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सर्दी का मौसम नींद को कर सकता है प्रभावित, जानें इन दोनों में संबंध

How Winters Affect Sleep: सर्द‍ियों के मौसम में अन‍िद्रा की समस्‍या होती है। जानें इस मौसम में अन‍िद्रा की समसय क्‍यों होती है। 
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सर्दी का मौसम नींद को कर सकता है प्रभावित, जानें इन दोनों में संबंध


How Winters Affect Sleep: सर्दियों में बिस्तर से उठने का मन नहीं करता है। ठंड के कारण बस बिस्तर में ही पड़े रहने की इच्छा होती है। सर्दियों में दिन छोटा और रात काफी बड़ी होती है। इसके चलते सर्दियों में लोग ज्यादा देर तक सोते हैं। ठंड में वैसे तो गर्मी के मुकाबले ज्यादा नींद की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन कुछ कारणों की वजह से लोग सर्दियों में ज्यादा देर तक सोते हैं। गर्मी और सर्दी दोनों मौसम में हमारे शरीर को समान नींद की ही जरूरत होती है। लेकिन सर्दियों में लोग ज्यादा देर तक सोना पसंद करते हैं और दो घंटे देर तक सो जाते है। सर्दियों का मौसम नींद को इन कारणों से प्रभावित कर सकता है जो कि नीचे दिए जा रहे हैं। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की। 

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ठंडा तापमान नींद खराब करता है 

ठंडा तापमान हमारी नींद को प्रभावित करता है। रिपोर्ट्स की मानें तो सर्दियों में जल्दी सूर्यास्त हो जाने के कारण लोगों को जल्द ही नींद आने लगती है। उन्हें सोने का मन करने लगता है। जबकि ऐसा नहीं है कि सर्दियों में लोगों को ज्यादा नींद की जरूरत होती है। सिर्फ साइकोलॉजिकल ही ऐसा होता है कि जल्दी सूर्य अस्त हो जाने के कारण और तापमान ठंडा होने के कारण लोगों का जल्दी ही सोने का मन करने लगता है। बिस्तर में जाते ही उन्हें आराम मिलता है और नींद आ जाती है। इसके अलावा गर्मी में सूर्य उदय जल्दी हो जाता है, जबकि सर्दी में देर से होता है। इसलिए सुबह में भी लोग देर तक बिस्तर में पड़े रहते हैं।

अधिक मसालेदार खाना खाना

गर्मियों के मुकाबले सर्दियो में खाना ज्यादा अच्छा लगता है। सर्दियों में लोग तला भुना और ज्यादा मसालेदार खाना खाते हैं। ये खाना नींद को प्रभावित कर सकता है। ठंड में लोग वर्कआउट भी नहीं करते हैं, जिससे उन्हें ज्यादा आलस आता है। इसी आलस और सुस्ती के कारण ठंड का मौसम नींद को प्रभावित करता है। यही कारण है कि सर्दियों में लोग ज्यादा देर तक सोते हैं। 

देर तक सोने की आदत 

सर्दियों में सूर्य देर से उदय होता है। अंधेरा होने के कारण यह लगता रहता है कि अभी सुबह नहीं हुई है। इसी कारण लोग सर्दियों में देर तक सोते रहते हैं। वहीं दूसरा कारण यह है कि ठंड में बिस्तर से उठने का मन ही नहीं करता है। यहीं कारण है कि गर्मियो के मुकाबले लोग एक से दो घंटे तक देर तक सोते रहते हैं।

विटामिन डी की कमी

सर्दियों में विटामिन डी की कमी से शरीर में सुस्ती छाने लगती है। इसी कारण सुबह उठने में परेशानी होती है। सर्दियों में दिन छोटा होने के कारण शरीर को विटामिन डी कम मिलती है। दरअसल, सर्दी में सूर्य देर से उदय होता है और जल्दी ही अस्त हो जाता है। इसी कारण शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है। विटामिन डी की कमी शरीर में सुस्ती का कारण बनती है।

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हार्मोन्स में बदलाव होना 

हार्मोन्स में बदलाव के कारण ठंड हमारी नींद को प्रभावित कर सकता है। ठंड में शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन का स्तर का स्तर काफी बढ़ जाता है, जिस कारण बहुत अधिक नींद आती है। सर्दियों में नींद के पैटर्न को यही हार्मोन्स प्रभावित करता है।

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