट सॉल्युबल विटामिन ए डी, ई और के का मुख्य स्रोत होता है। जो ब्लड सेल में जमा कैल्शियम को हटाने का काम करता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है। ये विटामिन बच्चों के बौद्धिक विकास के लिए अच्छा होता है। साथ ही ये बच्चों के इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करता है।
  • इसमें स्मोकिंग पॉइंट दूसरी वसाओं की तुलना में बहुत अधिक है। यही वजह है कि पकाते समय आसानी से नहीं जलता। घी में स्थिर सेचुरेटेड बॉण्ड्स बहुत अधिक होते हैं जिससे फ्री रेडिकल्स निकलने की आशंका बहुत कम होती है।  फ्री रैडिकल्स के बढ़ने से शिशुओं में सांस की समस्या हो सकती है। घी के अंदर ऐसे तत्व मौजूद हैं जिसको खाने से शरीर के अंदर एनर्जी आती हैं।
  • घी खाने से हड्डियों को ताकत मिलती है और वह मजबूत बनती हैं। आम तौर पर हमारे घरों में रोटियां थोडी ठोस बनती हैं इसलिए अगर उसमें घी लगा कर बच्‍चे को खिलाया जाए तो वह उसे अच्‍छे से निगल लेगा। अच्‍छा होगा कि अगर आप घी को बाजार से लाने के बजाए घर पर ही बनाएं।


घी दूध का ही उत्पाद होता है लेकिन इसमें लैक्टोज नहीं होता है इसलिए ये आपके बच्चे को नुकसान नहीं पहुंचायेगा। बच्चे के जन्म के बाद वात बढ़ जाता है जो घी के सेवन से निकल जाता है। अगर ये नहीं निकला तो मोटापा बढ़ जाता है। घी से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है।

 

Image Source-Getty

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